ग्रामीणों की शिकायत के बाद प्रधान द्वारा युद्ध स्तर पर बनाई जा रही सड़क
ग्रामीणों का आरोप, कागजी कोरमपूर्ति कर धन धड़पने की थी योजना
खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क
चंदौली। सरकार भ्रष्टाचार मिटाना चाहती है और सड़कों को गड्ढा मुक्त करना भी उसकी नेक मंशा में शामिल है। बावजूद इसके जमीनी स्तर पर व्यापक सुधार दिखने की बजाय ये दोनों समस्याएं दिन प्रतिदिन अपनी जड़ें और गहरी करती चली जा रही है। ऐसे में आम आदमी का सरकार के कामकाज पर सवाल उठाना लाजिमी है।
भ्रष्टाचारः–मनरेगा पक्का निर्माण कार्य का पैसा बिना कार्य कराये भुगतान किया जाना बना चर्चा का विषय
चलिए इन दोनों समस्याओं से जुड़ी जनपद की एक ज्वलंत नजीर पेश करते हैं जिसे जानकर व पढ़कर आप इतना तो जरूर समझ जाएंगे कि इस समस्या का जड़ को कौन पोषित व मजबूत कर रहा है।
जी हां! बात हो रही स्थानीय स्तर पर जनतंत्र के लिए काम करने चुने गए जनप्रतिनिधियों व सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों। जिनकी भूमिका पर अक्सर सवाल उठते रहते हैं, लेकिन इनके विरूद्ध समुचित कार्यवाही नहीं होने से जनता हलकाल-परेशान रहती है और सरकार की छवि निरंतर धुमिल होती जा रही है।
मनरेगा पक्का निर्माण कार्य का पैसा बिना कार्य कराये भुगतान किया जाना चर्चा का विषय बना हुआ है। लोगों का कहना है कि मनरेगा पक्का निर्माण कार्य में बिना कार्य कराये पैसा का भुगतान नही किया जा सकता है।
मामला शहाबगंज ब्लाक क्षेत्र के भटरौल गांव से जुड़ा है।
भ्रष्टाचारःग्रामीणों ने जब आवाज बुलंद की तो इसमें ग्राम प्रधान की संलिप्तता और ब्लाक स्तर के अधिकारियों की लापरवाही की खुल गई पोल
जहां मनरेगा पक्का निर्माण कार्य के तहत एक सीसी रोड बनाने की पूरी स्कीम को भूमिगत कराने का प्रयास किया गया। लेकिन जागरूक जन ने जब आवाज बुलंद की तो इसमें ग्राम प्रधान की संलिप्तता और ब्लाक स्तर के अधिकारियों की लापरवाही की पोल खोल कर रख दी।
भ्रष्टाचारःसब कुछ फिजिकल होने की बजाय हुआ वर्चुअल
यहां गांव की चौहान बस्ती में सड़क बनी नहीं, लेकिन सरकारी मुलाजिमों ने प्रधान संग मिलकर इसे कागज पर बना डाला। यानी सब कुछ फिजिकल होने की बजाय वर्चुअल हुआ। लेकिन ग्राम प्रधान व जनप्रतिनिधियों को क्या पता था कि अब जनता जागरूक हो गई है।
भ्रष्टाचारःग्रामीणों को जो जानकारी हाथ लगी वह रही काफी चौकाने वाली
जब उन्हें इस काम की भनक लगी तो सरकारी बेवसाइट और शहाबगंज ब्लाक मुख्यालय से इसकी जानकारी इकट्ठा की। ग्रामीणों को जो जानकारी हाथ लगी वह काफी चौकाने वाली थी। मसलन गांव में मेन रोड से मनई चैहान के घर तक मनरेगा पक्का निर्माण निर्माण कार्य के तहत सीसी रोड व केसी ड्रेन का निर्माण पूरा दिखाकर सरकारी खाते से दिनांक 04.07.2022 को मजदूरी के बाबत 39984 रुपसे तथा निर्माण सामग्री पर व्यय के मद में 428067 यानी कुल 468051 रुपये निकाल लिए गए।
भ्रष्टाचारःकाम हुआ नही कर दिया गया भुगतान
चूंकि यह काम जमीनी रूप से हुआ नहीं था, लिहाजा इस भुगतान को ग्रामीणों ने फर्जी करार दिया और इससे सरकार व जनता के साथ धोखाधड़ी वाला कृत्य बताया। इसके लिए कागजी कोरम को अच्छी तरह से पूरा किया गया है।
भ्रष्टाचारःवर्क आई डी जनरेट कर किया गया भुगतान
बकायदा इसके लिए वर्क आईडी-3171008019आरसी958480255823216214 को जनरेट किया गया, जिसमें ब्लाक मुख्यालय में तैनात अवर अभियंता यानी जेई के साथ कई कर्मचारियों की मौन सहमति रही होगी। यह मौन सहमति क्यों व कैसे बनी, धोखाधड़ी के ऐसे मामलों में कोई भी जान व समझ सकता है। उसे स्पष्ट करने का कोई औचित्य नहीं बचता।
जब मामला पहुूँचा जिलाधिकारी लेडी सिंघम ईशा दुहन के पास
उक्त मामले को जब गांव के रामनिवास सिंह ने जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचाई तो ग्राम्य विकास विभाग हरकत में आया। फिलहाल जो काम कागजों में कब का पूरा हो गया था उसे अब आनन-फानन में जमीनी रूप देने का काम युद्ध स्तर पर पूरी शिद्दत के साथ चल रहा है।
भ्रष्टाचारःशहाबगंज ब्लाक के जिम्मेदार अधिकारियों व कर्मचारियों की जवाबदेही सुनिश्चित करते हुए दंडित किया जाए
जिसकी वजह से संबंधित बस्ती व इलाके के लोग आज भी आवागमन में दुश्वारियां झेल रहे हैं और सबसे अधिक दुश्वारी बीते बारिश के मौसम में लोगों ने झेली है। फिलहाल ग्रामीणों की मांग है कि इस काम के बदले जो अग्रिम भुगतान या यूं कहें फर्जी भुगतान किए गए है। उसमें ग्राम प्रधान के साथ ही शहाबगंज ब्लाक के जिम्मेदार अधिकारियों व कर्मचारियों की जवाबदेही सुनिश्चित करते हुए उचित दण्ड से दंडित किया जाए। ताकि पुनः सरकार की छवि को आघात ना पहुंचे और जनता को सुविधाएं व सहूलियत समय से उपलब्ध हो सकें।
भ्रष्टाचारः के खिलाफ जिलाधिकारी के हनक का असर
चंदौली के भटरौल गांव में मेन रोड से मनई चौहान के घर तक सीसी रोड का निर्माण कार्य अब प्रगति पर है। रास्ते के मध्य नाली का निर्माण कराने के साथ ही रास्तों पर ईंट के टुकड़े डालकर कुटाई का कार्य किया जा रहा है। साथ मनरेगा योजना के तहत एक डिस्प्ले बोर्ड भी लगाया गया है लेकिन यह बोर्ड पूरी तरह से अपूर्ण है जिसमें न तो कार्य प्रारंभ की तिथि का उल्लेख किया गया है न ही कार्य समाप्ति का। इसके अलावा परिमाप, सृजित मानव दिवस, व्यय श्रमांश, सामग्री जैसी जानकारी को अंकित नहीं किया। जो यह स्पष्ट करता है कि इस काम को करने में बड़ा झोल किया गया है। फिलहाल इस कृत्य से गांव के लोग बेहद आक्रोशित और गुस्सा हैं। ऐसा होना लाजिमी है क्योंकि वित्तीय वर्ष 2021-22 में जारी हुए इस काम को समय से पूरा कर लिया गया होता तो इन्हें इस वर्ष बारिश में कीचड़युक्त मार्ग से आवागमन को विवश नहीं होना पड़ा। महिलाओं व बच्चों को जलालत नहीं झेलनी पड़ती।