खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क
लखनऊ। केजीएमयू के यूरोलॉजी विभाग और सर्जिकल गैस्ट्रो एंटरोलॉजी विभाग के डॉक्टरों ने इतिहास रचने का काम किया है। केजीएमयू ने पहली बार किडनी और लीवर का सफल ट्रांसप्लांट पर एक साथ किया है। सफल ट्रांसप्लांट पर वीसी डॉ बिपिन पुरी ने टीम को बधाई दी है।
ब्रेन डेड घोषित किये गये मरीज को जीवित कर KGMU के डाक्टरों ने रच दिया इतिहास
ग्राम लोनार, जिला हरदोई, उत्तर प्रदेश के निवासी सुरेंद्र सिंह पुत्र स्वर्गीय चोटक्के नामक एक 20 वर्षीय पुरुष ब्रेन डेड डोनर से अंगों (जिगर, किडनी और कॉर्निया)निकाला गया था, जिसे ट्रॉमा सेंटर केजीएमयू लखनऊ में भर्ती कराया गया था। सड़क यातायात दुर्घटना का मामला जहां वे वेंटिलेटर सपोर्ट पर थे।
अनिवार्य एपनिया परीक्षण किए गए और सोमवार 03 नवंबर को केजीएमयू में मस्तिष्क मृत्यु समिति द्वारा रोगी को ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया। परिवार के सदस्य बाद में बहु अंग दान के लिए सहमत हुए। केजीएमयू में लीवर, दोनों किडनी और कॉर्निया निकाले गए।
KGMU में संयुक्त लीवर और किडनी प्रत्यारोपण के लिए पंजीकृत क्रोनिक किडनी और लीवर की बीमारियों से पीड़ित 58 वर्षीय पुरुष रोगी को KGMU में संयुक्त यकृत गुर्दा प्रत्यारोपण किया गया। ग्रीन कॉरिडोर बनाकर SGPGI लखनऊ को एक किडनी आवंटित की गई और KGMU आई बैंक द्वारा कॉर्निया प्राप्त किया गया।
प्रत्यारोपण दल का नेतृत्व केजीएमयू के कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल (डॉ.) बिपिन पुरी पीवीएसएम द्वारा
प्रत्यारोपण दल का नेतृत्व केजीएमयू के कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल (डॉ.) बिपिन पुरी पीवीएसएम ने किया। प्रो. अभिजीत चंद्रा (एचओडी सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी) के नेतृत्व में सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी टीम द्वारा लीवर निकाला गया l जिसमें डॉ. विवेक गुप्ता, डॉ. आशीष, डॉ. महेश और डॉ. भरत और एसजीई रेजिडेंट्स भी थे। प्रो. एस.एन.सांखवार (एचओडी यूरोलॉजी) के नेतृत्व में यूरोलॉजी टीम द्वारा गुर्दा निकाला गया और गुर्दा प्रत्यारोपण किया गया l जिसमें मुख्यतः प्रो.विश्वजीत सिंह, डॉ विवेक कुमार सिंह,डॉ रवि प्रकाश मिश्रा, डॉ शशिराज सिंह, डा रवि लोहनी और यूरोलॉजी रेजिडेंट्स डॉ जिगरदीप, डॉ नीतीश और डॉ जयंत शामिल रहे ।
प्रत्यारोपण टीम मे डॉ राजेश डे और डॉ सुमित गोयल मैक्स अस्पताल नई दिल्ली के और एसजीपीजीआई लखनऊ के डॉ संजय कुमार सुरेका भी डॉक्टरों की टीम मे शामिल रहे । अन्य महत्वपूर्ण सेवाएं डॉ. जी.पी. सिंह एवम् डॉ रवि प्रकाश एनेस्थीसिया विभाग से और नेफ्रोलॉजी विभाग से डॉ लक्ष्य कुमार और डॉ मेधावी गौतम, क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग से डॉ आर्मिन अहमद।
डॉ. तूलिका चंद्रा (रक्त आधान)। सभी रेजिडेंट डॉक्टर और 50 से अधिक ओटी, आईसीयू, वार्ड नर्स और सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी और यूरोलॉजी विभाग के ओटी स्ट निशान्त, विनीत, संगीता, पीयुष आदि शामिल रहे। यह अत्यंत कठिन कार्य था जो केजीएमयू में माननीय कुलपति, केजीएमयू के पूर्ण समर्थन के साथ हुआ।
केजीएमयू उत्तर प्रदेश का एकमात्र केंद्र है जो अंगों के व्यापक कार्यक्रम को पुनः प्राप्त कर रहा है। इस तरह के डबल ट्रासंप्लांट में कई तरह की चुनौतियां होती हैं। इनमें समय अधिक लगता है, दोनों बड़े अंग होने के कारण खून की नली जोडऩा, किडनी के लिए यूरिन की नली को जोडऩा आदि जैसी जटिल सर्जरी होती हैं, जिसे पूरे धैर्य के साथ सुपर एक्सपटाईज डॉक्टरों की टीम ही कर सकती है। इस पूरी प्रक्रिया में करीब 12 घंटों से अधिक का समय लगा। ट्रांसप्लांट के बाद मरीज की हालत में काफी सुधार है।