खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क
Mayawati लेंगी सियासत से संन्यास ?
नई दिल्ली। बसपा प्रमुख मायावती ने कांग्रेस पर एकबार फिर जोरदार हमला बोला है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर कांग्रेस को लेकर कई सवाल खड़े किए. साथ ही सक्रिय राजनीति से संन्यास की अटकलों पर भी पूर्ण विराम लगाया है. मायावती ने कहा, समाजवादी पार्टी ने 2 जून 1995 को मुझ पर जानलेवा हमला किया था तो इस पर कांग्रेस क्यों नहीं बोलती है. केंद्र में उस समय कांग्रेस की सरकार थी लेकिन लेकन पार्टी ने समय से अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई।
27 को है राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक
यूपी की पूर्व सीएम ने लिखा कि हालाँकि पहले भी मुझे राष्ट्रपति बनाए जाने की अफवाह उड़ाई गयी, जबकि मान्यवर कांशीराम जी ने ऐसे ही आफर को यह कहकर ठुकरा दिया था कि राष्ट्रपति बनने का मतलब है सक्रिय राजनीति से सन्यास लेना जो पार्टी हित में उन्हें गवारा नहीं था, तो फिर उनकी शिष्या को यह स्वीकारना कैसे संभव?
बता दें मायावती से पहले कांशीराम पार्टी के अध्यक्ष चुने जाते थे. उनकी तबीयत बिगड़ने के बाद मायावती पहली बार 18 सितंबर 2003 को अध्यक्ष चुनी गई थीं. लखनऊ में होने वाली बैठक का पहला एजेंडा पार्टी के अध्यक्ष का चुनाव है। फिर दलित रिजर्वेशन पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ मायावती देश भर में जन समर्थन जुटाना चाहती हैं। उन्होंने मोदी सरकार से संसद में बिल लाकर कोर्ट के फैसले को बदलने की मांग की है। इसी इमोशनल मामले से मायावती अपनी खोए हुए जनाधार को वापस पाने की तैयारी में हैं।
… जब BSP ने फेल कर दिया था कांग्रेसी षडयन्त्र को
बसपा प्रमुख मायावती ने आगे लिखा, तभी फिर मान्य. श्री कांशीराम जी को अपनी बीमारी की गम्भीर हालत में भी हॉस्पिटल छोड़कर रात को इनके गृह मन्त्री को भी हड़काना पड़ा था तथा विपक्ष ने भी संसद को घेरा, तब जाकर यह कांग्रेसी सरकार हरकत में आई थी. मायावती ने आगे लिखा, उस समय कांग्रेस सरकार की नीयत खराब हो चुकी थी, जो अनहोनी के बाद उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाकर पर्दे के पीछे से सरकार चलाना चाहती थी. कांग्रेस के इस षड़यन्त्र को बीएसपी ने फेल कर दिया था।
कांग्रेस से लोगो को रहना चाहिए सचेत
बसपा प्रमुख ने आगे कहा, समाजवादी पार्टी के 2 जून 1995 को मुझ पर जानलेवा हमले में उस समय सपा के आपराधिक तत्वों से बीजेपी सहित समूचे विपक्ष ने मानवता व इन्सानियत के नाते मुझे बचाने में जो अपना दायित्व निभाया है तो इसको लेकर कांग्रेस को बीच-बीच मे तकलीफ क्यों होती रहती है, इसे लेकर लोगों को सचेत रहना चाहिए.
क्या कांग्रेस SC, ST व OBC वर्गों का वाजिब हक दिला पायेगी ?
मायावती ने कहा, बसपा वर्षों से जातीय जनगणना के लिए पहले केन्द्र में कांग्रेस पर और अब बीजेपी पर भी अपना पूरा दबाव बना रही है, जिसकी पार्टी वर्षों से इसकी पक्षधर रही है तथा अभी भी है, लेकिन जातीय जनगणना के बाद, क्या कांग्रेस SC, ST व OBC वर्गों का वाजिब हक दिला पायेगी? जो SC/ST आरक्षण में वर्गीकरण व क्रीमीलेयर को लेकर अभी भी चुप्पी साधे हुए है, जवाब दे।
सक्रिय राजनीति से संन्यास का सवाल ही नहीं – मायावती
बसपा प्रमुख ने आगे लिखा, बहुजनों के अम्बेडकरवादी कारवाँ को कमजोर करने की विरोधियों की साजिशों को विफल करने के संकल्प के लिए बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर एवं मान्यवर कांशीराम जी की तरह ही मेरी जिन्दगी की आखिरी सांस तक बीएसपी के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान मूवमेन्ट को समर्पित रहने का फैसला अटल है। अर्थात सक्रिय राजनीति से मेरा सन्यास लेने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता है. जबसे पार्टी ने आकाश आनन्द को मेरे ना रहने पर या अस्वस्थ विकट हालात में उसे बीएसपी के उत्तराधिकारी के रूप में आगे किया है तबसे जातिवादी मीडिया ऐसी फेक न्यूज प्रचारित कर रहा है जिससे लोग सावधान रहें।