- उपजिलाधिकारी दिब्या ओझा पहुॅची मौके पर हास्पिटल को किया सीज
- शुक्रवार की रात आस्था हास्पिटल में हुयी थी जच्चा व बच्चे की मौत
- PHC के सामने चलता है अस्पताल फिर भी अधिकारी मौन
- मौत होते ही संचालिका अस्पताल छोड़कर हुई रफू चक्कर
- पुलिस ने शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए भेजी लाश
खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क
शहाबगंज‚चंदौली। आखिरकार उस अजन्में बच्चे का क्या कसूर था ǃ जिन्हे भगवान कहा जाता है कैसे कर रहे है लापरवाही । जिनकी वजह से जननी व उसके बच्चे को भी जान से हाथ धोना पडाǃ आखिरकार अधिकारी क्यों चलने दे रहे है इस प्रकार के चिकित्सालय को जहाँ पर ट्रेन्ड डाक्टरों के अभाव में मानव जीवन के साथ खिलवाड किया जा रहा है। जी हाँ हम बात कर रहे है शहाबगंज के आस्था हास्पीटल का जहा प्रसव के दौरान जच्चा-बच्चा की हुई मौत,नाराज परिजनों ने किया हंगामा,तीन थानों की फोर्स के साथ पहुंचे पुलिस क्षेत्राधिकारी ने मामला कराया शांत। उसके बाद शनिवार को उपजिलाधिकारी चकिया दिब्या ओझा मौके पर पहुॅची और आवश्यक कार्यवाही करते हुए अस्पताल को सीज कर दिया।
जच्चा बच्चा की मौत की खबर पर पहुँचे ग्रामीणों व परिजनों ने लगाया लापरवाही का आरोप
जिले के शहाबगंज थाना क्षेत्र इलाके में ब्लॉक के समीप स्थित आस्था हास्पिटल में शुक्रवार की रात प्रसव के दौरान जच्चा-बच्चा की मौत हो गई। घटना से नाराज परिजनों में चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा कर दिया । जिससे हास्पिटल की संचालिका मौके से फरार हो गई। मौके पर पहुंचे सीओ के साथ आस पास के थाने इलिया और चकिया थाने की फोर्स लेकर मौके पर आ धमके। मामला बढ़ता देख पुलिस ने किसी तरह समझा कर परिजनों को शांत कराया और दोनों के शव को कब्जे में लेकर पीएम के लिए भेजा। प्राप्त समाचार के अनुसार चकिया कोतवाली के मुड़हुआं दक्षिणी की गांव निवासी प्रिंस यादव की पत्नी अपने मायके एकौना गई हुई थी। जहा शुक्रवार को उसको प्रसव पीड़ा होने लगी परिजनों ने आनन फानन में उसको शहाबगंज आस्था हॉस्पिटल में भर्ती कराया कराया जहा प्रसव के दौरान दोनों की मौत हो गई। वही अस्पताल संचालक मौक़े से फरार हो गई। जिसकी जानकारी होने पर परिजनों में कोहराम मच गया।परिजनों में चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए अस्पताल के बाहर हंगामा कर दिया। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे सीओ व तीन थानों की पुलिस ने किसी तरह परिजनों को समझा बुझा कर शांत कराया और जच्चा बच्चा के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
क्षेत्र में घडल्ले से संचालित हो रहे है अवैध हास्पिटल व जांच केन्द्र
वही बता दे कि कभी स्वास्थ्य विभाग की टीम तो कभी उपजिलाधिकारी के द्वारा लगातार जांच के बाद कई हास्पिटलों को सीज किया जाता है फिर वे अपना जुगत लगाकर फिर से उनके चिकित्सालय संचालित हो जाते है। कही न कही से तो झाेल है। आखिरकार मानव जीवन के साथ इतना बडा खिलवाड क्यो ? वही बताने चले कि जांच केन्द्रो की भी नगर सहित आस पास के क्षेत्रों में भरमार है। जहाँ पर मोटी रकम देकर अपने जांच केन्द्रों को संचालित किया जा रहा है। नाक के नीचे सब काम चल रहा है क्या अधिकारियों को पता नही है?
हास्पिटलों द्वारा आयुस्मान कार्ड बनाने का लिया जा रहा तीन – तीन सौ रूपए
वही बता दे कि कुछ तथा कथित चिकित्सालयों द्वारा आयुस्मान कार्ड बनाने के नाम पर तीन – तीन सौ रूपए की रकम वसूली जा रही है। जिसके भुक्तभोगियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि हमें मजबूरन आयुस्मान कार्ड बनाने के लिए इतने पैसे देने पडे। जब कि सी एस सी जन सेवा केन्द्रो पर मात्र तीस रूपए में ए कार्ड बनकर लेमिनेशन कर दिया जा रहा है।
मृतका के पति ने दी लिखित तहरीर
थानाध्यक्ष मिर्जा रिजवान बेग ने बताया कि दोनों शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। मृतका के पति द्वारा तहरीर मिला है पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी।