- जनप्रतिनिधियों के कोरे आश्वासन से आजीज आ चुके ग्रामीण।
- सडक पर उतरने की बनाई योजना।
- पिछले कई वर्षो से गर्मी के दिनों में हो रहा यही हाल।
- भा ज पा का सबसे जबरजस्त वोटवैंक लेकिन नही सुनी जाती कोई समस्या।
- ट्रांसफार्मर की क्षमता बढाने के लिए कई कर चुके है गुजारिस ‚ मामला सिफर।
- विधायक नही ले रहे सज्ञान।
- लगातार विजली न रहने के कारण ‚नीद पूरा न होने से लोग डिप्रेसन के हो रहे शिकार।
- मोबाइल चार्जिंग व पंखे की हवा को तरस रहे लोग।
- टी वी ‚फ्रीज ‚ कूलर सभी हुए बेमानी।
खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क
चकिया‚चंदौली। खबर तहसील मुख्यालय से सटे गांव पचवनियां से है । जहां हर साल उमस भरी गर्मी में बिना बिजली के अंधेरे में जीवन यापन करना पड़ता है महज गर्मी के कुछ दिन ही ग्रामीणों को बिजली सुचारू रूप से मिल पाती है नहीं तो आए दिन ट्रांसफॉर्मर जलने और बदलवाने में सप्ताह का समय लगने से ऊब चुके हैं ग्रामीण । यहाँ तक कि मोबाइाल चार्ज करवाने व पानी के पड जाते है लाले। गर्मी के कारण लोग हो रहे हाइपरटेंशन के शिकार‚वही राजनेताओं की बात करें तो वे केवल आश्वासन की घुट्टी पिलाने में माहिर हाेते जा रहे है। कहा जा रहा था कि वर्तमान विधायक कैलाश आचार्य काफी अच्छा कार्य करेंगे लेकिन ये तो और भी जनता की समस्या सुनने से भी परहेज कर रहे है। कहते है मै क्या करूǃ जब इनकी विभाग नही सुनेगा तो किसकी सुनेगां। जब एक जन प्रतिनिधि ही नही कुछ कर पायेगा तो आम जनता की क्या विसात है।
जन प्रतिनिधियों से नाराज है ग्रामीण‚एक वर्ग विशेष का बोलबाला
पचवनियां गांव के ग्रामीणों ने बताया कि इस गांव से जनप्रतिनिधि पूरे जनपद में रिकार्ड वोट पाते हैं लेकिन चुनाव जीतने के बाद गायब हो जाते हैं । पिछले साल अलग अलग मोहल्लों में 25 केवी के छोटे ट्रांसफार्मर या तो 63 केवी ट्रांसफार्मर की क्षमता बढ़ाने की मांग कर चुके हैं ग्रामीण ।
आइए जानते है क्या है ट्रांसफार्मर बार -बार जलने की असली वजह
गर्मी के दिनों में ट्रांसफॉर्मर जलना सामान्य सी बात है लेकिन पूरी गर्मी ट्रांसफॉर्मर जलने और बदलवाने में निकल जाए यह ग्रामीणों को हजम नहीं हो रहा है । इसकी असल वजह ग्रामीणों ने बताया कि 63 केवी के लगे ट्रांसफार्मर पर एकस्ट्रा लोड होना है । जिसके निवारण के लिए ग्रामीणों ने अलग अलग मोहल्लों में 25 केवी के 3 ट्रांसफार्मर की मांग की या तो 63 केवी ट्रांसफार्मर की क्षमता 100 केवी बढ़ाने की की ।
आखिर क्या है निदानǃ
पूरे गॅाव में 63 केवी का ट्रांसफार्मर लगा हुआ है। ट्रांसफार्मर पर एकस्ट्रा लोड पड़ने का एक बड़ी वजह ये भी है की गांव के कुछ मोहल्लों में 25 केवी के ट्रांसफार्मर तो लगे लेकिन उन मोहल्लों से 63 केवी ट्रांसफार्मर की सप्लाई नहीं हटाई गई ।
पचासों गॉवों को जोड़ने वाले जर्रर पुल पर नही है किसी का ध्यान
पचासों गांव के आवागमन के लिए बाधित जर्जर पुल को छोड़ एक गांव का पुल पहले बनाया जाना लोगों को नागवार गुजर रहा है। लोगो का कहना है इस सरकार में केवल रसूकवालों की कदर है। उनकी छोटी समस्या को भी लिस्ट किया जाता है जब कि हजारों की समस्या को दरकिनार किया जा रहा है।
वर्तमान पुल आवागमन के लिए उपजिलाधिकारी ने करवा दिया बन्द
पचवनिया गांव के ग्रामीण गांव के मुख्य पुल जिससे पचासों गांव के लोगों का आना जाना रहता है जो कि जर्जर होने के कारण वर्तमान एसडीएम ज्वाला प्रसाद द्वारा बंद किया जा चुका है। जिसके कारण पचवनिया गांव सहित अन्य गांव के ग्रामीणों को आवागमन में दिक्कत हो रही है उसको बनाने में प्राथमिकता न देते हुए पड़ोस में बोदरा खुर्द के लिए महज एक गांव के लिए बनाए जा रहे पुल को देखकर ग्रामीणों ने वर्तमान विधायक को हासिये पर लिया और पक्षपात का आरोप लगाया।