आखिर कहाँ गया गरीबी हटाने वाला भाजपा का बजट
खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क
चकिया‚चन्दौली। आखिर गरीबी हटाने का अलाप रट रही भाजपा की सरकार का अब लगता है एक ही फंदा बचा है वह यह कि वह गरीबी तो नही हटा पा रही हाँ लेकिन गरीबों को जरूर हटा देना चाहती है। बजट पर बोलते हुए रार्बट्सगंज सांसद कुॅवर छेाटेलाल खरवार ने कहा कि आखिर कहा गया भाजपा का गरीबी हटाने वाला बजट क्या 12 लाख टैक्स में रियारत देने सये गरीबी हट जायेगी। आखिर ये 12लाख कमाने वाले कितने गरीब है। इससे SC/ST/OBC व्यापारी, किसानों को क्या लाभ मिलने वाला है। सांसद छोटेलाल खरवार ने कहा कि पूर्व मे सदन के माध्यम से मेरे द्वारा सभी गरीबों के लिए उत्थान कैसे होगा उसपर सरकार को सुझाव दिया था मगर कोई ध्यान इस बजट मे नहीं दिया गया।
आखिर 12 लाख टैक्स में छूट देकर सरकार किसकी मदद करना चाहती है?
12 लाख टैक्स फ्री देकर ढिंढोरा पिटने वाली भारतीय जनता पार्टी सरकार यह बताए कि 12 लाख टैक्स मे छूट पैसा वालों के लिए होगा। परन्तु 12 लाख रूपए गरीब, मजदूर, व्यापारी, किसान, युवा इत्यादि लोग कहां से पाएंगे। 12 लाख कैसे कमाएंगे यह सरकार बताये?
हिम्मत है तो 12 लाख फ्री लोन दे गरीबों को सरकार जिससे हो उनका भी विकास
उन्होने कहा कि अगर इसकी जगह सरकार SC/ST व युवाओ के लिए उच्च स्तरीय शिक्षा फ्री, सब्सिडी पर शिक्षा लोन फ्री, चिकित्सा फ्री, किसानों को व्यापारियों को सब्सिडी पर लोन देकर विकास का कार्य करती तो मान लिया जाता कि सरकार गरीबों असहायों के लिए भी काम कर रही है। यही सरकार जब विपक्ष में थी हाय तौबा मचा रही थी आज वही गरीबी को नही बल्कि गरीब को ही साफ करने पर तुली है।
गरीबी रेखा से नीचे वाला ब्यकित् जमीन बेचकर अपनी बेटी की शादी ना करें
सरकार को चाहिए कि कोई भी गरीबी रेखा से नीचे वाला ब्यकित् जमीन बेचकर अपनी बेटी की शादी ना करें। ऐसी सुविधा सरकार सुनिश्चित करें। बल्कि 12 लाख लोन फ्री में देकर 5 साल तक हर बेरोजगार काे रोजगार का अवसर देना चाहिए। बल्कि उपरोक्त सभी के लिए बकरी लोन, गाय – भैस लोन,भेड़ लोन, सूअर लोन, व्यापारी लोन किसान लोन युवा शिक्षा लोन इत्यादि लोन से पैसा देकर उनका उत्थान करना चाहिए।
रसोइयों से लेकर शिक्षा मित्रों तक का मानदेय बढाए सरकार
स्कूल में खाना बनाने वाली रसोईया महिलाओं को वेतन/मानदेय बढ़ाना चाहिए उसी प्रकार आशा, आंगनबाडी, शिक्षामित्रों, आपदाओं समूह सखियों को भी वेतन/ मानदेय बढ़ाना चाहिए।
कहने को पत्रकार भी चौथे स्तम्भ लेकिन क्या है इनको सहूलियत
मगर इस बजट में इन सभी के लिए कुछ नहीं है। इस बजट में तो देश के मान्यता प्राप्त मीडिया के लोगों को यात्रा में रेलवे विभाग द्वारा 50% छूट मिलता था, यह सुविधा 5 सालों से बंद है,कहने को पत्रकार चौथे स्तम्भ है लेकिन क्या मिल पा रही है इनको सहूलियते। इस पर भी बजट में विचार करना चाहिए। यही नही सभी पत्रकारों के लिए विशेष ब्यवस्था करनी चाहिए।
दलितों की मसीहा बनने वाली सरकार की नजर क्यों नही जा रही कांसीराम आवासों पर
कहा कि दलितों को मसीहा बताने वाले, संविधान को माथे पर लगाने वाले भारतीय जनता पार्टी के लोग बने हुए दलितों के कांसीराम आवास पर नज़र नहीं डाल पाते, कई वर्षो से वहाँ साधन सुविधा, पानी, चिकित्सा, शिक्षा व बने हुए सरकारी आवासों का कोई खबर लेने वाला नहीं है। केवल दलितों का वोट लेने के लिए मायाजाल रचते हैं, उन आवासों का रंगाई पुताई होगा या नहीं किसी को चिंता नहीं है।
कहां कि वन अधिकार कानून में संशोधन किया जाए। SC/ST आदिवासियों के ज़मीनो पर बाहरी लोगों का कब्जा है, री-सर्वे करा कर उनकी जमीन वापस किया जाय तथा वन अधिकार कानून के तहत कब्जे वाले जमीन पर सभी के लिए पट्टा करना चाहिए मगर यह भी कार्य नहीं हो पाया है। जिससे आदिवासी सहित सभी लोग सरकार से नाराज़ है।