प्रधानमंत्री के रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से एक दिन पहले ही 21 जनवरी को अयोध्या आ जाने की संभावना बलवती अमृत जन्मोत्सव व रामचरित मानस प्रवचन में भी होंगे शामिल
खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क
लखनऊ ।अयोध्या में बने विश्व प्रसिध्द ऐतिहासिक भव्य मंदिर में रामलला के गर्भगृह में प्रवेश करने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले सरयू में आस्था की डुबकी लगाएंगे। यहां स्नान के बाद सरयू का पवित्र जल लेकर राम मंदिर तक पैदल जाएंगे। हनुमानगढ़ी के अलावा मां सीता की कुलदेवी देवकाली मंदिर में भी दर्शन की योजना पर विचार किया जा रहा है। प्रधानमंत्री के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से एक दिन पहले ही 21 जनवरी को अयोध्या आ जाने की संभावना है। पीएम जगदगुरु रामभद्राचार्य के अमृत जन्मोत्सव व रामचरित मानस प्रवचन में भी शामिल होंगे।
एसपीजी की ओर से हरी झंडी दिए जाने के बाद ही किया जाएगा फाइनल
प्रधानमंत्री मोदी का 22 जनवरी को रामलला के नवीन विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा में आगमन पहले से सुनिश्चित है। अब उनके अयोध्या दौर से जुड़े कुछ नए कार्यक्रमों पर भी विचार किया जा रहा है। इसके लिए रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट समेत प्रशासन व पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी एसपीजी के साथ मंथन कर रहे हैं। एसपीजी की ओर से हरी झंडी दिए जाने के बाद ही इसे फाइनल किया जाएगा।
रामलला के चयनित मूर्ति की होगी नौ विशेषताएं
- -श्याम शिला की आयु हजारों साल होती है, यह जल रोधी होती है।
- –चंदन, रोली आदि लगाने से मूर्ति की चमक प्रभावित नहीं होगी।
- -पैर की अंगुली से ललाट तक रामलला की मूर्ति की कुल ऊंचाई 51 इंच है।
- -चयनित मूर्ति का वजन करीब 150 से 200 किलो है।
- -मूर्ति के ऊपर मुकुट व आभामंडल होगा।
- -श्रीराम की भुजाएं घुटनों तक लंबी हैं।
- -मस्तक सुंदर, आंखे बड़ी और ललाट भव्य है।
- -कमल दल पर खड़ी मुद्रा में मूर्ति, हाथ में तीर व धनुष होगा।
- -रामलला मूर्ति में पांच साल के बच्चे की बाल सुलभ कोमलता झलकेगी।
कड़ी सुरक्षा में जन्मभूमि परिसर पहुंचाई गई रामलला मूर्ति
प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान के दूसरे दिन बुधवार को रामलला की चांदी की प्रतिमा को राममंदिर परिसर का भ्रमण कराया गया। पहले रामलला की अचल मूर्ति को जन्मभूमि परिसर में भ्रमण कराने की योजना थी, लेकिन सुरक्षा कारणों और मूर्ति का वजन अधिक होने से परिसर भ्रमण की रस्म रामलला की छोटी रजत प्रतिमा से पूरी कराई गई।
आज गुरूवार को गर्भगृह में सोने के सिंहासन पर विराजित किया जाएगा 10 किलो की रामलला की चाँदी की अचल मूर्ति
10 किलो वजनी रामलला चांदी की प्रतिमा को मुख्य यजमान डॉ़ अनिल मिश्रा ने पालकी पर विराजमान कर मंदिर भ्रमण कराया। इस बीच मंदिर परिसर वैदिक मंत्रोच्चार से गूंजता रहा। आचार्यों, मंदिर निर्माण में लगे इंजीनियरों व सुरक्षाकर्मियों ने प्रतिमा पर पुष्पवर्षा की। विहिप के संरक्षक मंडल के सदस्य दिनेश चंद्र व डॉ़ अनिल ने रामलला की रजत प्रतिमा का पूजन किया। इसके बाद निर्मोही अखाड़ा के महंत दिनेंद्र दास और पुजारी सुनील दास ने गर्भगृह में सिंहासन की पूजा की। रामलला की अचल मूर्ति बुधवार देर शाम विवेक सृष्टि परिसर से कड़ी सुरक्षा में राम जन्मभूमि परिसर ले जाई गई, जिसे बृहस्पतिवार को गर्भगृह में सोने के सिंहासन पर विराजित किया जाएगा।
रामलला मंदिर में प्रवेश से पहले मोदी हनुमंत लला को अपनी श्रद्धा निवेदित
प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार पीएम के अयोध्या प्रवास के दौरान 22 जनवरी को उनके सुबह की शुरुआत सरयू स्नान के साथ होगी। यहां स्नान के बाद कलश में जल लेकर पीएम राम पथ से भक्ति पथ होकर रामलला मंदिर की ओर बढ़ेंगे। भक्ति पथ पर ही हनुमानगढ़ी स्थित है। राम मंदिर में प्रवेश से पहले मोदी हनुमंत लला को अपनी श्रद्धा निवेदित करेंगे। प्रशासन और एसपीजी इस बिंदु पर माथापच्ची कर रहे हैं कि राम जन्मभूमि पथ की दूरी ज्यादा है। ऐसे में भक्ति पथ को ही प्रधानमंत्री का रूट तय किया जाए। भक्ति पथ पर ही छोटी देवकाली मंदिर है। मां सीता की कुलदेवी के रूप में इनकी महत्ता को देखते हुए मोदी यहां भी दर्शन-पूजन कर सकते हैं।