-जिले में मनाया गया प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस
–संस्थागत प्रसव, परिवार नियोजन के साथ ही पोषण के प्रति किया जागरूक
-गर्भवती को दी गई सलाह खाये मौसमी फल,हरी साग-सब्जी
खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क
चंदौली। जिले में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस पर 1150 गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच (एएनसी) की गई। इसमें 118 महिलाएं उच्च जोखिम गर्भावस्था (एचआरपी) में चिन्हित की गईं। यह कहना है अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आर बी शरण का। उन्होंने बताया कि हर माह की नौ तारीख को मनाया जाने वाला प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस रविवार होने से इस बार 10 अक्टूबर को मनाया गया। इस दिवस पर पहली बार गर्भवती को नि:शुल्क प्रसव पूर्व जांच, संस्थागत प्रसव सुविधा, परिवार नियोजन की सुविधा के साथ ही पोषण के प्रति जागरूक गई है।
मातृत्व दिवस का मुख्य उद्देश मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाना
कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ शरण ने बताया कि इस दिवस पर विशेषज्ञ कि निगरानी में जांच की सुविधा दी जाती है | गर्भवती के विभिन्न प्रकार की बीमारियों जैसे रक्तचाप, शुगर और हार्मोनल रोगों की जाँच की जाती हैं| इस योजना के तहत गर्भवती के अच्छे स्वास्थ्य और निशुल्क जांच प्रदान करने के साथ स्वस्थ बच्चे को जन्म देने व गर्भवती को स्वस्थ जीवन प्रदान करने का उद्देश्य है | उन्होंने कहा कि इस दिवस का मुख्य उद्देश मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाना है |इसके लिए गर्भवती अपने घर के नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर नि:शुल्क जांच और इलाज करा सकती है।
गर्भवती को स्वास्थ्य सुविधाएं केवल शहर में ही नहीं बल्कि गांव में भी
इस योजना का लाभ लेने के लिए जिले के किसी भी अस्पताल में पंजीकरण करा सकती हैं,गर्भवती को स्वास्थ्य सुविधाएं केवल शहर में ही नहीं बल्कि गांव में भी दी जा रही है| इस योजना का लाभ गर्भावस्था से लेकर प्रसव पश्चात जच्चा–बच्चा की सुरक्षा के लिए भी दिया जा रहा है| साथ गर्भवती को मौसमी फल,हरी साग-सब्जी,साबूत अनाज,दाल,चुकंदर और पालक का सेवन करने कि जानकारी दी जाती है |
जिला मातृ स्वास्थ्य परामर्शदाता मनोज कुमार ने बताया कि इस दिवस पर मुख्य रूप से संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने और उच्च जोखिम गर्भावस्था वाली महिलाओं की पहचान कर,चिकित्सक अपने निगरानी में रखते है | जिससे जच्चा-बच्चा को किसी तरह के नुकसान से बचाया जा सके | इस दिन हर गर्भवती की पांच जांच- ब्लड प्रेशर, ब्लड टेस्ट,यूरिन टेस्ट, हीमोग्लोबिन जांच और अल्ट्रासाउंड नि:शुल्क किया जाता है।
उच्च जोखिम गर्भावस्था वाली महिलाओं की पहचान कर उन्हें उच्च चिकित्सा केन्द्रों पर किया जाता है रेफर
उच्च जोखिम गर्भावस्था वाली महिलाओं की पहचान कर उन्हें उच्च चिकित्सा केन्द्रों पर रेफर किया जाता है।सुविधा-गर्भवती की निःशुल्क एएनसी जांच व नि:शुल्क की जाती है जैसे – मधुमेह का स्तर, ब्लड प्रेशर, हीमोग्लोबिन, अल्ट्रासाउंड से साथ गर्भवती के खतरे के लक्षण जैसे – गर्भवस्था के दौरान तेज बुखार, त्वचा का पीलापन, हाथ, पैरों व चेहरे पर सूजन, दौरे पड़ना, उच्च रक्तचाप, तेज सरदर्द व धुंधला दिखना, योनि से रक्तश्राव होना इत्यादि| यदि कोई भी जोखिम वाली स्थिति की संभावना हो तो उससे बचने के लिए समय पर अस्पताल पहुंचाया जा सके | जच्चा व बच्चा की जान को समय रहते बचाया जा सके। उन्होने बताया कि जिले में गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच (एएनसी) 1150 जांचें की गई, जिनमें से 118 महिलाएं उच्च जोखिम गर्भावस्था (एचआरपी) में चिन्हित की गई |
आइए देखे सुविधा की कहानी पेसेन्ट की जबानी
बरहनी ब्लॉक की रीना उम्र 22 वर्ष ने कहा कि मेरी पहली प्रेग्नेंसी की जांच हुई है,तीसरा महीना चल रहा है | डॉक्टर ने जांच की और दवा के साथ-साथ हरी साग-सब्जी व अंकुरित अनाज खाने की जानकारी दी है | वजन,बीपी,एक्सरे के साथ निशुल्क दवा दी गई |
बरहनी ब्लॉक की ही सुनीता पांडेय 24 वर्षीय ने बताया कि मेरी पहली प्रेग्नेंसी की पाचवा महीने की जांच हुई। डॉक्टर ने आराम करने व दूध और ज्यादा से ज्यादा फल व हरी-सब्जी खाने की सलाह दी है | मेरी प्रेग्नेंसी की जांच भी यही से हुई, हर महीने के नौ तारीख को नियमित जांच के लिए अस्पताल आने को कहा गया है | बहुत अच्छा सुविधा है दूर जाना नहीं होता है | किसी तरह कि दिक्कत होने पर सलाह जांच तो मिल जाती है |