- लोगों की लाइन लगी थी रक्तदान के लिए
- कुछ का 60वीं बार तो कुछ ने किया 50वीं बार : दोनों नवयुवक हैं
कदमतर के निवासी प्रतिष्ठित स्व जयहिंद शुक्ल की स्मृति में विंन्ध्य फाउंडेशन की ओर से हुआ भव्य रक्तदान कार्यक्रम
सलील पांडेय
खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क
मिर्जापुर। भारत की समृद्धि का उल्लेख करने के प्रसंग में इस बात पर गर्व किया जाता है कि कभी समय ऐसा भी था जब देश में दूध-दही-घी की नदियां बहती थी। इस गर्वोक्ति से आगे निकल कर मां विन्ध्यवासिनी के धाम में रक्त की नदी के बहने का का भी ताजा अवसर दिखाई पड़ा जिसे देखकर लोगों के मुंह से निकल पड़ा कि ‘आसमान में छेद किया जा सकता है सिर्फ एक पत्थर तबियत से उछाला जाए।’
- ◆खून की नदी थी की जरूरत जब नियति खेले खून की होली : रविवार, 23 जून को आकस्मिक दुर्घटनाओं एवं गंभीर बीमारियों से जीवन बचाने के लिए खुशियों की नदी के रूप में ब्लड-बैंक (रक्त-नदी) को समृद्ध किया गया। यह कार्यक्रम विंन्ध्य फाउंडेशन की ओर से शिव शुक्ल, एडवोकेट द्वारा अपने दिवंगत पिता की पुण्य-तिथि पर रक्तदान को महा अभियान बनाने वाले कृष्णा सिंह के संयुक्त प्रयास से किया गया था।
- ◆एक युवक ने 60वीं बार तो दूसरे ने 50वीं बार किया रक्तदान : रक्तदान के लिए प्रायः यह देखा जाता रहा कि यदि 10 लोगों ने रक्तदाता सूची में नाम दर्ज कराया है लेकिन रक्त देते समय आधे नदारद हो जाते हैं लेकिन इस कार्यक्रम में स्थिति इसके विपरीत थी। जिन्हें बतौर अतिथि बुलाया गया था, उनमें भी उत्साह आ गया रक्तदान करने के लिए। ऐसे लोगों में नगर के प्रमुख विद्यालय श्री माताप्रसाद माताभीख इंटर कॉलेज के युवा प्रबंधक अतिन गुप्ता भी थे। जिन्हें विशिष्ट अतिथि बनाया गया था लेकिन न सिर्फ उन्होंने रक्तदान किया बल्कि जुलाई माह में अपने विद्यालय में रक्तदान अभियान शुरु करने की घोषणा की। आयोजक शिव शुक्ल तथा उनके 18 वर्षीय पुत्र एक साथ जब रक्तदान के लिए बेड पर थे तो लोगों के मुंह से ‘अद्भुत’ शब्द निकल पड़ा। इस तरह कुल 35 युवा से लेकर वरिष्ठ जनों ने रक्तदान किया।
- ◆उत्साह की हो रही थी वर्षा : मिशन कम्पाउंड के कृष्णा हास्पिटल का भव्य कांफ्रेंस हाल खचाखच उत्साही एवं संभ्रांत लोगों से भरा था। एक तरफ बल्ड-बैंक कक्ष में बारी-बारी रक्तदान हो रहा था तो दूसरी ओर हाल में उत्साहवर्धन के लिए सम्मान का दान भी हो रहा था। तकरीबन 50-60 से अधिक लोगों को रक्त रंग के प्रतीक के रूप में रक्तरंग का उत्तरीय तथा रकतदान की महिमा का गीत अंकित शीशे और सुनहरे फ्रेम में मढ़ा हुआ स्मृति चिह्न दिया गया। बारी-बारी से सबको मंच पर बुलाकर विचार व्यक्त करने का अवसर दिया गया।
- ◆वे कुछ प्रमुख लोग जो रक्तदान के बारे में अलग-अलग विचार व्यक्त कर गए : इसमें मुख्य अतिथि CMO के प्रतिनिधि बनकर आए डिप्टी CMO, कृष्णा हॉस्पिटल की संचालिका डॉ मृदुला जायसवाल, वरिष्ठ पत्रकार मनोज शुक्ल, आर्ट ऑफ लिविंग के पदाधिकारी अनूप सिंह, उद्यमी संतोष गोयल, साहित्यकार अनिल यादव, डॉ जे के जायसवाल एवं बेकरी व्यवसाई अतुल मेहरोत्रा आदि प्रमुख थे। कतिपय संभ्रांत परिवार की रक्तदान करने आईं महिलाओं ने भी विचार व्यक्त करने से खुद को रोक न पाईं।
- ◆मां विंध्यवासिनी के पूजन के साथ पौध-वितरण : आरंभ में आध्यात्मिक विषयों के लेखक सलिल पांडेय ने गणेशजी एवं मां विंध्यवासिनी का मन्त्रवत आह्वान किया जबकि ग्रीन गुरु की उपाधि से विख्यात एक इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल अनिल सिंह ने दर्जनों लोगों को पौध-दान कर पर्यावरण संतुलन में अहं भूमिका निभाने का टिप्स दिया।
ये थे रक्तवीर : शिव कुमार शुक्ल, देवेश शुक्ल, वैभव शुक्ल, के.के.मिश्रा, सौरभ श्रीवास्तव, आलोक मिश्र, अमन अस्थाना, अतुल कुमार, अवंतिका मेहरोत्रा, अजय दुबे, अमृतांशु राज, रिंकू विश्वकर्मा, विशाल यादव, मो. इम्तजा, धीरज केशरी, कार्तिकेय पाण्डेय, पवन पांडेय, अनुष्का सिंह, नूतन सिंह, काजू जी, अमित तिवारी, तरणजीत सिंह, संदीप केसरवानी, घनश्याम कुमार, अनूप कुमार, रुद्रेश कुमार, विमल कुमार सेठ।