Children of classes one to five standard to take education under one roof
एक ही कक्ष में कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों की सही ढंग से नहीं हो पाती है पढ़ाई
पढ़ाई कर रहे बच्चों का भविष्य हो रहा चौपट, आलाधिकारी मौन
महादेवपुर कला का प्राथमिक विद्यालय वर्षों से है जर्जर विभाग नहीं ले रहा है सुधि
किसी बड़ी अनहोनी का बाट जो रहा महादेवपुर कला का प्राथमिक विद्यालय
Ram Ashish Bharati
खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क
चकिया, चंदौली। प्राथमिक विद्यालय महादेवपुर कला का भवन वर्षों से पूरी तरह जर्जर हो चुका है। जर्जर भवन की सूचना लिखित व मौखिक स्थानीय तहसील के शिक्षा विभाग व जिले स्तर के शिक्षा विभाग के आला अफसरों को दी गई है। फिर भी विभाग मौन धारण किया हुआ है। आशंका जताई जा रहा है कि शिक्षा विभाग किसी बड़ी अनहोनी का बाट जो हो रहा है। एक ही छत के नीचे कक्षा 1 से कक्षा 5 तक के बच्चे शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर हैं। एक ही भवन में कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों की पढ़ाई सही तरीके से नहीं हो पाती है। जिससे बच्चों का भविष्य पूरी तरह चौपट हो रहा है। अधिकारियों को इसकी परवाह बिल्कुल नहीं है कि बच्चे एक ही छत के नीचे कैसे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। पिछले दिनों बारिश के दौरान छत से एक छज्जा भी टूट कर पढ़ाई के दौरान ही गिरा था। जिससे बाल बाल पढ़ाई कर रहे बच्चे बच गए अन्यथा बड़ी घटना घट सकती थी।
बड़ी घटना के बाद ही शिक्षा विभाग की खुलेगी नींद
स्थानीय विकासखंड के महादेवपुर कला गांव का प्राथमिक विद्यालय भवन पूरी तरह जर्जर होकर बारिश के मौसम में टपा टप चू रहा है। यह भवन कभी भी धराशाई हो सकता है। इसकी शिकायत लिखित व मौखिक तरीके से भी स्थानीय तहसील के शिक्षा विभाग सहित जिले के आला अफसरों को अवगत कराया गया लेकिन आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई। जिससे प्रतीत हो रहा है कि शिक्षा विभाग किसी बड़ी घटना की बाट जोह रहा है। घटना होने के बाद ही भवन का मरम्मत व जीर्णोद्धार कराएगा।
विद्यालय में पढ़ाई कर रहे बच्चों का भविष्य हो रहा चौपट
प्राथमिक विद्यालय में पढ़ाई कर रहे कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों का भविष्य पूरी तरह अंधकार में है। इसे लेकर शिक्षा विभाग तनिक भी सतर्क नहीं दिख रहा है। शिक्षा विभाग पूरी तरह लापरवाह बन कर कुंभकरणीय निद्रा में सोया हुआ है। यहां के बच्चे वर्षों से एक ही छत के नीचे शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर हैं। अन्य भवनों की स्थिति पूरी तरह जर्जर होने के कारण छात्रों व अध्यापकों में पूरी तरह भय बना हुआ है। प्राथमिक विद्यालय के जर्जर भवन में बच्चे व अध्यापक जाने से शहम रहे हैं।
एक ही छत के नीचे एक से पांच तक के बच्चों की नहीं हो पाती पढ़ाई
प्रधानाध्यापकों ने बताया कि एक ही छत के नीचे बच्चों को पढ़ाना बहुत ही मुश्किल हो रहा है। कक्षा एक से पांच तक के बच्चे वर्षों से एक ही छत के नीचे पढ़ रहे हैं। जिससे इनका भविष्य चौपट हो रहा है। कक्षा एक के बच्चे को पढ़ाने पर कक्षा दो से कक्षा 5 तक के बच्चों का टाइम बर्बाद होता है। तो वही कक्षा पांच के बच्चे को पढ़ाने पर कक्षा 1 से 4 तक के बच्चों को कुछ समझ में नहीं आता है। एक ही छत के नीचे पढ़ाई कर रहे बच्चों का भविष्य पूरी तरह अंधकार में है। यदि समय रहते स्थानीय प्रशासन नहीं चेता तो बच्चों की भविष्य तो खराब हो ही रहा है कभी भी जर्जर भवन के कारण बड़ी घटना भी घट सकती है।
कई बार अधिकारियों को लिखित प्रार्थना पत्र देकर कराया गया है अवगत
अनेकों बार जर्जर भवन की शिकायत शिक्षा विभाग व जिले के आला अधिकारियों से की गई। लेकिन उनके कान तक जूं तक नहीं रेंग रहा है। स्थानीय ग्रामीणों ने भी अपने बच्चों को विद्यालय जाने से मना कर दे रहे हैं कि जर्जर भवन कभी भी गिर सकता है। जिससे उनके बच्चों के साथ कोई बड़ी घटना घट सकती है। विद्यालय के भवन जर्जर होने के साथ अभिभावक भी डरे सहमे हुए हैं। अभिभावक अपने बच्चों को विद्यालय भेजने से भी कतरा रहे हैं। जिससे बच्चों की शिक्षा पूरी तरह बर्बाद हो रही है।
घास फूस व जंगल से पटा प्राथमिक विद्यालय
प्राथमिक विद्यालय महादेवपुर कला के परिसर में पूरी तरह घास फूस उग चुका है। इन घास फूसों में जहरीले जानवर भी बसेरा ले चुके हैं। अध्यापकों ने बताया कि कई बार परिसर के घास फूस से जहरीले जानवर स्कूल के भवनों तक आ जाते हैं। जिससे बच्चों व हम लोगों को डर लगता है कि कभी भी यह अपने जद में ले सकते हैं। अध्यापकों ने बताया कि विद्यालय परिसर पूरी तरह घास फूस से पट चुका है।
स्थानीय विधायक, मंत्री नहीं ले रहे शिक्षा व्यवस्था व जर्जर भवन की मरम्मत की जिम्मेदारी
हालांकि शिक्षा विभाग तो कुंभकरणीय निद्रा में सोया ही है। लेकिन स्थानीय विधायक, मंत्री भी इस समस्या का समाधान कराने में नाकाम दिख रहे हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के पैतृक गांव से सटे महादेवपुर कला के प्राथमिक विद्यालय का भवन जर्जर होने के साथ ही सैकड़ों बच्चों का भविष्य अंधकार में है। फिर भी स्थानीय विधायक, मंत्री इसकी सुधि लेने से कतरा रहे हैं। यदि स्थानीय विधायक, मंत्री उच्च शिक्षा विभाग व शिक्षा मंत्रालय से जर्जर भवन का मरम्मत व जीर्णोद्धार का कार्य करना चाहे तो आसानी से हो सकता है। लेकिन इनको भी लगता है किसी बड़ी अनहोनी की इंतजार है।
समय रहते नहीं चेता गया तो स्थानीय ग्रामीण जिला मुख्यालय पर करेंगे धरना प्रदर्शन
स्थानीय ग्रामीणों ने शिक्षा विभाग सहित स्थानीय विधायक, मंत्रियों को चेताते हुए कहा कि समय रहते भवन का मरम्मत नहीं हुआ तो हम ग्रामीण जिला मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन करने को बाध्य होंगे। उन्होंने कहा कि हम लोगों के बच्चों का भविष्य पूरी तरह अंधकार में है। अंधकार ही नहीं बल्कि इन बच्चों के जीवन पर खतरा मंडरा रहा है। जर्जर भवन में पढ़ाई करने पर भवन कभी भी गिर सकता है जिससे बच्चों व अध्यापकों के साथ बड़ी अनहोनी घट सकती है। बच्चों की शिक्षा पूरी तरह चौपट होने की कगार पर है।