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सलील पांडेय

  • आम वोटर निजी जरूरतों में ही उलझा है और ‘कोऊ होय नृप’ की माला जप रहा है
  • नकली लहर बनाने वालों से रहें सावधान!

खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क

मिर्जापुर। लोकसभा चुनाव की रणभूमि से अनुमानों और अटकलों के बादल छंट गए हैं। वैसे कौन-कौन योद्धा मिर्जापुर की रणभूमि में अपने युद्ध कौशल का प्रदर्शन करेंगे, इसकी फाइनल लिस्ट नाम-वापसी 17 मई की शाम सामने आएगी लेकिन प्रमुख योद्धाओं के नाम स्पष्ट हो जाने के बाद त्रिकोण धाम मां विन्ध्यवासिनी के श्रीचरणों में बसे क्षेत्र में अपना दल, सपा और बसपा के प्रत्याशियों का नाम जगजाहिर हो गया है। इन्हीं तीन चेहरों को लेकर युद्ध-परिणाम का आकलन भी किया जाने लगा है।

परिणाम का पूर्वानुमान इस बार नहीं

चुनावों में जब किसी दल की लहर चलती है तब प्रथम दृष्टया उस दल की जीत का पूर्वानुमान होने लगता है। वोटों की बरसात सावन-भादौ के मौसम जैसी होने लगती है। इस बरसात में वोटर इतने भींग जाते हैं कि हर तरफ ‘पवन करे शोर, वोटर ऐसे झूमे जैसे खुद ही प्रत्याशी होय’ की हालत देखी जाती है लेकिन जब लहर पर ही कहर का धावा हो जाता है तब बिचौलिए लहर उत्पादन कम्पनी के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ हो जाते है। कम्पनी लहर पैदा करने के लिए टेंडर निकालती है। छोटे-बड़े सभी ठेकेदारों का उनकी क्षमता के हिसाब से एग्रीमेंट होता है।

निविदा सूचना निकलने लगी है

मिर्जापुर सीट पर लहर बनाने की निविदा सूचना टेलीफोन से दी जाने लगी है। किस्तों में भुगतान की शर्त रखी जा रही है। लहर कायम करने के उपकरणों और सिस्टम के बारे में जानकारी ली जा रही है। जिसका जितना बड़ा सिस्टम सिद्ध हो जा रहा है, उसी के हिसाब से भुगतान भी करने का भरोसा दिया जा रहा है।

प्रचारतंत्र पर हवा

लहर के लिए प्रचार तंत्र पर अनुबन्धित हुए दल के लिए ‘जीत का पक्का भरोसा’, ‘जनता ने मन बना लिया कि इस बार ‘…जी’ की जीत पक्की’, ‘शर्त लगाई जा सकती है कि सारा रिकार्ड ध्वस्त हो जाएगा’ आदि-आदि मन्त्रजाप शुरू होने लगे हैं जिसकी गूँज 17 मई के बाद से पूरे क्षेत्र के गांव-गिरांव तक होने लगेगी।

जिसे जानना हो, वे चुपचाप खुद जनता में घूमें

वैसे तो दस-पांच परसेंट लोगों को ही जीत-हार से मतलब होता है। शेष वोटर अपनी गृहस्थी और दैनिक जरूरतों में इस कदर उलझा है कि वह ‘कोऊ होय नृप’ कहकर पिंड छुड़ाने के लिए जैसे पिंडदान कर रहा हो लेकिन किसी को यदि उत्सुकता है तो वह आधुनिक संचार उपकरणों पर चल रही लहर को मिलावटी खाद्य पदार्थों की तरह ले। मिलावटी वस्तुओं पर न्याय मन्दिर भी सख़्त हुआ है लिहाजा ‘नकली लहर’ से सावधान रहें।

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