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अमरेन्द्र कुमार सिंह

खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क

डीडीयू नगर‚चंदौली । मुखबिर खास की सूचना के आधार पर रेलवे सुरक्षा बल थाना डीडीयू तथा बचपन बचाओ आंदोलन टीम के द्वारा संयुक्त कार्यवाही के दौरान प्लेटफॉर्म संख्या 04 पर आई गाड़ी संख्या 12142 अप पाटलिपुत्रा-लोकमान्य तिलक टर्मिनल एक्सप्रेस के कोच सं०- एस6 में गहन खोजबीन करने पर 03 नाबालिग लड़कों को डरे सहमे हालत मे एक व्यक्ति के साथ देखा गया। जिनपर संदेह होने पर नाबालिक लडकों के साथ साथ उनके साथ पाए गए पश्चिम बंगाल के मालदा जिला अंतर्गत हरिशचंद्रपुर थाना के खोपा ग्राम निवासी मिनारूल हक से भी पुछताछ किया गया। प्रारंभिक पुछताछ से मामला बालश्रम के होने का संदेह हुआ।

नाबालिकों के साथ तस्कर भी पुलिस के अन्डर कस्टेडी

फलस्वरूप सभी 03 नाबालिक लड़कों एवं व्यस्क व्यक्ति (तस्कर) को आवश्यक पूछताछ हेतु गाड़ी से नीचे उतारकर पोस्ट पर लाया गया जहां उनका काउंसलिंग किया गया तथा विस्तृत पूछताछ की गई जिससे यह ज्ञात हुआ कि मिनारूल हक नामक बाल तस्कर बिहार के कटिहार जिला निवासी तीनों नाबालिक बच्चे को अपने साथ मुबंई के बदलापुर में नल, रोड बनाने एवं कपडे की दुकान में काम करने के लेकर जा रहा था जहाँ उन बच्चो को प्रतिदिन बारह घंटे काम करने के बदले 15,000/- रूपये प्रति माह देने की बात बताकर ले जाया जा रहा था। तस्कर ने सभी नाबालिग बच्चों के माता-पिता को बहला फुसलाकर नाबालिग बच्चों को बालश्रम कराने के लिए ट्रेन के माध्यम से मुबंई में बदलापुर ले जा रहा था।

नाबालिक बच्चों को रेलवे चाइल्ड हेल्प डेस्क को किया गया सुपुर्द

नाबालिक बच्चो को रेलवे चाइल्ड हेल्प डेस्क/डीडीयू को सही सलामत सुपुर्द किया गया और अग्रिम कार्यवाही हेतु अभियुक्त मिनारूल हक को शिकायत पत्र के साथ कोतवाली थाना मुगलसराय को सौंपा गया जहां उसके विरुद्ध उचित करवाई की जा रही है।
उक्त कार्यवाही में रेलवे सुरक्षा बल पोस्ट डीडीयू के उ०नि०/अर्चना कुमारी मीना, प्र०आ० / रामकृष्ण सुब्रमणयम्, आरक्षी /अशोक कुमार यादव साथ आ०/अवधेश प्रसाद, अ०आ० शा०/डीडीयू साथ रेलवे चाइल्ड हेल्प डेस्क/डी०डी०यू० के पीयूष मिश्रा और बचपन बचाओ आंदोलन के चंदा गुप्ता/सहायक परियोजना अधिकारी शामिल रहे।
रेलवे सुरक्षा बल के द्वारा ऑपरेशन आहट के तहत इस तरह की कार्यवाही समय समय पर की जाती रहती है जिसके अंतर्गत बाल मजदूरी तथा देह व्यापार जैसे कुकृत्य हेतु तस्करों के द्वारा ले जा रहे बच्चों को रेस्क्यू किया जाता है।

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