दिल्ली के शराब घोटाले में DEPUTY C M मनीष सिसोदिया आरोपी नंबर 1, CBI ने दर्ज की FIR रेड के बाद कसेगा ED का शिकंजा
सीबीआई ने दिल्ली आबकारी नीति मामले में एक F.I.R. दर्ज करने के बाद DEPUTY C M मनीष सिसोदिया और भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी आरव गोपी कृष्ण के परिसरों के अलावा 19 स्थानों पर छापेमारी
खबरी नेशनल न्यूज नेटवर्क
एजेंसियां, नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (C.B.I.) ने दिल्ली आबकारी नीति मामले में एक F.I.R.दर्ज करने के बाद शुक्रवार को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी आरव गोपी कृष्णा और सात राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 19 अन्य स्थानों पर छापेमारी की। दिल्ली सरकार ने जुलाई में इस पॉलिसी को खत्म कर दिया था। सिसोदिया के पास मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार में आबकारी और शिक्षा सहित कई विभाग हैं।
सीबीआई ने आबकारी घोटाले पर अपनी प्राथमिकी में दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया सहित 15 आरोपियों को सूचीबद्ध किया।
पिछले साल नवंबर में लाई गई दिल्ली आबकारी नीति का निर्माण और क्रियान्वयन किया गया था। दिल्ली सरकार ने जुलाई में इस पॉलिसी को खत्म कर दिया था। मालूम हो कि दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने पिछले महीने आबकारी नीति 2021-22 को लागू करने में कथित अनियमितताओं की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी, उसके बाद यह योजना जांच के दायरे में आई थी।
मनीष सिसोदिया ने भी नीति में कथित अनियमितताओं की सीबीआई जांच की मांग की थी
उन्होंने इस मामले में 11 आबकारी अधिकारियों को निलंबित भी कर दिया था। मनीष सिसोदिया ने भी नीति में कथितअनियमितताओं की सीबीआई जांच की मांग की थी। अधिकारियों ने कहा कि सीबीआई जांच की सिफारिश जुलाई में दायर दिल्ली के मुख्य सचिव की रिपोर्ट के आधार पर की गई थी, जिसमें जीएनसीटीडी अधिनियम 1991, व्यापार नियमों का लेनदेन (टीओबीआर)-1993, दिल्ली उत्पाद शुल्क अधिनियम-2009 और दिल्ली उत्पाद शुल्क नियम-2010 का प्रथम दृष्टया उल्लंघन दिखाया गया था।
सूत्रों ने कहा कि (ईडी) अपनी जांच के दौरान इस बात का विश्लेषण करेगा कि क्या नीति निर्माण और संबंधित संस्थाओं में शामिल व्यक्तियों और कंपनियों ने ष्मनी लांड्रिंग(पीएमएलए की परिभाषा के तहत अपराध की आय)और क्या अवैध या बेनामी संपत्ति का कोई संभावित निर्माण किया था। एजेंसी के पास ऐसी संपत्तियों को कुर्क करने और मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध में लिप्त लोगों से पूछताछ करने, गिरफ्तार करने और मुकदमा चलाने का अधिकार है।
अधिकारियों के अनुसार, मुख्य सचिव की रिपोर्ट में नीति के माध्यम से शराब लाइसेंस धारियों को अनुचित लाभप्रदान करने के लिए जानबूझकर चूक सहित प्रथम दृष्टया उल्लंघन दिखाया गया था। आरोप है कि टेंडर दिए जाने के बाद शराब लाइसेंसधारियों को अनुचित वित्तीय लाभ दिया गया, जिससे सरकारी खजाने को नुकसान हुआ।
सूत्रों ने दावा किया कि आबकारी विभाग ने कोविड -19 के बहाने लाइसेंसधारियों को टेंडर लाइसेंस शुल्क पर 144.36 करोड़ रुपये की छूट दी। उन्होंने कहा कि इसने हवाईअड्डा क्षेत्र के लाइसेंस के लिए सबसे कम बोली लगाने वाले को 30 करोड़ रुपये की बयाना राशि वापस कर दी, जबकि वह हवाईअड्डा अधिकारियों से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) प्राप्त करने में विफल रही।
यह दिल्ली आबकारी नियम, 2010 के नियम 48(11)(बी) का घोर उल्लंघन था, जो स्पष्ट रूप से यह निर्धारित करता है कि सफल बोलीदाता को लाइसेंस प्रदान करने के लिए सभी औपचारिकताओं को पूरा करना होगा। ऐसा न करने पर उसके द्वारा की गई सभी जमा राशियां मान्य होंगी। विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट के आधार पर तैयार की गई आबकारी नीति 2021-22 को पिछले साल 17 नवंबर से लागू किया गया था और इसके तहत निजी बोलीदाताओं को शहर भर में 32 क्षेत्रों में विभाजित 849 दुकानों के लिए खुदरा लाइसेंस जारी किए गए थे।
मुझे तुम्हारी साजिशें तोड़ न सकेंगी- मनीष सिसोदिया
सीबीआई छापेमारी का स्वागत करते हुए डिप्टी सीएम ने कहा कि सीबीआई आई है। उनका स्वागत है। हम कट्टर ईमानदार हैं। लाखों बच्चों का भविष्य बना रहे हैं। बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारे देश में जो अच्छा काम करता है उसे इसी तरह परेशान किया जाता है। इसीलिए हमारा देश अभी तक नंबर-1 नहीं बन पाया। केंद्र पर निशाना साधते हुए सिसोदिया ने कहा कि मुझे तुम्हारी साजिशें तोड़ नहीं सकेंगी। उन्होंने ट्वीट कर कहा, श्मुझे तुम्हारी साजिशें तोड़ न सकेंगी। मैंने दिल्ली के लाखों बच्चों के लिए ये स्कूल बनाए हैं, लाखों बच्चों की जिंदगी में आई मुस्कान मेरी ताकत है। तुम्हारा इरादा मुझे तोड़ने का है. मेरा इरादा तो ये…….है ।
ये पहली बार नहीं, सात साल में कई बार कराई गई कार्रवाई
CM KEJARIWAL ने कहा कि अड़चने तो बहुत आएंगी। पिछले सात साल में मनीष के ऊपर कई बार कार्रवाई कराई गई। ये पहली बार नहीं है। लेकिन इनके हाथ कुछ नहीं लगा। इस बार भी कुछ हाथ नहीं लगेगा। हम अड़चनों से डरने और रुकने वाले नहीं हैं।