सलिल पांडेय
खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क
★कोरोना आया, कोरोना आया सुनकर हम, आप, सभी डर गए ।
★इससे बचने के लिए वैक्सीन लगवाना पड़ा।
★अब राज खुल रहा कि वैक्सीन में कोविशील्ड कोरोना का मौसेरा भाई ही था।
★अब कोविशील्ड से बचने के लिए क्या किया जाए, यह सवाल उछल रहा है।
★क्योंकि आनन-फानन में कोविशील्ड प्रकट हुआ।
★कोविशील्ड को प्रकट करने में दवा-बाज़ार की अहं भूमिका रही।
★बाज़ार सबसे बड़ा छलिया होता है। यह महाज्ञानी बनने वाले राजनीति को भी अपनी जेब में रखता है।
★त्रेतायुग में मृग-मारीच भी छलिया बाज़ार जैसा ही था।
★था तो पशु लेकिन अपनी चमक-दमक से माता सीता को छलने में सफल हो गया था।
★इसी छल का वध करने श्रीराम को उद्यत होना पड़ा।
★इस तरह मृग मारीच भी वैक्सीन कम्पनी जैसा ही था।
क्या करें क्या न करें?
★जब यह बात कंपनी ने स्वीकार कर ली कि दवा का बैड-इफेक्ट (दुष्प्रभाव) भी है तब इसे गंभीरता से लेने की जरूरत है।
★इस दवा ने आंतरिक सुरक्षा सैनिकों (इम्यून सिस्टम) को डैमेज किया है, ऐसा चिकित्सकों का भी मानना है।
★रक्त प्रवाह की धमनियां सिकुड़ी हैं।
★धमनियाँ इतनी कोमल होती हैं कि दवा की मारक क्षमता का मुकाबला कर पाना संभव न रहा हो।
★अब बिना नुक्ताचीनी के कम से कम 30 से 40 मिनट विधिक ढंग से प्राणायाम करना चाहिए।
★प्राणायाम में नाभि से दोनों आंखों के बीच आज्ञा चक्र (पीनियल ग्लैंड) और सहस्रार चक्र (पिट्यूटरी ग्लैंड) तक श्वास ले जाना चाहिए।
★इसके अतिरिक्त नाभि से श्वास खींचते हुए शंख बजाने का प्रयास करना चाहिए।
★महाभारत युद्ध में शंख बजाकर कृष्ण ने कोविशील्ड सरीखे दुर्योधनों को पस्त ही नहीं किया बल्कि मार डाला।
★इसके अतिरिक्त थाली नहीं बल्कि 24 घण्टे में कम से कम 30 मिनट ताली बजाने के लिए प्रयास करना चाहिए।
★किन्नर समुदाय ताली बजाने की वजह से डॉक्टरों के यहां लाइन नहीं लगाता।
★ताली स्वास्थ्य के खजाने की चाभी है।