WELCOM 2023- नए साल को सेलिब्रेट करने के लिए चकिया के ये बेहतरीन पिकनिक स्पाट
आशु पंडित की रिर्पोट
जनपद के दक्षिणांचल में प्रकृति की गोद में स्थित जलप्रपातों और PICNIC SPOTS को देखने के लिए वर्ष भर सैलानियों का जमावड़ा लगता है। पूर्वांचल के स्वर्ग कहे जाने वाले राजदरी, देवदरी, लतीफशाह, मूसाखाड़, औरवाटांड़ में प्रकृति की नैसर्गिक छटा को निहारने के लिए दूरदराज के सैलानी और विदेशी पर्यटक बड़ी तादाद में पहुंचते हैं। लेकिन नववर्ष के जश्न के मौके पर अन्य दिनों की अपेक्षा सैलानियों की तादाद काफी बढ़ जाती है। सुरक्षा के बाबत पुलिस की चाक-चौबंद व्यवस्था रहती है।
विंध्य पर्वत मालाओं में बसा पूर्वांचल का स्वर्ग राजदरी देवदरी
विंध्य पर्वत मालाओं में बसा पूर्वांचल का स्वर्ग राजदरी देवदरी के नाम से जाना जाता है। हरे-भरे जंगलों के बीच जलप्रपातों से गिरता पानी और उनसे उठती फुहारें अपनी नैसर्गिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है।
काशी वन्य जीव प्रभाग में पर्यटकों के लिए राजदरी देवदरी, चंद्रप्रभा डैम, मूसाखाड़ डैम, लतीफशाह डैम,नौगढ़ डैम, औरवाटांड़ भी सैलानियों को आकर्षित करते हैं। ठंड के मौसम में पहाड़ों में जमीं ओस की परत और धुंध के अलावा जलप्रपातों से गिर रहे पानी को देखने के लिए दूरदराज के सैलानियों का हुजूम उमड़ पड़ता है। पहाड़ों से वाष्पित हो रही ओस की बूँदे मानो सैलानियों को स्वर्ग में रहने की अनुभूति कराती हैं।
नववर्ष का पहला दिन मनाने के लिए सैलानियों की भीड़ उमड़ पड़ती है । इन स्थानों पर जिले के साथ ही अन्य जगहों के करीब 30 हजार से अधिक सैलानियों की भीड़ जमा रहती है। सुरक्षा की दृष्टि से चप्पे-चप्पे पर पुलिस कर्मियों की तैनाती रहती है।
यहां करे इंज्वॉय
राजदरी देवदरी जलप्रपात–
जिला मुख्यालय से करीब 47 किलोमीटर की दूरी पर विंध्य पर्वत श्रृंखलाओं के बीच में राजदारी देवदारी जलप्रपात है। दोनों जलप्रपातों में चंद्रप्रभा डैम से छोड़ा गया पानी जंगलों को चीरते हुए नीचे गिरता है जो लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनता है। जंगलों के दो बड़े भू-भाग के बीच राजदरी और देवदरी जलप्रपात के पास बने सर्च टावरों से दोनों तरफ के घने जंगलों को देखा जा सकता है। इन जलप्रपातों को देखने से पूर्व पर्यटको को चंद्रप्रभा वन्य जीव विहार के प्रवेश द्वार से होकर गुजरना पड़ता है, जहां पर पर्यटको को सरकारी शुल्क देना पड़ता है। इसके अलावा राजदरी गेस्ट हाउस के पास स्थित नेचर सेंटर और नव निर्मित पार्क का लुत्फ भी सैलानी उठा सकेंगे।
औरवाटांड़ जलप्रपात—
जिला मुख्यालय से लगभग 65 किलोमीटर की दूर नौगढ़ थाना क्षेत्र में यूपी और बिहार की सीमा पर विशाल औरवाटांड़ जलप्रपात है। जहां पहुंचने पर पर्यटक जलप्रपात का आनंद लेने के साथ ही बिहार की पहाड़ी में बसे गांवों को भी निहारते हैं। इसको निहारने के लिए समय-समय पर सैलानियों की भीड़ लगती है, नववर्ष के पहले दिन सैलानियों का सैलाब उमड़ पड़ता है। लोगबाग अपने परिवार के साथ पूरे दिन आनंद उठाते हैं।
लतीफशाह डैम—-
जिला मुख्यालय से 36 किलोमीटर की दूरी पर चकिया में कौमी एकता के प्रतीक बाबा लतीफशाह की मजार है, उनके समीप ही लतीफशाह डैम है। नए साल और त्योहारों के अलावा प्रत्येक शुक्रवार को काफी संख्या में पर्यटक वहां पहुंचते हैं जहां बाबा की मजार पर चादरपोशी और दुआख्वानी करने के साथ ही पिकनिक का आनंद लेते हैं। यहां पर मुस्लिम बंधुओं के साथ ही हिन्दुओं की भी भीड़ बराबर बनी रहती है लोग एक साथ सौहार्दपूर्ण वातावरण में बाबा से आशीर्वाद लेकर पिकनिक का आनंद उठाते हैं।
मूसाखाड़ डैम—
डैम के संरक्षित क्षेत्र में फैला पानी कराता है समंदर की अनुभूति
जनपद मुख्यालय से 46 किलोमीटर की दूरी पर वनगांवा क्षेत्र में स्थित विशालकाय मूसाखाड़ डैम अपनी सुंदरता के लिए जाना जाता है। डैम के संरक्षित क्षेत्र में फैला पानी समंदर की अनुभूति कराता है। इसके अलावा डैम के तीन तरफ स्थित विंध्य पर्वत की पहाड़ियां प्राकृतिक सुंदरता के लिए मशहूर है।
सुरक्षा की रहती है चाक चौबंद व्यवस्था—
पुलिस अधीक्षक अंकुर अग्रवाल ने बताया कि नए वर्ष पर सैलानियों की भारी भीड़ को देखते हुए नौगढ़ और चकिया के सर्किल क्षेत्र के सभी थाने और चौकियों की पुलिस फोर्स की ड्यूटी संबंधित क्षेत्रों पर लगाई जाती है। बताया कि इस दौरान जो भी सौहार्दपूर्ण वातावरण को खराब करता मिलेगा उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
कोरोना गाइड लाइन का करना होगा पालन—-
काशी वन्य जीव प्रभाग के डीएफओ दिनेश सिंह ने बताया कि शासन के निर्देशों के क्रम में पर्यटक स्थलों के प्रवेश द्वार पर कोविड काउंटर की स्थापना कराई जाएगी, जहां से सैलानियों को सैनिटाइज करने के साथ ही मास्क के साथ प्रवेश दिया जाएगा|