उत्तर प्रदेश बीजेपी के नए जिलाध्यक्षों के नामों का ऐलान आज होगा. इस बार बीजेपी जिला स्तर पर नाम घोषित करेगी.यूपी में बीजेपी के 98 संगठनात्मक जिलों में से 85 जिलाध्यक्षों की घोषणा हो सकती है. पढ़िए पल-पल का अपडेट.

खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क

चंदौली।सूत्रों के अनुसार सूची तैयार पड़ी है लेकिन संगठन के भीतर गहरे मतभेदों और वैचारिक शुद्धता के नाम पर चल रही जद्दोजहद के कारण अटकी हुई है।उत्तर प्रदेश में भाजपा के नए जिलाध्यक्षों की नई सूची का इंतजार आज 16 मार्च को खत्म होने जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक बीजेपी के नए जिलाध्यक्षों की सूची 16 मार्च से घोषित होगी. हर जिला अपने जिलाध्यक्ष की लिस्ट जारी करेगा. इस बार ये सूची प्रदेश स्तर पर घोषित नहीं होगी बल्कि प्रदेश चुनाव समिति के सदस्य जनपदों में जाकर नए जिलाध्यक्ष के नाम का ऐलान करेंगे।

यूपी में 2027 की बीजेपी टीम का ऐलान आज, जिलाध्यक्षों के नाम व्हाट्सएप पर भेजे जाएंगे, मंत्री-सांसदों की मौजदूगी में होगी घोषणा

भारतीय जनता पार्टी की उत्तर प्रदेश इकाई में जिलाध्यक्षों की बहुप्रतिक्षित सूची आज, रविवार 16 मार्च को जारी होगी.  खबर है कि कुछ नेता जो तय मानकों पर खरे नहीं उतरेंगे उन्हें जिलों की कमान नहीं दी जाएगी।

सूत्रों के मुताबिक इस बार बीजेपी जिला स्तर पर नाम घोषित करेगी. यूपी में बीजेपी के 98 संगठनात्मक जिलों में से 85 जिलाध्यक्षों की घोषणा हो सकती है. हर जिला अपने जिलाध्यक्ष की लिस्ट जारी करेगा. इस बार ये सूची प्रदेश स्तर पर घोषित नहीं होगी बल्कि प्रदेश चुनाव समिति के सदस्य जनपदों में जाकर नए जिलाध्यक्ष के नाम का ऐलान करेंगे।

उत्तर प्रदेश बीजेपी के नए जिलाध्यक्षों के नामों का ऐलान 
भाजपा के 98 संगठनात्मक जिलों में अध्यक्षों की नियुक्ति होनी है. यह नियुक्ति 15 जनवरी तक होनी थी. वर्तमान में अनुसूचित जाति वर्ग से 4 और महिला वर्ग से भी 4 जिलाध्यक्ष हैं। जिलाध्यक्षों की नई टीम में महिलाओं और दलितों की संख्या बढ़ेगी।

PDF फाइल में भेजा जाएगा जिलाध्यक्ष को नियुक्ति पत्र
16 मार्च को दोपहर 1 बजे वॉट्सऐप पर PDF फाइल में जिलाध्यक्ष को नियुक्ति पत्र भेजा जाएगा. फिर दोपहर 2 बजे संगठन की बैठक में एक साथ नए जिलाध्यक्षों के नाम की घोषणा की जाएगी. पार्टी ने जिलाध्यक्ष की घोषणा के दौरान किसी भी प्रकार का विवाद या विरोध रोकने के लिए सरकार के मंत्रियों को भी तैनात किया है. इसके साथ ही जिला प्रभारियों को 15 मार्च को प्रभार वाले जिले में पहुंचकर बैठक की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं।

इस वजह से हुई देरी
महिलाओं और दलितों की भागीदारी बढ़ाने के राष्ट्रीय नेतृत्व के फरमान के चलते भी देरी हुई.  बार-बार मापदंड बदलने और दिल्ली चुनाव के कारण भी जिलाध्यक्षों की नियुक्ति में देरी का कारण माना जा रहा है. 
अयोध्या महानगर, अयोध्या जिला, अलीगढ़ महानगर अलीगढ़ जिला, लखीमपुर खीरी, हापुड़, शामली, फतेहपुर सहित अन्य उन सभी जिलों में विवाद के बाद पहले चुनाव स्थगित हुआ था.

जिलाध्यक्ष पद के लिए आयु सीमा
भाजपा ने जिलाध्यक्ष पद के लिए आयु सीमा 45-60 साल निर्धारित की है. इसके साथ ही लगातार 2 बार के जिलाध्यक्ष को तीसरी बार अध्यक्ष नहीं बनाने का निर्णय हुआ है.  भाजपा जिलाध्यक्ष पद के लिए विधायकों और सांसदों ने भी ताकत झोंक रखी है।

वैचारिक शुद्धता पर संघ का जोर

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) का स्पष्ट मत है कि जिला अध्यक्ष वही बने, जिसकी निष्ठा संगठन और विचारधारा के प्रति अटल हो, न कि किसी व्यक्ति विशेष के प्रति। चूंकि यूपी में 2027 में विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में संघ को आशंका है कि अगर सांसदों और विधायकों के चहेते जिला अध्यक्ष बनते हैं, तो उनकी वफादारी चुनाव के समय संदिग्ध हो सकती है। कई भाजपा विधायक और सांसद ऐसे हैं, जो पहले समाजवादी पार्टी (सपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा) या कांग्रेस में रह चुके हैं। ऐसे नेताओं की संख्या 18 है. ऐसे में अगर टिकट कटने की नौबत आती है, तो ये नेता अपनी पुरानी पार्टी में भी वापसी कर सकते हैं।

एक दर्जन जिलों में नहीं होगा नामों का ऐलान

बीजेपी सूत्रों के मुताबिक, एक दर्जन जिले में अभी जिलाध्‍यक्ष के नामों का ऐलान नहीं होगा. माना जा रहा है विवाद के चलते इन जिलों में जिला अध्‍यक्षों की घोषणा नहीं होगा.

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