दिवाली की अमावस्या तिथि आज दोपहर 3 बजकर 52 मिनट पर शुरू होगी और तिथि का समापन 1 नवंबर यानी कल शाम 6 बजकर 16 मिनट पर होगा. सुबह स्नान आदि से निवृत्त होकर सभी देवी देवताओं की पूजा करें. शाम के समय लक्ष्मी पूजन के दौरान सबसे पहले शुद्धिकरण कर लें.

खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली। इस वर्ष 31 अक्तूबर 2024 को दिवाली पर कार्तिक अमावस्या तिथि दोपहर बाद शुरू होगी और यह 01 नवंबर की शाम तक रहेगी। ऐसे में दिवाली 31 अक्तूबर को मनाई जाएगी। आइए जानते हैं दिवाली पर लक्ष्मी -गणेश पूजन के लिए शुभ मुहूर्त क्या है।

दिवाली अमावस्या तिथि कब से कब तक (Diwali 2024 Tithi)
हर वर्ष दीपावली का त्योहार कार्तिक माह की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष कार्तिक महीने की अमावस्या तिथि दो दिन रहेगी। कार्तिक अमावस्या तिथि की शुरुआत 31 अक्तूबर, गुरुवार को दोपहर बाद 3 बजकर 52 मिनट पर होगी और समापन तिथि 01 नवंबर को शाम को 06 बजकर 16 मिनट पर रहेगी, फिर प्रतिपदा तिथि लग जाएगी। 

दिवाली 2024 लक्ष्मी पूजन कब ? ( Diwali 2024 Laxmi Puja Muhurat)
दिवाली पर लक्ष्मी- गणेश पूजन प्रदोष काल, अमावस्या तिथि और स्थिर लग्न में करने की धार्मिक मान्यता है। प्रदोष काल वह समय होता है जब सूर्यास्त हो जाता है और यह लगभग 2 घंटे 24 मिनट तक रहता है। हिंदू धर्म में कोई भी व्रत या त्योहार उदया तिथि के आधार पर तय होता है, लेकिन दिवाली पर माता महालक्ष्मी की पूजा अमावस्या तिथि को रात्रि में होती है। 31 अक्तूबर को पूरी रात अमावस्या तिथि रहेगी। पंचांग के मुताबिक कार्तिक माह की अमावस्या तिथि 31 अक्तबूर को 3 बजकर 52 मिनट पर आरंभ हो जाएगी और इसका समापन 01 नवंबर को शाम 06 बजकर 16 मिनट पर होगा। 31 अक्तूबर को दिवाली मनाई जाएगी और इसी दिन लक्ष्मी पूजा होगी। 

दिवाली लक्ष्मी पूजा विधि (Diwali 2024 Lakshmi Puja Vidhi)
दिवाली अंधकार पर प्रकाश की जीत का पर्व है। दिवाली की रात को घरों को दीयों की रोशनी और रंगोली से सजाया जाता है। इसके अलावा धन, सुख और समृद्धि की देवी मां लक्ष्मी की दिवाली की शाम के समय पूजन करने का विशेष महत्व होता है। दिवाली पर लक्ष्मी पूजा को बहुत ही शुभ माना गया है। दिवाली पर लक्ष्मी पूजा प्रदोष काल में आरंभ करनी चाहिए और लक्ष्मी पूजन के लिए घर का ईशान कोण और उत्तर दिशा सबसे शुभ होती है। सबसे पहले पूजा स्थल की साफ-सफाई करके सभी सामग्रियों को एकत्रित करते हुए माता की चौकी स्थापित करें। फिर स्वास्तिक बनाएं। इसके बाद इस स्वास्तिक के ऊपर कटोरी में चावल रखें और चौकी पर लाल रंग का नया वस्त्र बिछाकर मात लक्ष्मी और गणेश की प्रतिमा को स्थापित करें। इसके बाद सभी देवी-देवताओं का आवहन करते हुए गंगाजल का छिड़काव करते हुए पूजा का संकल्प लें। फिर इसके बाद चौकी पर स्थापित माता लक्ष्मी, भगवान गणेश, कुबेर देव,माता सरस्वती और हनुमान जी को पुष्प, धूप, दीप और दिवाली से जुड़ी सभी पूजा सामग्री का भोग लगाएं। अंत में आरती करें और फिर घर के हर एक हिस्से में दीपक जलाएं और रोशनी, सुख-समृद्धि का पर्व मनाएं। 

दिवाली 2024 लक्ष्मी पूजा शुभ मुहूर्त (Diwali 2024 Lakshmi Puja Muhurat)
दिवाली पर माता लक्ष्मी, भगवान गणेश और कुबेर देवता की पूजा अमावस्या व्यापिनी तिथि और प्रदोष काल में करने की मान्यता है। 31 अक्तूबर को प्रदोषकाल की शुरुआत शाम 05 बजकर 36 मिनट से होगी जबकि इसका समापन शाम 08 बजकर 11 मिनट पर होगा। इसके अलावा लक्ष्मी पूजन के लिए स्थिर लग्न बहुत ही शुभ और श्रेष्ठ माना जाता है। 31 अक्तूबर को वृषभ लग्न की शुरुआत शाम 06 बजकर 25 मिनट से लेकर रात 08 बजकर 20 मिनट तक होगा। इस तरह से 31 अक्तूबर को लक्ष्मी पूजन के लिए शुभ मुहूर्त शाम 06 बजकर 25 मिनट से लेकर रात 08 बजकर 20 मिनट के बीच अच्छा रहेगा। कुल मिलाकर 31 अक्तूबर को लक्ष्मी पूजन के लिए शुभ मुहूर्त शाम 05 बजकर 32 मिनट से लेकर रात 08 बजकर 51 मिनट तक रहेगा। इस शुभ मुहूर्त में लक्ष्मी पूजन विशेष फलदायी होगा।

दिवाली आज और जगहों पर कल भी, लक्ष्मी पूजन के लिए दो दिन के मुहूर्त

इस वर्ष दिवाली की तारीख को लेकर मतभेद क्यों?

दिवाली एक पंचदिवसीय त्योहार होता है। धनतेरस से दिवाली का पर्व शुरू हो जाता है और भैया दूज पर समाप्त होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार हर वर्ष दीपावली का त्योहार कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाई जाती है। लेकिन इस बार कार्तिक अमावस्या तिथि दो दिन पड़ने के कारण दिवाली के त्योहार को लेकर कुछ कंफ्यूजन की स्थिति बनी हुई है कि दिवाली 31 अक्तूबर को मनाई जाय या फिर 01 नवंबर को। 

दीपावली हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है जिसे दीपोत्सव भी कहा जाता है। यह त्योहार अंधकार पर प्रकाश की विजय का पर्व है। दीपावली पर धन और समृद्धि के देवी महालक्ष्मी का विशेष पूजन करने का विधान होता है। शास्त्रों में दिवाली पर महालक्ष्मी का पूजन अमावस्या तिथि पर प्रदोष काल और स्थिर लग्न में सबसे सर्वोत्तम माना गया है। प्रदोष काल के अलाव महानिशीथ काल में लक्ष्मी पूजन का विशेष महत्व होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माता लक्ष्मी का प्राकट्य अमावस्या तिथि के संध्याकाल में हुआ था इस कारण से दिवाली का पर्व और लक्ष्मी पूजन प्रदोषकाल और रात्रिकाल निशीथ काल में होती है।  

इस वर्ष दिवाली को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है। दरअसल अमावस्या तिथि दो दिन पड़ने के कारण कुछ जगहों पर दीपावली 31 अक्तूबर को मनाने की बात कही जा रही है कुछ जगहों पर 01 नवंबर को। 

आइए जानते हैं दिवाली पर कब से कब तक है अमावस्या तिथि, प्रदोष काल, निशिथ काल और उदया काल मुहूर्त के बारे में..

दिवाली 2024- अमावस्या तिथि 

कार्तिक अमावस्या तिथि प्रारंभ- 31 अक्तूबर को दोपहर 03:52 मिनट से।
कार्तिक अमावस्या तिथि समाप्त- 01 नवंबर को शाम 06:16 मिनट तक।

दिवाली 2024- प्रदोषकाल मुहूर्त 

दिवाली पर देवी लक्ष्मी का पूजन प्रदोष काल (सूर्यास्त के बाद के तीन मुहूर्त) और स्थिर लग्न में किया जाना चाहिए। अमूमन हर वर्ष दिवाली पर स्थिर लग्न जरूर मिलता है। दिवाली पर जब वृषभ, सिंह, वृश्चिक और कुंभ राशियां लग्न में उदित हों तब माता लक्ष्मी का पूजन किया जाना चाहिए। क्योंकि ये चारों राशि स्थिर स्वभाव की होती हैं। स्थिर लग्न के समय माता लक्ष्मी की पूजा करने से माता लक्ष्मी अंश रूप में घर में ठहरती हैं।

प्रदोष काल का समय हर दिन सूर्यास्त होने से 2 घड़ी यानी 48 मिनट तक रहता है। दिल्ली के समय अनुसार 31 अक्तूबर को शाम 5 बजकर 36 मिनट पर सूर्यास्त होगा। 31 अक्तूबर को दोपहर 3 बजकर 52 मिनट से अमावस्या प्रारंभ हो चुकी होगी और प्रदोष काल अमावस्या तिथि पर रहेगी। ऐसे में 31 अक्तूबर को शाम 5 बजकर 36 मिनट के बाद दिवाली लक्ष्मी पूजन आरंभ कर दें। 

वहीं दूसरी तरफ 01 नवंबर को शाम 06 बजकर 16 मिनट तक अमावस्या तिथि व्याप्त रहेगी और सूर्यास्त 05 बजकर 36 मिनट होगा। इस तरह से 01 नवंबर को भी प्रदोष काल और अमावस्या तिथि व्याप्त रहेगी। यानी 01 नवंबर को शाम 05 बजकर 36 मिनट से लेकर अमावस्या तिथि के समापन 06 बजकर 16 मिनट तक लक्ष्मी पूजन के लिए करीब 40 मिनट का ही शुभ मुहूर्त मिलेगा। इसके बाद प्रतिपदा लग जाएगी।

khabaripost.com
sardar-ji-misthan-bhandaar-266×300-2
bhola 2
add
WhatsApp-Image-2024-03-20-at-07.35.55
jpeg-optimizer_bhargavi
1002375393
Screenshot_24
previous arrow
next arrow

31 अक्तूबर को दिवाली- अधिकांश पंडितों और विद्वानों का मत

ज्योतिष और धर्म शास्त्रों के ज्यादातर विद्वानों का मनाना है कि दिवाली की पूजा और दीपदान हमेशा अमावस्या की रात्रि को ही किया जाता है। इसलिए दिवाली 31 अक्तूबर को मनाया जाना चाहिए न कि 01 नवंबर को। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान राम का स्वागत कार्तिक कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि की रात्रि को दीपक जलाकर किया गया था। इसके अलावा मां लक्ष्मी अमावस्या की रात्रि को ही पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं,इसलिए दिवाली 31 अक्तूबर को ही मनाना सही होगा।

01 नवंबर को प्रदोष काल सवा तीन मुहूर्त से आगे नहीं है और 01 नवंबर को न तो निशीथ काल का मुहूर्त मिल रहा है न ही पूरा प्रदोष काल। साथ ही 01 नवंबर को स्थिर लग्न भी नहीं है, इसलिए दिवाली 31 अक्तूबर को मनाना मुहूर्त और शास्त्र सम्मत है। 

31 अक्तूबर को पूर्ण प्रदोष काल और पूर्ण अमावस्या की रात्रि मिल रही है। शास्त्रों में दीपावली पर लक्ष्मी पूजन प्रदोष व्यापिनी अमावस्या तिथि और स्थिर लग्न में की जाती है। जबकि 01 नवंबर को प्रदोष काल के शुरू होने के कुछ मिनटों बाद ही अमावस्या तिथि समाप्त हो रही है। इसलिए दिवाली 31 अक्तूबर को लक्ष्मी पूजन करना शास्त्रों के अनुसार श्रेष्ठ रहेगा। 

ज्योतिष के मुताबिक, दीपावली पर कई खास बातें हैं: 

  • दीपावली के दिन सूर्य, चंद्रमा, और पृथ्वी की स्थिति से एक खास प्रभाव पड़ता है. इन तीनों ग्रहों की ऊर्जा लक्ष्मी को पृथ्वी पर आने के लिए आकर्षित करती है. 
  • कार्तिक महीने की अमावस्या को चंद्रमा का तेज सबसे कम होता है. इस दिन सूर्य अपनी नीच राशि तुला में होता है, जिससे सूर्य की रोशनी कम हो जाती है. इस वजह से, इस दिन दीपक की रोशनी का महत्व होता है
  • दीपावली की रात काजल बनाकर सभी सदस्यों की आंखों में लगाया जाता है. ऐसा माना जाता है कि इससे घर के सदस्यों पर बुरी नज़र नहीं पड़ती और भाग्योदय होता है.
  • दीपावली के दिन लक्ष्मी पूजा के लिए पीले रंग के कपड़े पहनना शुभ माना जाता है. पीले रंग का संबंध देवगुरु बृहस्पति से है.  दिवाली पर काले रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए.
  • धार्मिक मान्यता के मुताबिक, काला रंग दुख और दरिद्रता का प्रतीक है.  दीपावली की रात उल्लू, छछूंदर, या छिपकली दिखना बहुत शुभ माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि इसका मतलब है कि मां लक्ष्मी आपके घर आने वाली हैं।
WhatsApp Image 2023-08-12 at 12.29.27 PM
Iqra model school
WhatsApp-Image-2024-01-25-at-14.35.12-1
jpeg-optimizer_WhatsApp-Image-2024-04-07-at-13.55.52-1
srvs_11zon
Screenshot_7_11zon
WhatsApp Image 2024-06-29 at 12.
IMG-20231229-WA0088
WhatsApp Image 2024-07-26 at 15.20.47 (1)
previous arrow
next arrow
WhatsApp Image 2024-10-30 at 20.06.19
WhatsApp Image 2024-10-30 at 20.06.19
WhatsApp Image 2024-10-30 at 19.59.31(1)
WhatsApp Image 2024-10-30 at 19.59.31(1)
WhatsApp Image 2024-10-30 at 19.59.31
WhatsApp Image 2024-10-30 at 19.59.31
WhatsApp Image 2024-10-30 at 19.59.30(1)
WhatsApp Image 2024-10-30 at 19.59.30(1)
WhatsApp Image 2024-10-30 at 19.59.30
WhatsApp Image 2024-10-30 at 19.59.30
Screenshot_6
Screenshot_6
WhatsApp Image 2024-11-01 at 19.54.08(1)
WhatsApp Image 2024-11-01 at 19.54.08(1)
WhatsApp Image 2024-11-01 at 19.54.08
WhatsApp Image 2024-11-01 at 19.54.08
PlayPause
previous arrow
next arrow