खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क

पीडीडीयू नगर‚ चन्दौली। मुगलसराय अल्पसंख्यक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जनाब शाहनवाज आलम साहब के निर्देश पर वर्तमान सरकार द्वारा अल्पसंख्यक छात्रों के लिए प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति व पांच वर्षीय मौलाना आजाद फेलोशिप प्रतिबंधित करने के विरोध में अल्पसंख्यक कांग्रेस के जिलाध्यक्ष सैयद आले अब्बास के नेतृत्व में कांग्रेस जनों ने राष्ट्रपति को संबोधित पत्रक मुगलसराय तहसील में उप जिलाधिकारी के माध्यम से दिया।

अल्पसंख्यक काग्रेस ने अल्पसंख्यक छात्रों के लिए प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति को प्रतिबंधित करने के बाद 2022-23 से बंद कर दिया गया है जो अल्पसंख्यक गरीबों के खिलाफ एक साजिश

इस दौरान संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष शाहिद तौसीफ ने कहा कि अल्पसंख्यक छात्रों के लिए प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति को प्रतिबंधित करने के बाद 2022-23 से बंद कर दिया गया है जो अल्पसंख्यक गरीबों के खिलाफ एक साजिश है तथा अल्पसंख्यक समुदाय के गरीब बच्चों को शिक्षा से दूर रखने का एक नया तरीका है। उन्होंने कहा की जून 2006 में अल्पसंख्यक कल्याण के विकास के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार ने प्रधानमंत्री 15 सूत्रीय कार्यक्रम में अल्पसंख्यक समुदाय के माता-पिता को स्कूल शिक्षा पर उनके ऊपर पड़ने वाले बोझ को हल्का करने के लिए अल्पसंख्यक समुदाय में शिक्षा का स्वरूप ऊंचा करने के लिए प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति की शुरुआत की थी।

छात्रवृत्ति बंद करने का केंद्र सरकार के कदम से लाखों अल्पसंख्यक मेधावी छात्रों का भविष्य अंधकार में

जिसको बंद करने का केंद्र सरकार के कदम से लाखों अल्पसंख्यक मेधावी छात्रों का भविष्य अंधकार में चला जाएगा। सरकार को अपने शिक्षा विरोधी फैसले को वापस लेना चाहिए। ओबीसी कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष दयाराम पटेल ने कहा कि कांग्रेस ने महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद साहब के नाम से कांग्रेस सरकार में शुरू की गई 5 सालों वाली मौलाना आजाद फेलोशिप योजना को भी बंद करने का ऐलान कर दिया है। जबकि यह फेलोशिप योजना 6 अधिसूचित अल्पसंख्यक समुदाय मुस्लिम बौद्ध ईसाई जैन पारसी और सिख छात्रों को दी जाती थी जिससे उच्च शिक्षा को आगे बढ़ाने के लिए कांग्रेस सरकार में शुरू किया गया था।

अल्पसंख्यक काग्रेस ने बताया कि बीजेपी का यह कदम शत प्रतिशत अल्पसंख्यक विरोधी है

अल्पसंख्यक काग्रेस ने बताया कि यूसीजी द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार 2014-15 और 2021-22 के बीच में 738.85 करोड़ रुपए के संचयी संवितरण के साथ 6.722 उम्मीदवारों को फेलोशिप योजना के तहत चुना गया था। बीजेपी का यह कदम शत प्रतिशत अल्पसंख्यक विरोधी है। संगठन के जिला अध्यक्ष सैयद आले अब्बास ने कहा कि अगर सरकार ने मौलाना आजाद फेलोशिप को बंद करने के फैसले को वापस न लिया तो देश में अल्पसंख्यक समुदाय के हजारों शोध उम्मीदवार एमफिल और पीएचडी करने जैसी शिक्षा से वंचित हो जाएंगे। कार्यक्रम में औसाफ अहमद सिद्दीकी,नैयर आजम,मोहम्मद नदीम,अब्दुल सलाम,शोएब कादरी,मोहम्मद आफताब,महमूद आलम,दामोदर प्रसाद,अलाउद्दीन ,मोहम्मद अकरम,मोहम्मद तबरेज आदि प्रमुख लोग उपस्थित रहे।

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