फोर लेन-सिक्स लेन पर जंग हुई तेज‚बोले सोती सरकार को जगाया जाए
सरदार महेन्द्र सिंह
,खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क
डीडीयू नगर‚ चंदौली। मुग़लसराय क्षेत्र के नगर में फोर लेन, जबकी दुलहीपुर- महावलपुर में सिक्स लेन क्यों ? उक्त सवाल, दुलहीपुर महावलपुर बचाओ संघर्ष मोर्चा एवं किसान न्याय मोर्चा द्वारा मौजूदा सरकार से किया गया है। नाराज संयुक्त मोर्चा ने कैंडल मार्च निकालकर विरोध प्रदर्शन किया। संयुक्त मोर्चा का मांग है कि सरकार अपने बनाये गए 6 लेन की नक्शे में परिवर्तन करें। जिनका दुकान या मकान टूट रहा है, उनको उचित मुआवजा दिया जाए।
संयुक्त मोर्चा का विरोध प्रदर्शन
पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर, मुगलसराय में दुलहीपुर महावलपुर बचाओ संघर्ष मोर्चा एवं किसान न्याय मोर्चा ने कैंडल मार्च निकालकर विरोध प्रदर्शन किया। दुलहीपुर महावलपुर बचाओ संघर्ष मोर्चा एवं किसान न्याय मोर्चा उ0प्र0 का एक बैठक दुलहीपुर कैंप कार्यालय में संपन्न हुआ।
लोगों को मिल रहा सिर्फ कोरा आश्वासन
बैठक मे पीड़ित दुकानदारों को संबोधित करते हुए मोर्चा के संरक्षक रतन कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि मोर्चा, पिछले 22 महिने से अनवरत 5 सूत्रीय मांगों को लेकर अपने जनप्रतिनिधियों एवं शासन प्रशासन से गुहार लगाता रहा है लेकिन, अभी तक हम लोगों को सिर्फ कोरा आश्वासन मिला।
हम लोगों के साथ सौतेला व्यवहार क्यों ?
मुगलसराय में फोर लेन तो दुल्हीपुर महाबलपुर में सिक्स लेन क्यों ? पूछा, हम लोगों के साथ सौतेला व्यवहार क्यों किया जा रहा है ? रतन कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि सरकार, यहां के ग़रीब दुकानदारों के मकान को ध्वस्तीकरण पर पुनः विचार करें। सर्विस लेन पाथवे हटाकर, सड़क के डिवाइडर की चौड़ाई कम कर, उसके जद में आने वाले मकान एवं जमीन का मुआवजा विना दिये किसी का मकान न तोड़ा जाय।
सरकार ने ध्यान नहीं दिया तो किसान न्याय मोर्चा संयुक्त रूप से आंदोलन तेजकर बैठेगा धरने पर
बैठक एवं कैंडल मार्च का नेतृत्व करने हुए किसान न्याय मोर्चा उ0प्र0 के संयोजक एडवोकेट महेंद्र यादव ने कहा कि दुल्हीपुर महाबलपुर बचाओ संघर्ष मोर्चा, विगत 22 महिने से अपनी जायज मांग कर रहा हैं।
यदि मुगलसराय में फोर लेन सड़क चौड़ीकरण हो रहा है, तो दुल्हीपुर महाबलपुर में भी फोरलेन या सर्विस लेन हटाकर डिवाइडर की चौड़ाई कम करके, सिक्स लेन सड़क बनाने के लिए सरकार को नक्शे में परिवर्तन कर सड़क बनाने पर स्वीकृति प्रदान करना चाहिए। यदि सरकार ने ध्यान नहीं दिया तो किसान न्याय मोर्चा संयुक्त रूप से आंदोलन तेज करते हुए धरने पर बैठने के मजबूर होगा। जिसकी समस्त जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी।