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खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क

लखनऊ। 69000 शिक्षक भर्ती मामले में सीएम योगी ने रविवार शाम शिक्षा अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक के बाद सीएम योगी ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि सरकार का स्पष्ट मत है कि संविधान द्वारा प्रदत आरक्षण की सुविधा का लाभ आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों को मिलना ही चाहिए। साथ ही किसी भी अभ्यर्थी के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए। सीएम के इस बयान के बाद इस बात की अटकलें लगनी शुरू हो गई हैं कि सरकार द्वारा नई सूची बनाई जा सकती है।

दुबारा सूची बनी तो 5 से लेकर 6 हजार नौकरी कर रहे युवा वर्ग होंगे प्रभावित

इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश आने के बाद बेसिक शिक्षा विभाग ने तेजी से इस पर मंथन शुरू किया है। प्रथम दृष्टया यह माना जा रहा है कि अगर विभाग दोबारा सूची बनाता है तो 5000 से 6000 नौकरी कर रहे युवा इससे प्रभावित होंगे। क्योंकि इस मामले में सिंगल बेंच में सरकार की ओर से जनवरी 2022 में आरक्षित वर्ग के 6800 प्रभावित अभ्यर्थियों की सूची दी गई थी। हालांकि बाद में इसे सिंगल बेंच ने इसे भी निरस्त कर दिया था और नई सूची बनाने को कहा था।

अखिलेश यादव ने कहा- दर्द देने वाले, दवा देने का दावा न करें

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सूबे के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य पर तंज कसा है. उन्होंने सत्तारूढ़ दल बीजेपी से कहा कि वह शिक्षा और युवाओं को आपसी लड़ाई और नकारात्मक राजनीति से दूर रखे. सपा प्रमुख ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘एक्‍स’ पर लिखा- दर्द देने वाले, दवा देने का दावा न करें!

देखिए पूरी विस्तृत रिर्पोट कब – कब क्या – क्या हुआ

  • 1. पांच दिसंबर 2018 को 69000 शिक्षक भर्ती का विज्ञापन जारी किया गया
  • 2. परीक्षा छह जनवरी 2019 को आयोजित की गई, जिसमें 4.10 लाख अभ्यर्थी शामिल हुए।
  • 3. 12 मई 2020 को परिणाम घोषित। 1,46,060 अभ्यर्थी चयनित हुए।
  • 4. अनारक्षित श्रेणी का कटआफ 67.11 प्रतशित, पिछड़ा वर्ग श्रेणी का कटऑफ 66.73 प्रतिशत रहा
  • 5. सात जनवरी 2019 को राज्य सरकार के भर्ती प्रक्रिया में किए गए बदलाव के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी।
  • 6. 29 मार्च 2019 को कोर्ट ने राज्य सरकार के बदलाव के आदेश को निरस्त किया। मामले की अपील छह मई 2020 को हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच में की गई।
  • 7. 18 नवंबर 2020 को मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। सुप्रीम कोर्ट ने भी हाईकोर्ट के छह मई 2020 के आदेश को सही माना।
  • 8. आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने भर्ती प्रक्रिया में धांधली का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन शुरू किया।
  • 9. हाईकोर्ट में राज्य सरकार ने माना कि आरक्षण एक्ट 1994 का सही ढंग से पालन नहीं किया गया, जिससे आरक्षित वर्ग के 6800 अभ्यर्थी प्रभावित हुए।
  • 10. सरकार ने पांच जनवरी 2022 को आरक्षित वर्ग के 6800 अभ्यर्थियों की सूची प्रकाशित की।
  • 11. 13 अगस्त 2024 को हाईकोर्ट ने चयनित अभ्यर्थियों की सभी सूचियों को रद्द कर नए सिरे से सूची बनाकर भर्ती करने का आदेश दिया।
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