सलील पांडेय
खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क
घटनाएं बोल रहीं कि अयोध्या मन्दिर में अधिष्ठापित भगवान श्री राम का न्याय-रथ घूमने लगा है।
★कर्नाटक में उज्ज्वल प्रसन्ना की पोल खुल गई लिहाजा 3 हजार दुष्कर्म को मुंह छुपाने की नौबत आ गई।
★कमजोर-सी रहने वाली नौकरानी हैसियत पर ला बैठी।
★इसमें पिता की भी कलई खुल गई।
★इतना दुष्कर्म तो त्रेता में रावण भी नहीं कर सका था ।
★कैसरगंज (बाराबंकी) के दबंग सांसद बृजभूषण कानूनी कटघरे में आ गए जबकि वे अपनी ही पार्टी के बड़े नेताओं को कुछ नहीं समझते थे।
★महिला पहलवान हताश हो गई थीं कि पता नहीं आगे क्या होगा?
★ईडी द्वारा प्रबल विरोध के बावजूद केजरीवाल को अंतरिम जमानत मिल ही गई।
★दो बड़े उद्योगपति पर कालेधन का वे ही आरोप लगाने लगे, जिन्हें उनका संरक्षणदाता माना जाता था।
◆परम शक्तिशाली बाबा रामदेव घुटने टेक बैठे।
★पश्चिम बंगाल के सन्देश खाली की कथित दुष्कर्म पीड़िता चिल्ला रही कि उसके साथ कोई दुष्कर्म नहीं हुआ।
★उसका आरोप है कि अंग्रेजी लिखे कागज पर दस्तख़त कराया गया। बदले में दो हजार रुपए दिए गए थे।
★सर्वाधिक न्याय तो इलेक्टोरल बांड मामले में देखा जा रहा है।
★इसी के साथ चंडीगढ़ मेयर चुनाव में कथित घपलेबाजों को मुंह की मात खानी पड़ी।
◆◆इन ताज़ा मामलों से तो यही साबित हो रहा है कि भगवान के घर देर है पर अंधेर नहीं ।
◆◆हम, आप या कोई हों जब ‘उसका’ डंडा चलेगा तो बचाने वाला कोई नहीं मिलेगा।