बाहुबली मुख्तार अंसारी पर हुए जानलेवा हमले का मामला
विधि सम्बाददाता खबरी नेशनल न्यूज नेटवर्क
प्रयागराज । इलाहावाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति अरविंद कुमार मिश्र ने बृजेश सिंह की जमानत अर्जी बाहुबली मुख्तार अंसारी पर हुए जानलेवा हमले के मामले में मंजूर कर ली है। बता दे कि ब्रजेश सिंह इस मामले में 2009 से जेल में बंद है। ब्रजेश सिंह व अन्य लोगों के खिलाफ गाजीपुर के महबूबाबाद थाने में जानलेवा हमला व हत्या सहित आईपीसी की कई धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया था।
कोर्ट ने तथ्यों और परिस्थितियों के मद्देनजर ब्रजेश सिंह को जमानत पर रिहा करने का दिया आदेश
कयास यह भी लगाया जा रहा है कि इस मामले में जमानत मिलने के बाद भी ब्रजेश सिंह के जेल से बाहर आने पर संशय है। कई साल तक फरार रहने के बाद ब्रजेश सिंह को 2007 में उड़ीसा से पकड़ा गया था। तभी से वह वाराणसी की जेल में बंद है।ब्रजेश पर अपने साथियों के साथ मिलकर मुख्तार अंसारी के काफिले पर जानलेवा हमला करने का आरोप है। हमले में मुख्तार के गनर की मौत हो गई थी तथा कई अन्य लोग घायल हो गए थे। इससे पूर्व उसकी पहली जमानत अर्जी इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दी थी। साथ ही कोर्ट ने विचारण न्यायाधीश को निर्देश दिया था कि मुकदमे का विचारण में एक वर्ष के अंदर सभी गवाहों की गवाही पूरी कर ली जाए और ट्रायल पूरा किया जाए। इसकी अवधि बीतने के बाद भी सिर्फ एक ही गवाह का बयान दर्ज कराया जा सका है। यह भी कहा गया कि याची के खिलाफ 15 आपराधिक मामलों का अपराधिक इतिहास है। इस एक मामले में उसे जमानत नहीं मिली है। मुकदमे का ट्रायल जल्द पूरा होने की उम्मीद नहीं है।राज्य सरकार और मुख्तार अंसारी की ओर से जमानत अर्जी का विरोध किया गया। कहा गया कि याची के खिलाफ 41 आपराधिक मुकदमे हैं। उसे जेल से रिहा करना उचित नहीं है। सुनवाई के बाद कोर्ट ने तथ्यों और परिस्थितियों के मद्देनजर ब्रजेश सिंह को जमानत पर रिहा करने का आदेश दे दिया।