चन्द्रप्रभा अभयारण्य क्षेत्र में स्वतंत्र विचरण करने वाले जीव जंतुओं को प्यास तृप्त करने के लिए होने लगी घोर समस्या

खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क
नौगढ़,चंदौली। देश के प्रमुख पर्यटन स्थलों में शुमार राजदरी देवदरी जल प्रपात का सैलानियों के लिए मुख्य आकर्षण का केन्द्र रहा वहा का गिरता हुआ अचानक जब पानी हुआ अदृश्य तो खेतों की सिंचाई भी हो गई प्रभावित।

बांध के पानी में निवासरत जल जंतुओं के प्राणों पर भी आफत आ जाने से उठने लगी है काफी दुर्गन्ध

प्रथम पंचवर्षीय योजना मे हुए चन्द्रप्रभा बांध का निर्माण के बाद से शायद यह पहला अवसर है कि बांध मे पानी का टोटा

पानी के अकाल की जानकारी मिलते ही उपजिलाधिकारी डा.अतुल गुप्ता ने मौके पर पहुंच कर स्थलीय निरीक्षण कर के तत्काल क्षेत्रीय वन अधिकारी चन्द्रप्रभा व जिलेदार चतुर्थ चन्द्रप्रभा प्रखंड को मोबाइल पर अवगत करा कर के 3 दिवस में स्पष्टीकरण मांगा है।
उपजिलाधिकारी ने बताया कि प्रथम पंचवर्षीय योजना मे हुए चन्द्रप्रभा बांध का निर्माण के बाद से शायद यह पहला अवसर है कि बांध मे पानी का अभाव सा हो गया है।

वनविभाग उन जल जंतुओं को चन्द्रप्रभा बांध मे छोड़कर समुचित आश्रय स्थल होना बतलाता रहा आज की स्थिति बदली

जनपद में कहीं भी मगरमच्छ ईत्यादि जानवरों को भटककर जलाशय से बाहर दिखने पर वनविभाग उन जल जंतुओं को चन्द्रप्रभा बांध मे छोड़कर समुचित आश्रय स्थल होना बतलाता है।
साथ ही बांध के पानी मे अन्य जलीय जीव जंतु भी तैरकर मनमोहक छठा के आकर्षण का आगाज करते थे।जो कि पानी के अभाव में विलुप्त सा हो गये हैं।

पानी के टोटे से सैलानियों की आवाजाही मे भी निश्चय ही कमी की आशंका

वहीं चन्द्रप्रभा अभयारण्य क्षेत्र में रैन बसेरा करने वाले जंगली पशु पक्षी अब कैसे पानी पीकर अपनी प्यास बुझाएंगे।
देश के कोने कोने के सैलानियों के साथ ही विदेशी सैलानी भी प्रमुख पर्यटन स्थल राजदरी देवदरी जनप्रपात की मनमोहक छवि निहारने के लिए निरंतर आते रहते हैं।जिससे वनविभाग को शुल्क के रूप में अच्छी खासी आय अर्जित होती है।लेकिन पानी के अभाव में सैलानियों की आवाजाही मे भी निश्चय ही कमी आ जाएगी।

जलीय जीव जंतुओं के प्राण पखेरू उड़ना हो गया शुरू

बताया कि बांध के एकदम नीचे की भूमि में पानी के अभाव से दरारें आ गई है।जहां पर पहुंचने मे काफी दुर्गंध उठ रहा है।जिससे प्रतीत हो रहा है कि जलीय जीव जंतुओं के प्राण पखेरू उड़ना शुरू हो गया है।

प्रथम पंचवर्षीय योजना मे चन्द्रप्रभा बांध का हुआ था निर्माण

जानकारों की माने तो जनपद सोनभद्र के सरहदी व क्षेत्र के उदितपुर सुर्रा गांव के करीब से निकली चन्द्रप्रभा नदी के पानी को एकत्रित कर चकिया सिकन्दरपुर बबुरी ईत्यादि क्षेत्रों के कृषि योग्य भूमि को सिंचित करने के लिए आजादी के बाद प्रथम पंचवर्षीय योजना मे चन्द्रप्रभा बांध का निर्माण हुआ था।

सिंचाई विभाग द्रारा कुछ पानी को रोक दिया गया होता तो शायद इस तरह की स्थिति नहीं होने पाती

इस वर्ष अवर्षण होने से बांध मे मौजूद पानी को सिंचाई मे प्रयुक्त होने के लिए छोड़ दिए जाने से जंगली जीव जंतुओं को प्यास बुझाने की आफत व जलीय जीव जंतुओं का आश्रय स्थल समाप्ति की ओर हो रहा है।

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