
एक बार फिर हुई कीमती लकडियां बरामद‚विभाग कर रहा खानापूर्ति
त्रिनाथ पांडेय की रिर्पोट
खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क
चकिया‚चन्दौली। मंगलवार को उस समय हास्यास्पद स्थिाति उत्पन्र हो गई जब वन विभाग की टीम ने एक बार फिर से अपने विभाग के नाक के नीचे से ढेर सारी कीमती लकडियों का जखीरा बरामद किया। वही बता दे कि वन विभाग अपनी पीठ थपथपा रहा है कि उसने कीमती लकडियों को बरामद कर लिया। और साथ ही केस भी काटा जाता है तो वन अधिनियम की धारा 4⁄10 के तहत।जिसका सीधा सीधा फन्डा यह है कि उस लकडी को घरेलू दिखाया जा रहा है जिससे बरामदगी भी हो गई और केस भी हल्का हो गया।
लगातार DFO की एक्टीविटी से करना पड रहा छापेमारी

प्रभागीय वनाधिकारी काशी वन्य जीव प्रभाग रामनगर के निर्देश पर छापेमारी की जा रही है जिसके क्रम में लकडिया तो बरामद कर ली जा रही है लेकिन गढगप्प माल को छोड दिया जा रहा है। खानापूर्ति करने में विभाग के पौ बारह है। बता दे कि लकडी बरामदगी के बाद जब हमारे संवाददाता ने वन रेंजर से वाइट लेनी चाही और कुछ पूछना चाहा तो उन्होने बाइट देने से मना कर दिया और जब प्रभागीय वनाधिकारी से पूछा गया ताे उन्होने साफ शब्दों में बया किया कि तीन केस से अधिक केस किसी भी ब्यक्ति के नाम से लकडी का केस दर्ज है तो उसे वन माफिया घोषित किया जा सकता है।और चकिया में ऐसे कई लकडी के ब्यापारी है जिनके ऊपर तीन से अधिक मुकदमें दर्ज है बावजूद इसके कोई भी कार्यवाही नही हो पा रही है।
घर में हो रहा था कीमती लकडी का कारोबार
चकिया क्षेत्र से सटे डूही सूही गांव में मुखबिर से प्राप्त सूचना पर वन विभाग की टीम के द्वारा की गई छापे मारी जिसमें बेस कीमती अवैध लकड़ियाें को वन विभाग की टीम ने बाबू लाल के घर के अन्दर से बरामद किया। साथ ही जैसे ही छापेमारी की गई वह मौके से फरार हो गया। जिसके ऊपर वन अभिनियम की धारा भी लगाई गई । सबसे मजेदार बात तो यह है कि वन विभाग के नाक के नीचे से लकड़ी काटकर बेचा जा रहा है और वन विभाग को कुछ पता भीनहीं चल रहा है जो कि कभी क़दार मुखबिर की सूचना पर छापे मारी का कार्य हो जाता है । लेकिन बाद में विभाग घोर निद्रा में लीन हो जाती है ।
ऐसे मफियायों की कमी नही
वन विभाग के नीचे से बहुत ऐसे माफिया हैं जो अपने कामों को बहुत ही बारिकी से अंजाम दे देते हैं और पता भी नहीं चलता और वन माफियायों के मनोबल को ऊंचा विभाग ही करता है कार्यवाही के नाम पर 4/10का केस काटकर यह बता देती हैं कि हम आप के साथ है बिना जांच पड़ताल किए ही वन विभाग के अधिकारियों को पता चल जाता है कि यह लकड़ी 4/10की ही है। आखिर क्या मामला है बहुत ही जल्दबाजी में फैसला कर लिया जाता है वही आज बाबूलाल पुत्र स्वर्गीय सीताराम निवासी ग्राम सभा डूही सूही के यहां से शाहगवन जो एक बहुत ही कीमती लकड़ी मानी जाती है उसको वन विभाग के द्वारा मुखबिर के सूचना पर छापे मारी में जप्त कर चकिया रेंज में लाया गया जिसकी कीमत सरकारी रेट से लगभगअस्सी हजार रुपए बताया जा रहा है । मौके पर वन विभाग की टीम को देख कर आरोपी फरार हो गया जिससे लकड़ी को जप्त करके उसकी जांच पड़ताल की जा रही है । इसकी जानकारी चकिया रेंज के वन क्षेत्राधिकारी अश्वनी कुमार चौबे से लिया गया तो उन्होने बाइट देने से साफ मना कर दिया।
छापेमारी टीम में उप वन क्षेत्राधिकारी आनंद दुबे , वन दरोगा राम अशीष, वन दरोगा संदीप सुमन ,शिव बक्स, आदित्य , अनीता यादव, शंकर व प्राइवेट संविदा कर्मचारी मौके पर मौजूद रहे।



