• नई दिल्ली के आईएलबीएस मैं सफल ऑपरेशन के बाद चल रहा इलाज
  • बेटी के कार्य की क्षेत्र में हर तरफ हो रही चर्चा

खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क

चकिया ‚चंदौली। पूरी दुनिया में बेटी पिता के लिए परी होती है । उसकी जरा सी तकलीफ देख पिता निहाल हो जाता है। लेकिन बेटी पिता के लिए अपने जिगर का दान कर दे वह भी जब उसकी अभी – अभी हाल में ही शादी हुई हो। ऐसी मिसाल पेश की है अपने ही क्षेत्र के खरौझा ग्राम निवासी तथा गंभीर बीमारी से जूझ रहे पिता की जान बचाने के लिए उनकी नव विवाहित बेटी विवाहित बेटी रुचि पांडेय उर्फ छोटी ने जिसने अपना लीवर दान दे दिया।

नई दिल्ली के इंस्टीट्यूट आफ लिवर एंड बिलिअरी साइंस में चिकित्सकों की देखरेख में किया गया लिवर ट्रांसप्लांट

नई दिल्ली के इंस्टीट्यूट आफ लिवर एंड बिलिअरी साइंस में चिकित्सकों की देखरेख में लिवर ट्रांसप्लांट किया गया
जानकारी के अनुसार ऑपरेशन के बाद पिता तथा बेटी इस समय आईएलबीएस नई दिल्ली में स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं । दरअसल चकिया विकासखंड के खरौझा ग्राम निवासी तथा पेशे से शिक्षक राजेश पांडेय काफी दिनों से लिवर सिरोसिस की बीमारी से पीड़ित थे।

बेटी ने दिया पिता को जीवनदान

काफी इलाज करने के बावजूद भी उन्हें कोई स्वास्थ्य लाभ नहीं हुआ डॉक्टर के अनुसार उनका लिवर 90% तक खराब हो चुका था जिसके बाद वाराणसी के चिकित्सकों ने लिवर ट्रांसप्लांट करने की सलाह दी।
इसके बाद शिक्षक राजेश पांडेय की नव विवाहित बेटी रुचि पांडेय ने उर्फ छोटी ने अपना लीवर पिता को देने की इच्छा जाहिर की वाराणसी के बी एच यू से कंप्यूटर साइंस और एमबीए करने के बाद रुचि पांडेय की शादी अभी कुछ महीने पूर्व ही हुई थी। उसकी सोच थी कि ज़िंदा रहने की अवस्था या जन्म और मृत्यु के बीच का काल. जीवन एक अवसर है, जिसे हमें अच्छे से इस्तेमाल करना चाहिए. जीवन को सार्थक बनाने के लिए, हमें अपने जीवन में लक्ष्य तय करना चाहिए और उस पर ध्यान देना चाहिए । इससे अच्छा अवसर पिता के कुछ कर्ज उतारने का नही मिल पायेगा। और उसने अपना निर्णय ले ही लिया।

पिता और पुत्री दोनों कर रहे हास्पीटल में स्वास्थ्य लाभ

पिता के जीवन के लिए उसने खुद की परवाह न करते हुए लिवर दान देने का अभूतपूर्व निर्णय लिया।
इसके बाद नई दिल्ली के इंस्टीट्यूट आफ लिवर एंड बिलीयरी साइंस में उनका लिवर ट्रांसप्लांट किया गया।
डॉक्टर S .K सरीन और डॉक्टर विनियेन्द्र पामेचा की टीम ने उनके सफल ऑपरेशन किया वह इस संबंध में बहादुर बेटी रुचि पांडे के भाई ने बताया कि इस समय पिता और पुत्री दोनों अस्पताल में स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं

बेटी के अभूतपूर्व बलिदान की चहुओर चर्चा

वही बेटी द्वारा पिता के लिए किए गए इस अभूतपूर्व बलिदान की चर्चा क्षेत्र में जोरों पर है लोगों द्वारा चट्टी चौराहों पर बहादुर बेटी के बलिदान की चर्चा लगातार हो रही है ग्रामीणों ने बताया कि मातृ शक्ति की पूजा की महापर्व नवरात्रि में बहादुर बेटी द्वारा अपने पिता के लिए किया गया अभूतपूर्व निर्णय आगामी पीढ़ियों के लिए नजीर साबित होगा। इस बेटी ने अपने बीमार पिता को लीवर डोनेट कर दिया, जिसके बाद पिता की जिंदगी बच गई. आज इस बेटी के साहस और हौसले की चर्चा सबकी जुबान पर है। पिता का कहना है – हमें अपनी बेटी पर नाज है।