रामनवमी के मौके पर रामलला अपने भक्तों को तड़के साढ़े तीन बजे से दर्शन देना शुरू कर देंगे। रात में 11 बजे तक भक्त दर्शन कर सकेंगे हेलीकॉप्टर से होगी फूलों की बरसात
रामनवमी के दिन किसी भी तरह के विशेष दर्शन नहीं ‚पास हुए निरस्त
खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क
अयोध्या। 17 अप्रैल को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पभू श्री राम के दर्शन की अवधि बढ़ाने का निर्णय लिया था। अपने जन्मोत्सव के दिन 17 अप्रैल को रामलला तड़के 3:30 से रात 11 बजे तक भक्तों को दर्शन देंगे। साढ़े तीन बजे लगने वाली कतारों के लिए भक्तों का पहुंचना शुरू हो गया है। पूरा दिन लोग अयोध्या पहुंचते रहे। ट्रस्ट पहले ही कह चुका है कि रामनवमी के दिन किसी भी तरह के विशेष दर्शन नहीं कराए जाएंगे। पहले के बने पास भी निरस्त कर दिए हैं।
प्रातः 3:30 बजे से अभिषेक, श्रृंगार एवं दर्शन साथ-साथ श्रृंगार आरती प्रातः पांच बजे
दर्शन के समय के बारे में ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया रामनवमी महोत्सव के दौरान मंगला आरती के बाद ब्रह्म मुहूर्त में अति प्रातः 3:30 बजे से अभिषेक, श्रृंगार एवं दर्शन साथ-साथ चलते रहेंगे। श्रृंगार आरती प्रातः पांच बजे होगी। भगवान को भोग लगाने के समय पर अल्प काल के लिए पर्दा डाला जाएगा। रात 11 बजे तक दर्शन का क्रम चलता रहेगा। इसके बाद परिस्थिति अनुसार भोग एवं शयन आरती होगी।
वीआईपी दर्शन पर रोक एक दिन बढ़ा‚ सजीव प्रसारण 100 स्थानों पर एलईडी स्क्रीन लगाकर
रामनवमी पर शयन आरती के बाद मंदिर निकास मार्ग पर प्रसाद मिलेगा। दर्शनार्थी अपना मोबाइल, जूता, चप्पल, बड़े बैग एवं प्रतिबंधित सामग्री मंदिर से दूर सुरक्षित रखकर आएं तो दर्शन में सहूलियत मिलेगी। वीआईपी दर्शन पर रोक एक दिन बढ़ा दी गई है। अब 19 अप्रैल तक वीआईपी दर्शन नहीं होंगे। सुगम दर्शन पास, वीआईपी दर्शन पास, मंगला आरती पास, श्रृंगार आरती पास एवं शयन आरती पास नहीं बनेंगे। सुग्रीव किला के नीचे, बिड़ला धर्मशाला के सामने, श्री रामजन्मभूमि प्रवेश द्वार पर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की ओर से यात्री सेवा केंद्र बनाया गया है, जिसमें जन-सुविधाएं उपलब्ध हैं। यहां श्रद्धालुओं के बैठने से लेकर इलाज तक के इंतजाम हैं। मंदिर में संपन्न होने वाले सभी कार्यक्रमों का सजीव प्रसारण नगर निगम क्षेत्र में 100 स्थानों पर एलईडी स्क्रीन लगाकर किया जाएगा।
हेलीकॉप्टर से होगी फूलों की बरसात
रामनवमी पर अयोध्या में बुधवार को हेलीकॉप्टर से फूलों की बरसात की जाएगी। राम की पैड़ी, रामकोट, सरयू तट, धर्मपथ, रामपथ समेत रामजन्मभूमि परिसर में फूलों की बरसात कर रामलला का जन्मदिवस मनाया जाएगा।
घर बैठे देख सकेंगे सूर्य तिलक का लाइव प्रसारण,ऐसे रहेगा पूरा कार्यक्रम
17 अप्रैल 2024 को देशभर में राम नवमी मनाई जाएगी और इस बार राम नवमी का पर्व बहुत ही विशेष रहने वाला होगा। 500 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद प्रभु श्रीराम के जन्म स्थान अयोध्या में बने भव्य मंदिर में राम नवमी मनाई जाएगी। यहां पर सूर्यवंशी भगवान श्रीराम के माथे पर स्वयं सूर्यदेव तिलक करेंगे। भगवान रामलला के ललाट पर सूर्य किरण 12 बजकर 16 मिनट पर करीब पांच मिनट तक पड़ेगी, इसके लिए महत्वपूर्ण तकनीकी व्यवस्था की गई है। वैज्ञानिक इस अलौकिक पलों को पूरी भव्यता से प्रदर्शित करने के लिए जुटे हुए हैं।
भक्तों को 19 घंटे दर्शन देंगे रामलाल
रामनवमी के दिन रामलाल भक्तों को 19 घंटे दर्शन देंगे श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने केवल राम जन्मोत्सव के दिन यानी 17 अप्रैल को ही दर्शन की अवधि बढ़ाने का निर्णय लिया है। राम जन्मोत्सव के दिन सुबह 3:30 बजे से ही भक्त दर्शन के लिए लाइन में लग सकेंगे। रात 11 बजे तक श्रृंगार, राग-भोग व दर्शन साथ-साथ चलते रहेंगे।
मंदिर आने से पहले रखें इस बात का विशेष ध्यान
श्रीराम नवमी महोत्सव के दौरान मंगला आरती के बाद ब्रह्म मुहूर्त में अति प्रातः 3:30 बजे से अभिषेक, श्रृंगार एवं दर्शन साथ-साथ चलते रहेंगे। श्रृंगार आरती प्रातः 5:00 बजे होगी। श्री रामलला का दर्शन एवं सभी पूजा-विधि यथावत साथ-साथ चलती रहेगी। भगवान को भोग लगाने के लिए समय-समय पर अल्प-काल को पर्दा रहेगा। रात्रि 11:00 बजे तक दर्शन का क्रम पूर्ववत चलता रहेगा। इसके बाद परिस्थिति अनुसार भोग एवं शयन आरती होगी। रामनवमी पर शयन आरती के बाद मंदिर निकास मार्ग पर प्रसाद मिलेगा। दर्शनार्थी अपना मोबाइल, जूता, चप्पल, बड़े बैग एवं प्रतिबंधित सामग्री आदि मंदिर से दूर सुरक्षित रखकर आएं।
Ayodhya Ram Lalla Surya Tilak Live Steaming : भगवान रामलला के ललाट पर सूर्य किरण 12 बजकर 16 मिनट पर करीब पांच मिनट तक पड़ेगी,
500 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद प्रभु श्रीराम के जन्म स्थान अयोध्या में बने भव्य मंदिर में भगवान रामलला के ललाट पर सूर्य किरण 12 बजकर 16 मिनट पर करीब पांच मिनट तक पड़ेगी, राम नवमी
17 अप्रैल 2024 को देशभर में राम नवमी मनाई जाएगी और इस बार राम नवमी का पर्व बहुत ही विशेष रहने वाला होगा। 500 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद प्रभु श्रीराम के जन्म स्थान अयोध्या में बने भव्य मंदिर में राम नवमी मनाई जाएगी। यहां पर सूर्यवंशी भगवान श्रीराम के माथे पर स्वयं सूर्यदेव तिलक करेंगे। भगवान रामलला के ललाट पर सूर्य किरण 12 बजकर 16 मिनट पर करीब पांच मिनट तक पड़ेगी, इसके लिए महत्वपूर्ण तकनीकी व्यवस्था की गई है। वैज्ञानिक इस अलौकिक पलों को पूरी भव्यता से प्रदर्शित करने के लिए जुटे हुए हैं।
पॉच सौ वर्षो बाद भक्तों को 19 घंटे दर्शन देंगे रामलाल
रामनवमी के दिन रामलाल भक्तों को 19 घंटे दर्शन देंगे श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने केवल राम जन्मोत्सव के दिन यानी 17 अप्रैल को ही दर्शन की अवधि बढ़ाने का निर्णय लिया है। राम जन्मोत्सव के दिन सुबह 3:30 बजे से ही भक्त दर्शन के लिए लाइन में लग सकेंगे। रात 11 बजे तक श्रृंगार, राग-भोग व दर्शन साथ-साथ चलते रहेंगे।विज्ञाप
अगरआ रहे है राम लला के मंदिर तो रखे इन विशेष बातों का विशेष ध्यान
श्रीराम नवमी महोत्सव के दौरान मंगला आरती के बाद ब्रह्म मुहूर्त में अति प्रातः 3:30 बजे से अभिषेक, श्रृंगार एवं दर्शन साथ-साथ चलते रहेंगे। श्रृंगार आरती प्रातः 5:00 बजे होगी। श्री रामलला का दर्शन एवं सभी पूजा-विधि यथावत साथ-साथ चलती रहेगी। भगवान को भोग लगाने के लिए समय-समय पर अल्प-काल को पर्दा रहेगा। रात्रि 11:00 बजे तक दर्शन का क्रम पूर्ववत चलता रहेगा। इसके बाद परिस्थिति अनुसार भोग एवं शयन आरती होगी। रामनवमी पर शयन आरती के बाद मंदिर निकास मार्ग पर प्रसाद मिलेगा। दर्शनार्थी अपना मोबाइल, जूता, चप्पल, बड़े बैग एवं प्रतिबंधित सामग्री आदि मंदिर से दूर सुरक्षित रखकर आएं।विज्ञापन
रामनवमी के दिन रात 2:30 बजे से शुरू हो जाएंगे हनुमान लला के दर्शन
श्रद्धालुओं के लिए हनुमानगढ़ी में रामनवमी के दिन स्पेशल व्यवस्थाएं होगी। रामनवमी 17 अप्रैल को हनुमान जी का दर्शन पूजन और आरती का दौर रात 2:30 बजे से ही शुरू हो जाएगा। सुबह 3:30 पर दर्शनार्थियों का प्रवेश शुरू हो जाएगा। इसके बाद दोपहर 11:45 से 12:20 तक भगवान राम के जन्म आरती के लिए हनुमानगढ़ी का कपाट बंद रहेगा। रामनवमी को दोपहर की आरती 3:00 से 3:20 तक होगी। इसके बाद रात 10:00 बजे 10:30 बजे तक संध्या आरती होगी संध्या आरती में भी प्रवेश बंद रहेगा। आमजन के लिए रात 11:30 बजे हनुमान लला का बंद पट हो जाएगा।
इन आभूषणों से होगा रामलला का श्रृंगार, स्वर्ण मुकुट व रत्नजड़ित पोशाक में दर्शन देंगे प्रभु श्रीराम
सोने का मुकुट, पन्ना की अंगूठी, माणिक व पन्ना का कमरबंद, हीरे का कंगन, हीरा, माणिक व पन्ना जड़ित हजार, पंचलड़ा, दो किलो वजन की विजय माला। 500 वर्ष बाद बुधवार को शुभ योग में रामलला भव्य महल में अपना जन्मदिन मनाएंगे। सूर्यवंशी भगवान राम के मस्तक पर दोपहर 12:16 बजे स्वयं भगवान सूर्य की किरणें उनका तिलक करेंगी। यह विज्ञान और इंजीनियरिंग के अद्भुत प्रयोग से सफल होगा। इस खास मौके पर रामलला का श्रृंगार भी खास होगा।
दोपहर ठीक 12 बजे रामलला के जन्म की होगी आरती
दोपहर ठीक 12 बजे रामलला के जन्म की आरती होगी। रामलला को पांच प्रकार की पंजीरी सहित 56 भोग अर्पित किए जाएंगे। इससे पहले रामलला का विभिन्न औषधियों से युक्त कलश से अभिषेक होगा। फिर श्रृंगार होगा। हीरे, मोती, सोने-चांदी के कई प्रकार के आभूषणों से रामलला को सज्जित किया जाएगा। रामजन्म के समय रामलला का जब अभिषेक व श्रृंगार किया जाएगा तो ऐसा पर्दा लगा रहेगा जिससे भक्त रामलला के श्रृंगार व अभिषेक को देख पाएंगे। यह अद्भुत क्षण होगा
नवमी तिथि पर पूजा का शुभ मुहूर्त
नवमी तिथि 16 अप्रैल दोपहर 01:23 बजे से शुरू हो गई है। इसका समापन 17 अप्रैल को दोपहर 03:15 बजे होगा।
सुबह 11:03 से दोपहर 01:38 बजे तविजय मुहूर्त – दोपहर 02:34 बजे से 03:24 बजे तक
गोधूलि मुहूर्त – शाम 06:47 बजे से 07:09 बजे तक