- किसी भी राष्ट्र का विकास वहां के व्यक्ति के ज्ञान, अधिकार और कर्तव्य बोध पर निर्भर करता है – डॉ गीता शुक्ला
- मीडिया ट्रस्ट आफ इंडिया के नेशनल सेकेट्री K.C.श्रीवास्तव एड.ने बताई मानवाधिकार की उपयोगिता

खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क
चकिया,चंदौली। भारतीय मानवाधिकार के तत्वावधान में सीहर ग्राम में विश्व मानवाधिकार का आयोजन विश्व मानवाधिकार दिवस के अवसर पर भारतीय मानवाधिकार के राष्ट्रीय सचिव किसान संरक्षण Dr. परशुराम सिंह की अध्यक्षता में संगोष्ठी कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
मानव को अपना अधिकार जाने बिना उनका समुचित विकास संभव नहीं-Dr.परशुराम सिंह

संगोष्ठी को संबोधित करते हुए श्री सिंह ने बताया कि किसी भी व्यक्ति की जिंदगी, आजादी, बराबरी और सम्मान के अधिकारों को हम मानवाधिकार कहते हैं. मानव को अपना अधिकार जाने बिना उनका समुचित विकास संभव नहीं है। मानवाधिकार व्यक्ति को एक पूर्ण और विकसित मानव बनाता है। किसी भी राष्ट्र का विकास वहां के व्यक्ति के ज्ञान, अधिकार और कर्तव्य बोध पर निर्भर करता है. जिस समाज में बच्चे-बूढ़े और समाज के दबे कुचले वर्ग के व्यक्ति के अधिकार का हनन होगा, उस राष्ट्र को एक उन्नत अथवा विकसित राष्ट्र बनने का सपना सदैव एक स्वप्न ही रहेगा।
राष्ट्रीय संगठन सचिव ने बताया मानवाधिकार के बारे में

वही भारतीय मानवाधिकार के राष्ट्रीय संगठन सचिव रवि प्रकाश ने बताया कि विश्व युद्ध की विभीषिका से झुलस रहे लोगों के दर्द को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ के महासभा द्वारा मानव के अधिकारों की रक्षा के लिए 10 दिसंबर 1948 को उनके अपने अधिकार और कर्तव्य का बोध कराने एवं मानवाधिकार रक्षा के उद्देश्य से विश्व मानवाधिकार दिवस मनाने की घोषणा की गई। संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा अधिकारिक तौर पर वर्ष 1950 को संपूर्ण विश्व में 10 दिसंबर को विश्व मानवाधिकार दिवस मनाने का तिथि निर्धारित किया गया. तब से संपूर्ण विश्व में 10 दिसंबर को विश्व मानवाधिकार दिवस मनाया जाने लगा।
आप अपने अधिकारों के लिए खड़े हो-डॉ गीता शुक्ला

वही क्षेत्र की मदर टेरेसा कही जाने वाली व आदर्श जन चेतना की संरक्षिका माताश्री डॉ गीता शुक्ला ने कहा कि हम सभी को मिलकर चाहे वे महिलाएं हो अथवा पुरूष अपने अधिकारों को पहचानना चाहिए। आप अपने अधिकारों के लिए खडे हो। और यह संगठन आप की पूरी मदद करेगा।
के . सी. श्रीवास्तव एड० ने दी मानवाधिकार से संबंधित कानून की जानकारी

कार्यक्रम का सफल संचालन कर रहे मीडिया ट्रस्ट आफ इंडिया के राष्ट्रीय सचिव के . सी. श्रीवास्तव एड० ने कहा कि हालांकि भारत में 28 सितंबर 1993 को विश्व मानवाधिकार कानून अमल में आया. 12 अक्टूबर 1993 को भारत सरकार ने मानवाधिकार आयोग का गठन किया. भारतीय संविधान मानवाधिकार कानून का रक्षा करते हुए इसे तोड़ने वाले को अदालत द्वारा सजा भी देती है. भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14, 15, 16, 17, 19, 20, 21, 23, 24, 39, 43, 45 देश में मानवाधिकार की रक्षा के लिए सुनिश्चित है। बताया कि विश्व मानवाधिकार का घोषणा पत्र संयुक्त राष्ट्र संघ का एक बुनियादी भाग है, जो व्यक्ति के विकास के लिए एक मील का पत्थर साबित हो रहा है।
मानसिक रोग का कैम्प का भी किया गया आयोजन
इस दौरान मानसिक रोग का कैम्प मनोरोग विशेषज्ञ डा०निशान्त सिंह के द्वारा आयोजित किया गया । साथ ही उन्होने बताया कि हमारी ओ पी डी सप्ताह में तीन दिन जिला चिकित्सालय पर लगाई जाती है। वही शहाबगंज के सी एच सी के प्रभारी डा निलेश मालवीय ने सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी दी।
इस दौरान आयुश पाठक’प्रेमगिरी उर्फ नागा बाबा’सुशील भारती’ रामप्रकाश जायसवाल, दशरथ सोनकर आदि ने अपने –अपने विचार प्रस्तुत किये। कार्यक्रम के दौरान गरीब मजलूमों के बीच जाड़े से बचाव के लिए काफी संख्या में कम्बल का भी वितरण किया गया।
बालिकाओं ने सरस्वती वंदना तो दीपक ने स्वागत गान
कार्यक्रम के दौरान इंटर कालेज की बालिकाओं द्वारा सरस्वती बन्दना व दीपक द्वारा स्वागत गान व लोक गीत प्रस्तुत किया गया ।
कार्यक्रम के दौरान इनकी रही गरिमामई उपस्थिति
कार्यक्रम के दौरान अजीत कुमार,हसामुद्दीन ,चन्द्रशेखर ,प्रमोद सिंह,सुशील भारती, अनुपम सिंह सहित जिले तहसील व ब्लाक स्तर के पदाधिकारी के साथ ही साथ भारी संख्या में लोग मौजूद रहे। कार्यक्रम का सफल संचालन के सी श्रीवास्तव एड व धन्यवाद ज्ञापन भारतीय मानवाधिकार के जिला अध्यक्ष मिथिलेश पांडेय ने किया।