कॉल करने के बावजूद उसे समय से एंबुलेंस नहीं मिलने के कारण महिला का एबार्सन हो गया‚जिसकी जानकारी होने पर डिप्टी सी एम ने कडा रूख अख्तियार करते हुए दिये जांच के आदेश
खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क
लखनऊ। राजधानी लखनऊ का सबसे पॉश इलाका…राजभवन। रविवार सुबह करीब 11-12 बजे यहां आम दिनों की अपेक्षा भीड़ काफी कम थी। तभी राजभवन के गेट नंबर-13 के सामने एक रिक्शा अचानक रुक जाता है। रिक्शे पर बैठी महिला प्रसव पीड़ा से तेज-तेज चीखने-चिल्लाने लगती है। महिला के साथ जा रहा उसका पति परेशान होकर वहां से गुजर रहे लोगों से मदद मांगता है। महिला की हालत देखकर कुछ लोग एम्बुलेंस को कॉल करते हैं, लेकिन उन्हें मदद नहीं मिलती है।
महिलाओं ने रिक्शे की आड़ में चादर घेरकर महिला की कराई प्री-मैच्योर डिलीवरी
इसी बीच कुछ महिलाएं रिक्शे की आड़ में चादर घेरकर महिला की प्री-मैच्योर डिलीवरी कराती हैं। इस सब घटनाक्रम के बीच करीब 1 घंटे बाद पुलिसकर्मी एम्बुलेंस के साथ मौके पर पहुंचे। इसके बाद आनन-फानन में महिला और भ्रूण को लेकर हजरतगंज के झलकारी बाई हॉस्पिटल लेकर पहुंचे। जहां डॉक्टरों ने नवजात को मृत घोषित कर दिया। महिला मूल रूप से बाराबंकी की रहने वाली है। जो कि प्रेरणा स्थल के पीछे अस्थायी रूप से रहती है।
सख्त कार्यवाही के आदेश के साथ ही अंतिम संस्कार कराने गये उप मुख्य मंत्री
इस घटना की खबर मिलने पर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक अपनी पत्नी नम्रता के साथ तुरंत अस्पताल पहुंचे। उन्होंने OT रूम में पीड़ित महिला से मुलाकात की और उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
राजभवन के बाहर एक महिला को प्रसव पीड़ा हुई। साथ में मौजूद तीमारदार ने कई बार कॉल की पर काफी देर तक एंबुलेंस नहीं पहुंची। आखिरकार महिला का गर्भपात हो गया। इस मामले में उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने सख्त कार्रवाई का आदेश दिया है। वहीं, मृत बच्चे का अंतिम संस्कार कराने के लिए प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक खुद शमसान तक गए।महिला को भर्ती कर लिया। घटना की सूचना पाकर डिप्टी सीएम व उनकी पत्नी नम्रता पाठक भी दोपहर में अस्पताल पहुंचे। महिला का हाल लिया। पति से हर संभव मदद का आश्वासन दिया। डिप्टी सीएम ने प्रमुख सचिव को मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
कैसा रहा घटनाक्रम‚एम्बुलेश के लेट पहुॅचने से तोड दिया प्री मैच्योंर डिलिवरी वाले बच्चे ने दम
माल एवेन्यु निवासी ब्रजेश की पत्नी रूपा 30 साढ़े चार माह की गर्भवती थी। रविवार सुबह करीब आठ बजे गर्भवती को पेट में दर्द उठा। पति ब्रजेश उसे सिविल अस्पताल लेकर आया। वहां पर इमरजेंसी में डॉक्टरों ने महिला को दर्द से राहत देने के लिए इंजेक्शन लगाया और दवा दी। कुछ देर वहां पर भर्ती रहने बाद उसे घर जाने की सलाह दी गई। सुबह करीब 11:45 वह रिक्शे से अपनी भाभी रीता संग घर जा रही थी। पति दूसरे साधन से पीछे से आ रहा था। तभी राजभवन के गेट नंबर 13 पास गर्भवती को रक्तस्त्राव शुरू हो गया। भाभी ने उसे रिक्शे उतारकर रोड किनारे बिठाया।
इस दौरान वहां पर भीड़ जुट गई। पति को इसकी जानकारी मिली तो वह भी मौके पर आ गया। परिजनों ने परिचित को फोन करके वहां पर बुलाया। परिचित अपने संग लाए साड़ियों का प्रयोग करके गोपनीयता बनाई। कुछ ही देर बाद रूपा ने समय से पहले बच्चे को जन्म दे दिया। इसी बीच कई अन्य महिलाएं भी आ गई। उनके जरिए साड़ियां मंगाकर उसे कवर किया। लोगों ने जच्चा-बच्चा को अस्पताल पहुंचाने के लिए एंबुलेंस पर कॉल किया। करीब आधे घंटे बाद एंबुलेंस मौके पर आई। जच्चा-बच्चा को अस्पताल ले जाया गया। वहां पर बच्चे को मृत घोषित कर दिया गया। झलकारी बाई अस्पताल की सीएमएस डॉ. निबेदिता कर ने बताया दरोगा भानु प्रताप सिंह व महिला सिपाही मृदुला एंबुलेंस से अस्पताल लाए थे। समय से पहले प्रसव होने से बच्चे की मौत हो गई। महिला अभी अस्पताल में भर्ती हैं।