त्रिनाथ पांडेय
शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेलें।
वतन पर मरने वालों का यही बाकी निशां होगा ।।
खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क
चकिया‚चंदौली। शनिवार को ʺशहीद ए आजम भगत सिंह" के जन्म दिवस के अवसर पर भगत सिंह विचार मंच द्वारा भिटिया हडौरा शहाबगंज चंदौली स्थित भिटेश्वर नाथ मंदिर के प्रांगण में एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया । गोष्ठी का विषय रहा ʺ प्रधान मंत्री द्वारा लाल किले की प्राचीर से घोषणा कि 2047 तक भारत विकसित
राष्ट्र बन जायेगा परन्तु कैसे ?'
विश्व साम्राज्यवाद स्थाई महामंदी में फसकर तीसरे विश्व युद्ध का कुरुक्षेत्र बनने की ओर अग्रसर
सर्व प्रथम शहीद ए आजम भगत सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्ज्वलित किया गया । तत्पश्चात उक्त विषय पर प्रकाश डालते हुए ‘ भगत सिंह विचार मंच ‘ के संस्थापक श्याम बिहारी सिंह ने बताया कि विश्व साम्राज्यवाद स्थाई महामंदी में फसकर तीसरे विश्व युद्ध का कुरुक्षेत्र बनने और बिखंडित होने की ओर अग्रसर हो रहा है ।
अखण्ड और समृद्ध भारत यानी भगत सिंह के सपनों का भारत
भारतीय क्रांति की सफलता ही नए आज़ाद , अखण्ड और समृद्ध भारत यानी भगत सिंह के सपनों का भारत बन सकता है । यह तभी संभव है जब देश आज़ाद हो और देश पर जनता का राज हो । विकास का माडल समाजवादी हो । जनता का दृष्टिकोण वैज्ञानिक और राजनैतिक चेतना उन्नत हो । युवा विज्ञान , तकनीकी विकास और अनुसंधान में विशेष रुचि रखते हों
देश में भयानक बेरोजगारी , अशिक्षा और असमानता
अगले वक्ता अनुभव दास ने बताया कि अभी हमारे देश की अर्थ व्यवस्था के 65 % हिस्से पर मात्र 1 % पूंजीपतियों का कब्जा है । जबकि 90 % आबादी के पास मात्र 15 % धन है । जिस अमेरिका के आगे मोदी जी ने घुटने टेक रखे हैं उसकी अर्थव्यवस्था 22 ट्रिलियन है , चीन की अर्थव्यवस्था 19 ट्रिलियन है वही भारत की अर्थव्यवस्था मात्र 3.5 ट्रिलियन है । इस देश में भयानक बेरोजगारी , अशिक्षा और असमानता है ।ऐसी असमान आर्थिक व्यवस्था में देश को विकसित बनाने का सपना दिखाना केवल मजाक और छलावा है ।
सोशल मीडिया की गुलामी नमक एकांकी देश भक्ति की भावना से ओतप्रोत
उक्त कार्यक्रम में बच्चों ने ‘ शहीद ए आजम भगत सिंह’ की स्मृति में सोशल मीडिया की गुलामी नमक एकांकी प्रस्तुत कर माहौल को देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत कर दिया । कवि वसीम अहमद की क्रांतिकारी कविताओं ने लोगों में क्रांतिकारी जोश भर दिया ।
उक्त कार्यक्रम में लालजी सिंह , तिलकधारी बिंद , रमेश यादव , श्यामलाल मौर्या , अखिलेश दूबे , डॉक्टर गीता शुक्ला , पारस यादव , रामायन राम , इंद्रजीत शर्मा , दीनबंधु सिंह , समीम मिल्की , डॉक्टर सुदामा पाण्डेय, राम अवध सिंह आदि ने अपने क्रांतिकारी विचार व्यक्त किया । कार्यक्रम की अध्यक्षता सूर्यनाथ सिंह ने और संचालन डॉक्टर मिश्रीलाल पासवान ने किया ।