सिंथेटिक पनीर, यानि सपरेटा दूध में स्किम्ड मिल्क पाउडर, रिफाइंड मिलाकर तैयार किया जाने वाला पनीर, जो बाजार में बिकने वाले 300 रुपए किलो वाले पनीर से करीब 50% सस्ता है।

खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क

चकिया‚चंदौली।गर्मी का मौसम होने के कारण दूध की मांग बढ़ गई है इसके साथ ही साथ लगन भी तेजी से अपने शबाब पर है। आखिर जब उत्पादन उतना ही है तो फिर दूध की उपलब्धता का होना कही न कही से तो प्रश्चचिन्ह तो लगाता ही है।

मिलावटी दूध के कारोबार से आमजन की सेहत का खतरा

सूत्रों की माने तो मार्केट में तेजी से सिन्थेटिक दूध व उससे बने सामानों का कारोबार पनप रहा है जो मानव जीवन में जहर घोलने का कार्य कर रहा है। वही बाजार व आसपास क्षेत्र में रहने वाले लोगों को दूध के नाम पर श्लो प्वाइजन बेचा जा रहा है। घर-घर में पाउडर व रिफाइंड से तैयार दूध सप्लाई की जा रही है। मिलावटी दूध के कारोबार से आमजन की सेहत का खतरा बढ़ रहा है।

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आमजन के सेहत से विभाग का नही है सरोकार मौन ?

संबंधित विभाग के जिम्मेदार लोग चुप्पी साधे हुए हैं। ऊंचे दामों पर सिंथेटिक दूध प्रतिदिन सैकड़ों लीटर बाजारों में उपभोक्ताओं को धड़ल्ले से बेचा जा रहा है। गर्मी का मौसम होने के कारण दूध की मांग बढ़ गई है, लेकिन बाजार व आसपास क्षेत्र में रहने वाले लोगों को दूध के नाम पर मीठा जहर बेचा जा रहा है। मिलावटी दूध के कारोबार से आमजन की सेहत का खतरा बढ़ रहा है।

नहीं की जा रही है नकली दूध की जांच‚नहीं लिये जा रहे सैम्पल

आरोप है कि नकली दूध की जांच नही की जा रही है। बावजूद इसके खाद्य अधिकारी इस ओर ठोस कार्रवाई भी नहीं कर रहे हैं। जिससे आमजन की जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है। अगर जल्दी ही स्थानीय प्रशासन ने इसे रोकने के लिए ठोस कदम नहीं उठाया तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।

सिंथेटिक दूध पीने से पड़ता है किडनी पर असर

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, शहाबगंज के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डा. नीलेश मालवीय ने बताया कि सिंथेटिक दूध लगातार पीने से किडनी पर प्रभाव पड़ता है। इसके लगातार सेवन से किडनी खराब भी हो सकती है। वही खाद्य सुरक्षा अधिकारी नेहा त्रिपाठी ने बताया कि इसकी जांच की जाएगी। दूध में मिलावट पाया गया तो कार्रवाई की जाएगी। लेकिन पूरा लगन बीतने को है आज तक कोई कार्यवाही नही की गई।

क्या आप खरीद रहे हैं मिलावटी दूध, घी या पनीर, चुटकी में ऐसे करें चेक

दूध और उससे बने उत्पाद जैसे घी, पनीर, खोया आदि हमारे स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद होते हैं. लेकिन आज के समय में कई लोग मुनाफा बढ़ाने के लिए डेयरी दूध और उससे बने उत्पादों में मिलावट करने लगे हैं. इस मिलावटी दूध और पनीर आदि का सेवन करना स्वास्थ्य को मिलने वाले फायदे घटा देता है.लेकिन आप मिलावटी दूध, मिलावटी पनीर और मिलावटी घी की पहचान कर सकते हैं. वो भी घर बैठे. आइए जानते हैं कि कैसे दूध का दूध और पानी का पानी किया जाता है।

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कैसे करें दूध में पानी की पहचान (water in milk test)
FSSAI के मुताबिक, नकली और असली दूध की पहचान करने के लिए इस तरीके को अपनाया जा सकता है.

  1. सबसे पहले एक पॉलिश और ढलान वाली जगह पर दूध की एक बूंद डालें.
  2. अगर दूध असली होगा, तो वह रुका रहेगा या धीरे-धीरे नीचे जाएगा और अपने पीछे सफेद रंग की एक लंबा निशान छोड़ता जाएगा.
  3. वहीं अगर दूध में पानी मिलाया गया है, तो वह बिना कोई निशान छोड़े नीचे सरक जाएगा.

दूध में डिटर्जेंट की पहचान कैसे करें (fake or pure milk test)

  1. 5ml से 10ml दूध लेकर इतने ही पानी में मिलाएं.
  2. इस मिश्रण को अच्छी तरह हिलाएं.
  3. अगर दूध में डिटर्जेंट मिला हुआ है, तो दूध में साबुन का गाढ़ा झाग उठने लगेगा.
  4. शुद्ध दूध के ऊपर हिलाने के कारण हल्का झाग आएगा.

दूध व उसके उत्पाद (पनीर, खोया और छेना) में स्टार्च की पहचान

  1. 5ml पानी के साथ 2-3ml सैंपल को उबालिए.
  2. इसे ठंडा करके इसमें 2 से 3 बूंद आयोडीन टिंक्चर डालिए.
  3. अगर मिश्रण में नीला रंग आता है, तो यह स्टार्च की निशानी है और अगर रंग सफेद ही रहता है, तो आपका पनीर, खोया या छेना शुद्ध था.
  4. दूध में स्टार्च का पता लगाने के लिए आपको पानी मिलाने और उबालने की जरूरत नहीं है.

असली और नकली घी को कैसे पहचानें (fake or pure ghee test)

  1. एक पारदर्शी बर्तन में आधा चम्मच घी या मक्खन डालें.
  2. अब इसमें 2 से 3 बूंद आयोडीन टिंक्चर डालें.
  3. अगर घी के अंदर शकरकंद, मैश्ड आलू या अन्य स्टार्च मिलाए गए हैं, तो इसका रंग नीला हो जाएगा.

DISCLAIMERयहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है. यह सिर्फ शिक्षित करने के उद्देश्य से दी जा रही है।

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