स्पीकर के लिए तीन नाम जी हां, निवर्तमान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के संभावित उत्तराधिकारी के रूप में भाजपा नेता राधामोहन सिंह, डी पुरंदेश्वरी और भातृहरि महताब के नामों की चर्चा है
मोदी 3.O पर गठबंधन के लगे ठप्पे ने सरकार में राजनाथ सिंह का रोल बढ़ा दिया है ?
लोकसभा के पहले सत्र में स्पीकर का चुनाव होना है. इससे पहले बीजेपी के वरिष्ठ नेता और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एनडीए का कुनबा जोड़ने का जिम्मा संभाल लिया है. राजनाथ के आवास पर एनडीए के घटक दलों की बैठक हुई. अब सवाल कि क्या मोदी 3.0 पर गठबंधन के लगे ठप्पे ने सरकार में राजनाथ सिंह का रोल बढ़ा दिया है।
केंद्र की सत्ता में भाजपा लगातार तीसरी बार सहयोगियों के समर्थन से लौटी है। ऐसे में अब पहले जैसा माहौल नहीं रहने वाला। थोड़ी खींचतान अभी से शुरू हो गई है. संसद का सत्र शुरू होने वाला है और भाजपा के सामने सबसे बड़ा टास्क स्पीकर का चुनाव है. कांग्रेस की अगुआई वाला INDIA गठबंधन टीडीपी और नीतीश कुमार की जेडीयू को बिन मांगे सलाह दे रहा है कि वह अपना स्पीकर बनाएं. इधर, भाजपा ने अपने वरिष्ठ नेता और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को आम सहमति बनाने की जिम्मेदारी सौंपी है. कल उन्होंने संसद के आगामी सत्र के लिए सदन की रणनीति तैयार करने के लिए वरिष्ठ मंत्रियों के साथ बैठक की. इसके बाद स्पीकर के लिए तीन नामों की चर्चा होने लगी है.कौन होगा लोकसभा का नया स्पीकर? राजनाथ की बैठक के बाद ये तीन नाम आए चर्चा में।
जी हां, निवर्तमान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के संभावित उत्तराधिकारी के रूप में भाजपा नेता राधामोहन सिंह, डी पुरंदेश्वरी और भातृहरि महताब के नामों की चर्चा है. आठ बार लोकसभा सदस्य रहे वरिष्ठ कांग्रेस नेता के. सुरेश संसदीय अनुभव के लिहाज से सबसे वरिष्ठ हैं और वह अस्थायी अध्यक्ष (प्रोटेम स्पीकर) की भूमिका के दावेदार हैं।
अधिकारिक आवास पर हुई बैठक में इनकी रही मौजूदगी
राजनाथ सिंह के आधिकारिक आवास पर हुई बैठक में केंद्रीय मंत्री एस जयशंकर, मनोहर लाल खट्टर, भूपेंद्र यादव, पीयूष गोयल, धर्मेंद्र प्रधान, किरण रिजिजू और अन्नपूर्णा देवी शामिल हुए. एनडी के सहयोगी दलों में जनता दल (यूनाइटेड) के राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के चिराग पासवान सहित दूसरे नेता भी पहुंचे थे।
1. राधामोहन सिंह
भाजपा ने पहले ही साफ कर दिया है कि वह स्पीकर का पद अपने पास ही रखेगी. मौजूदा स्पीकर ओम बिरला भी रेस में बताए जा रहे हैं. राधामोहन सिंह मोदी सरकार-1 में कृषि मंत्री थे. वह एबीवीपी मोतिहारी से 1970 के दशक में जुड़े थे. 90 में बिहार भाजपा के महासचिव रहे. 2006 में प्रदेश अध्यक्ष भी रहे.
2. पुरंदेश्वरी
अगला नाम पुरंदेश्वरी का है, जो आंध्र प्रदेश से भाजपा की सांसद हैं. उन्हें ‘साउथ की सुषमा स्वराज’ कहा जाता है. वह फिलहाल आंध्र में भाजपा की प्रदेश अध्यक्ष हैं. उनका टीडीपी चीफ चंद्रबाबू नायडू से विशेष नाता है. वह पूर्व सीएम एनटी रामाराव की बेटी हैं. उनकी बहन से ही चंद्रबाबू की शादी हुई है.
3. भातृहरि महताब
भातृहरि महताब मार्च में ही बीजेडी से भाजपा में आए थे. वह 6 बार सांसद का चुनाव जीते थे. इस बार भी ओडिशा की कटक सीट से उन्हें जीत मिली. वह लेखक और सोशल वर्कर हैं. उन्हें उत्कृष्ट सांसद का पुरस्कार भी मिल चुका है.
जेडीयू और TDP का रुख
अगले हफ्ते शुरू हो रहा संसद का सत्र महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें नए लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा, साथ ही राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू अगले पांच साल के लिए NDA सरकार का दृष्टिकोण देश के सामने रखेंगी. समझा जाता है कि रक्षा मंत्री के घर पर हुई बैठक में लोकसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के संभावित उम्मीदवारों पर चर्चा हुई. JDU ने साफ कहा है कि वह अध्यक्ष पद के लिए भाजपा उम्मीदवार का समर्थन करेगी जबकि दूसरे महत्वपूर्ण सहयोगी तेलुगु देशम पार्टी ने इस प्रतिष्ठित पद के लिए सर्वसम्मति से उम्मीदवार की मांग की है.
डिप्टी स्पीकर चाहती है कांग्रेस?
विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन ने अपने उम्मीदवार के लिए डिप्टी स्पीकर पद की मांग की है जबकि भाजपा अपने गठबंधन सहयोगी को यह पद देने पर विचार कर रही है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का रोल अहम क्यों ?
राजनाथ सिंह मोदी सरकार में अटल-आडवाणी युग की बीजेपी के चुनिंदा चेहरों में से एक हैं. राजनाथ, अटल बिहारी वाजपेयी की अगुवाई वाली गठबंधन सरकार में भी बतौर मंत्री काम कर चुके हैं, दो बार बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं. बहुमत से पीछे रहते हुए सहयोगियों के सहारे कार्यकाल पूरा करने वाली सरकार में मंत्री रहे राजनाथ मोदी सरकार में गठबंधन पॉलिटिक्स के सबसे अनुभवी चेहरों में से भी हैं राजनाथ को उनकी मृदुभाषी, संवाद से समस्याएं सुलझाने वाले नेता की इमेज और बीजेपी से लेकर एनडीए की दूसरी पार्टियों में स्वीकार्यता भी अहम बनाती है ।