चकिया से त्रिनाथ पांडेय की रिर्पोट
खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क
चकिया‚चंदौली।कहते है कि अन्नपूर्णा के लिए सभी चीजे साफ सुथरी रखी जाती है। कही से भी कोई भी चूक नही रखी जाती है। विकास खंड चकिया के चिन्हित ग्राम पंचायतों में अन्नपूर्णा भवन का निर्माण कराया जा रहा है। प्रत्येक के निर्माण पर लगभग 10 लाख रुपये खर्च करने का प्रावधान रखा गया है। इसमें सिकन्दरपुर ग्राम पंचायत में अन्नपूर्णा भवन का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। वही आप को बता दे कि भीषमपुर गाँव में भवन का निर्माण कार्य कराया जा रहा है। जहाँ पर मानको की पूरी तरह से खुलेआम धज्जियां उडाई जा रही है। कही भी कोई कार्य मानक के अनुसार नही कराया जा रहा है। हो भी तो क्योें ?
प्रधान जी बेजा उठा रहे है ग्राम वासियों के एतबार का फायदा
क्यों कि यहाँ के प्रधान तो लगातार ग्राम वासियों ने अच्छे कार्य के लिए चुनते चले जा रहे है और प्रधान जी पुराने ईट से लेकर दोयम दर्जे के ईट लगवाने से भी परहेज नहीं कर रहे है। जब खबरी ने उनसे जानना चाहा तो कहे कि अरे भाई देख लो हम तो सभी को हजार दो हजार दे कर के ही काम चला लेते है। जब कि शायद उन्हें पता नही है कि खबरी की टीम कभी खबरों से समझाैता नही करती है।
यें मामला चकिया ब्लाक के भीषमपुर ग्राम सभा का
पुराने ईट से भीषमपुर के अन्नपूर्णा भवन निर्माण कार्य किया जा रहा है और भस्सी का प्रयोग किया जा रहा है जो कि मानक के ठीक विपरीत कार्य हो रहा है।वही अधिकारी ब्लाक के मौन धारण किए हुए हैं। कही न कही से सबकी गोटी फीट है। पास के ही गाँधी आश्रम के बिल्डिंग के तोड़े हुवे ईट से नए बिलिंग का निर्माण कार्य चल रहा है।
जब खबरी ने की पडताल तो हुआ मामले का खुलाशा
एक कहावत चरितार्थ हो रही है कि ʺसईयां भये कोतवाल अब डर काहे को‘‘ शायद इनको पता नही कि चौथा स्तम्भ भी होता है जो जनता की आवाज को बुलन्द करने का काम करता है। क्या पुराने ईंट से अन्नपूर्णा भवन बनाने का प्रावधान है? योगी बाबा के आदेश को ताख पर रख कर प्रधान अपने उमंग में मनमानी ढंग से काम करा रहे है और जब हजार दो हजार में सब लोग मैनेज ही हो रहे है तो फिर किस बात का डर?