खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क
लखनऊ। सिर से माता-पिता का साया उठने के बाद अनाथ हुईं दो नाबालिग बहनों को एक परिवार अपने साथ ले गया। सबने इस फैसले को सराहा और मिसालें दीं। छह साल बाद घिनौना सच सामने आया कि 12 साल की बच्ची को बंधक बनाकर रखा गया। इतना ही नहीं जिस शख्स को पिता का दर्जा दिया, वह उसका शारीरिक शोषण करता रहा।
उत्तर प्रदेश राज्य बाल संरक्षण आयोग के संज्ञान में मामला आया। आयोग ने तत्काल 181 वन स्टॉप सेंटर को लिखा और दो दिन में आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराकर बच्ची को रेस्क्यू कर सरकारी आश्रय में ले लिया गया है। प्रभारी निरीक्षक बीकेटी ब्रजेश चंद्र तिवारी ने बताया कि पॉक्सो व दुराचार का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
काउंसिलिंग के दौरान मासूम फूट-फूट कर रोई और फिर सुनाई आपबीती
181वन स्टॉप सेंटर की मैनेजर अर्चना सिंह ने बताया कि राज्य बाल आयोग का पत्र मिलते ही 17 मई को रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया। टीम बख्शी का तालाब पहुंची और दहशत में सुधबुध खो चुकी बालिका को सेंटर लेकर आई। काउंसिलिंग के दौरान मासूम फूट-फूट कर रोई और फिर आपबीती सुनाई। अर्चना सिंह ने बताया कि आरोपी के तीन बच्चे हैं। आश्चर्य की बात है कि पत्नी को भी उसकी करतूत की पूरी जानकारी थी।
जिन्हें हम पिता कहते थे, वे शराब पीकर बड़ी बहन के साथ पता नहीं क्या करते थे
बच्ची ने बताया कि माता-पिता के मरने के बाद ये लोग हमें ले आए। जिन्हें हम पिता कहते थे, वे शराब पीकर बड़ी बहन के साथ पता नहीं क्या करते थे। एक दिन जंगल ले जाकर उसके साथ गंदी हरकतें कीं। फिर पता नहीं कि वह कहां गायब हो गई। फिर मेरे साथ वही सब करने लगे। अर्चना ने कहा कि इतना कहते ही मासूम हमसे लिपट गई और हाथ जोड़कर गिड़गिड़ाने लगी कि मुझे वहां नहीं रहना है, मैं मर जाऊंगी। मुझे वहां मत भेजिए।
दो दिन पहले दर्ज कराई गई थी गुमसुदगी
डीपीओ विकास सिंह के मुताबिक, बच्ची को राजकीय बालिका गृह में आश्रय दिलाया गया है। उसे सरकारी योजना से जोड़ते हुए पढ़ाई के साथ उसके कौशल विकास के सारे प्रबंध किए जाएंगे। अर्चना सिंह के मुताबिक, बीकेटी थाने में दो दिन पहले आरोपी ने बड़ी बेटी की गुमशुदगी दर्ज कराई। इस बीच वह अचानक दो बच्चों के साथ आरोपी के पास लौट आई। शुक्रवार को उसकी काउंसलिंग होगी।