मिर्जापुर से सलिल पांडेय की रिपोर्ट
बहरहाल सियासत जेठ के महीने की तरह गर्म
खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क
मिर्जापुर। इसी महीने हुए छानबे विधानसभा उपचुनाव तथा निकाय चुनाव में जिले की दो नगरपालिकाओं में अध्यक्ष पद पर ‘कमल’-वर्षा होने से सत्ता दल ने जिले में अपना राजनीतिक मधुछत्ता बना लिया है। इस मधुछत्ते की टपकते मधु (शहद) की बून्दों के रसास्वादन का दौर सत्ताधारी दल में चल रहा है। 27 मई को जोर-शोर से शपथ-ग्रहण समारोह की तैयारियां चल रही हैं लेकिन इस समारोह पर नजर टिकी है लोगों की कि सत्ता का कौन सा पत्ता समारोह में भारी रहेगा ? ऐसा इसलिए कि सत्तादल हो और दांव-पेंच न हो, यह संभव ही नहीं है।
माननीय+माननीय=ब्लास्टिंग की संभावना
सिटी क्लब में आज (27 मई, शनिवार) को अपराह्न साढ़े 3 बजे कांटे की टक्कर में जीते श्यामसुंदर केसरी को शपथ दिलाकर नगर के पथ पर भ्रमणशील कराया जाएगा। नगर के उबड़-खाबड़ पथ पर तो चलना कठिन नहीं लेकिन राजनीतिक-पथ पर चलना जरूर कांटों भरा होगा। क्योंकि वे अपनी ही पार्टी की विरासत सम्हालने जा तो रहे हैं लेकिन विरासत जिसे सामान्य भाषा में दहेज भी कहा जा सकता है, वह जरूर कांटों भरा है। जिस गद्दी के वे उत्तराधिकारी हो रहे हैं, उस गद्दी की स्थिति राजनीतिक दृष्टि से गड्डमगड्ड रही है। किसी अपनों को भी गद्दी के नज़दीक फटकने नहीं दिया गया था, चाहे वह कितना भी बड़ा शंहशाह क्यों न रहा हो। कुछ खासमखास से घिरी रहती थी गद्दी। ऐसी स्थिति में श्री केसरी की कैसी रणनीति रहेगी, इस पर नजर सबकी लगी रहेगी। शपथ ग्रहण समारोह में माननीयों की भरमार रहेगी। इसमें यह साबित करने की होड़ भी रहेगी कि केसरिया-रंग जमाने में किसकी ज्यादा भागीदारी थी। इसको लेकर भृकुटियां चढ़ सकती हैं, क्योंकि चुनावपूर्व अंतिम जुलूस में ‘कमल’ को पुष्पित-पल्लवित करने में खून-पसीना बहाने वाले माननीयों को ऐसा लगा था कि ‘नए मुल्ले ज्यादा प्याज खा रहे हैं।’ ‘मेड-इन कमल’ कम्पनियों के GM और MD स्तर के लोगों को ऐसा भी लगा था कि ‘कमल-भूमि’ को लाभप्रद मानकर आयातित कम्पनियों ने कमल-मार्केट को कब्जा करने की कोशिश की थी। यह दृश्य शपथ-ग्रहण समारोह में भी हो सकता है।
तैयारियां जोरों पर
विगत 2-3 दिनों से सिटी-क्लब को सत्ता के वर्चस्व का हब बनाने का अभियान जारी है। सत्ताधारी दल का ‘लोगो’ (पहचान-चिह्न) ही बुलडोजर हो गया है लिहाजा बुल्डोजर लगाकर साफ-सुथरा फील्ड किया गया है। मंच पर तकरीबन 20 माननीयों के लिए अध्यक्ष के मुख्य सिंहासन के अगल-बगल सिंहासन लगाया जा रहा है। मुख्य सिंहासन के ठीक अगल-बगल कौन बैठेगा, यह तो समारोह में ही दिखेगा। फिलहाल बगल का सिंहासन तय करेगा कि देशी कम्पनी और परदेशी कम्पनी की क्या स्थिति है? फील्ड में तकरीबन एक हजार कुर्सियों लगाई जी जाएंगी क्योंकि पूरे फील्ड को शामियाने से आवृत्त कर दिया गया है। पालिका के 20 अधिकारी एवं तकरीबन 100 कर्मचारी ड्यूटी पर लगाए गए हैं। सबकी जिम्मेदारी फिक्स कर दी गई है। आमजन के लिए गङ्गा दशहरा के 3 दिन पूर्व टैंकर से जल की उपलब्धता की व्यवस्था है जबकि विशिष्ट जनों को प्लास्टिक की बंद बोतल से जल प्रदान किया जाएगा।
त्रिकोण की स्थिति
त्रिकोणीय धाम से गौरवान्वित मिर्जापुर के सत्तादल में भी तीन कोण बने हैं। एक मूल दल, दूसरा सहयोगी दल और तीसरा इम्पोर्टेड दल। अनेक अवसरों पर कभी मूल दल आगे रहते देखा जाता है तो कभी सहयोगी दल तो कभी अपने पम्प एन्ड शो के चलते इम्पोर्टेड दल। ऐसी स्थिति में दल-दल का रूप लोगबाग देखते रहते हैं।
विपक्ष निर्बल
जिले में विपक्ष पक्षाघात की बीमारी से त्रस्त है। बीमारी के चलते रेड-टोपी का रेड-ब्लड सेल्स डाउन हो गया है। सेल्स डाउन होने की जिम्मेदारी एक दूसरे पर थोपी जा रही है। अलग-अलग ब्लड ग्रुप के लोगों की भूमिका की टेस्टिंग की मांग भी चल रही है। विपक्ष के निर्बल रूप को देखकर राजनीतिक रणभूमि में बजे शंखनाद की गूंज अभी भी जारी है। ‘मिलन’ का दौर चल रहा, ललकार की गूंज भी सुनाई पड़ रही कि जिले में ‘रंगदारी’ को रंगबाजी नहीं करने दी जाएगी।