दो हेक्टेयर जमीन के अधिग्रहण का प्रस्ताव नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा को भेजा
खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क
पीडीडीयू नगर‚चंदौली। नगर से निकलने वाला सीवेज रौना गांव के पास सीधे गंगा में गिर रहा है। चार साल पहले रौना गांव में दो हेक्टयर जमीन का अधिग्रहण कर 37 एमएलडी के एसटीपी के निर्माण की योजना बनाई गई थी। धन के अभाव में अब तक जमीन का अधिग्रहण नहीं हो पाया। वहीं, गंगा नदी में गिरने वाले सीवेज की मात्रा भी बढ़ गई। इसको ध्यान में रखते हुए गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई ने अब 45 एमएलडी के एसटीपी का प्रस्ताव नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा को भेजा है।
रौना गॉव में 328 करोड़ से 45 एमएलडी का एसपीटी बनेगा
नगर पालिका और रेलवे का सीवेज गंगा में गिर रहा है। इससे हर रोज गंगा नदी मैली हो रही है। इस समस्या के निदान के लिए करीब चार वर्ष पहले रौना गांव में दो हेक्टेयर जमीन चिह्नित कर 272 करोड़ रुपये से 37 एमएलडी के एसटीपी के निर्माण की कार्ययोजना बनाई गई थी। जिला प्रशासन ने जमीन अधिग्रहण के लिए कई बार प्रमुख सचिव नगर विकास को पत्र लिखकर बजट की मांग की लेकिन अब तक धनराशि नहीं मिली। बीतते वक्त के साथ सीवेज की मात्रा भी बढ़ गई। चार वर्ष पहले करीब 29 एमएलडी सीवेज गंगा में गिरता था। अब 32 एमएलडी सीवेज नालों के जरिये गंगा में जा रहा है। इसके देखते हुए गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई अब 32 की बजाय 45 एमएलडी के एसटीपी के निर्माण के लिए 328 करोड़ रुपये की कार्ययोजना तैयार कर नेशनल मिशन फार क्लीन गंगा को भेजी है।
बढ़ गया जमीन का सर्किल रेट
जिला प्रशासन पिछले चार साल से रौना गांव में जमीन अधिग्रहण का प्रयास कर रहा है। पहले करीब दो हेक्टयर जमीन के लिए जिला प्रशासन ने 3.58 करोड़ रुपये की मांग प्रमुख सचिव नगर से की थी। हाल ही में डीएम ने प्रमुख सचिव को पत्र भेजकर दो हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण के लिए 4 करोड़ रुपये की मांग की है
गंगा में सबसे ज्यादा गिरता है रेलवे का सीवेज
पीडीडीयू नगर। नगर और रेलवे क्षेत्र को मिलाकर कुल 32 एमएलडी सीवेज गंगा नदी में गिरता है। इसमें सबसे अधिक मात्रा रेलवे क्षेत्र से सीवेज निकलता है। विभागीय आंकडों के अनुसार नगर क्षेत्र के लगभग नौ एमएलडी और रेलवे क्षेत्र से 23 एमएलडी सीवेज गंगा नदी में गिरता है।
भविष्य को ध्यान रखते हुए एसटीपी की क्षमता बढ़ाते हुए नई कार्ययोजना की गई तैयार -आशीष कुमार, प्रोजेक्ट मैनेजर, गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई, वाराणसी
45 एमएलडी के एसटीपी का प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है। पहले रौना गांव में 37 एमएलडी का एसटीपी बनना था लेकिन भविष्य को ध्यान रखते हुए एसटीपी की क्षमता बढ़ाते हुए नई कार्ययोजना तैयार की गई है।