भगवान श्री राम के लंका तक सेतू बनाने की पौराणिक कथा का सच है फिल्म रामसेतु

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भारत के धनुष्कोटी तथा श्रीलंका के पंबन के  समुद्र के बीच 48 किमी चौड़ी पट्टी की तस्वीर सबसे पहले नासा ने उपग्रह से ली थी, जिसको की राम सेतु माना गया।

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भारत और श्रीलंका के बीच 50 किलोमीटर चट्टानों से बनी एक सेतू जो की 7000 वर्ष पुराना माना जाता है,यह राम सेतु हो सकता है।

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रामसेतु पर कई शोध हुए हैं, कहा जाता है की 15वी शताब्दी में इस पुल से रामेश्वरम से मन्नार दीप तक जया जाता था,लेकिन 1480 ई में भीषण चक्रवात के कारण यह पुल टूट गया

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वाल्मीकि के रामायण के अनुसार जब भगवान श्रीराम ने लंका पर चढ़ाई करने की तैयारी की थी

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उसी समय यह पानी में तैरने वाले पत्थर से इस सेतु का निर्माण नल और नील के संरक्षण में वानर सेना के द्वारा हुआ था

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इस खास पत्थर को दूसरे जगह से लाया गया था। भगवान श्रीराम ने जहां धनुष मारा था उस जगह को धनुषकोटि कहते हैं,इन सबका उल्लेख रामायण में मिलता है

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वाल्मीकि की रामायण में सेतु बनाने के कई साक्ष्य मिलते हैं। रामायण के अनुसार 3 दिन की खोजबीन के बाद श्रीराम ने रामेश्वरम के आगे समुद्र से वो स्थान खोज निकाला जहा से लंका आसानी से पहुंचा जा सके।

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बाल्मीकि के रामायण के अनुसार रामायण की रचना श्री राम के राज्यभिषेक के बाद 5075 ईशा पूर्व  के आसपास हुई है

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Ram Setu