खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क
कमालपुर,चंदौली। बुधवार को अल सुबह ग्राम प्रधान सुदामा जायसवाल अपने साथियों के साथ जम्मू से जैसे ही अपने घर पहुंचे। घर पहुंचते ही लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। देखने के लिए 22 वर्षो से पथराई आँखों में आज खुशी के छैलाब छलक रहे थे। लोगों ने मिठाई खिलाकर माला पहना कर वापसी का स्वागत किया। जो जैसे ही था वैसे ही हो लिया उसके साथ। वाकई में क्या नजारा था। कस्बे वाले अपने लाल का पलक पावडे विछाकर कर रहे थे स्वागत ।

अद्भुत नजारा था जब पिता पुत्र मिल रहे थे गले‚ झर-झर रहे थे लोगो की आँखों से ऑशु

घर लाकर पहले ग्राम प्रधान ने जय प्रकाश का बाल कटवाया इसके साथ ही उसे विधिवत स्नान कराया अच्छे कपडे पहनाए फिर लोगो से रूबरू होते – होते पूरा दिन चला गया।

कस्बा निवासी मुरली जायसवाल का पुत्र जय प्रकाश जायसवाल जो 22वर्ष पूर्व अचानक घर से गायब हो गया था जिसे सिस्टम की लापरवाही के चलते अपने बी बी , व बच्चो तक को खो देना पड़ा था उसके घर वापसी का वाकई में अद्भुत नजारा था जब पिता मुरली जायसवाल को देख जयप्रकाश जायसवाल गले मिल झर झर रोने लगे।

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पिला पुत्र के मिलन को देख लोगो की आँखें हुई नम

इस मिलन को देख मौजूद लोगों की भी आंखे नम हो गईं। इस बीच उनकी मां का पुत्र के वियोग में देहान्त हो गया। पिता भी लकवा से पीड़ित हो गए। छोटा भाई दुर्गा शंकर जायसवाल की 2014में मृत्यु हो गई। खोज का कार्य पूरी तरह से बन्द पड़ गया था कि जम्मू जी आर पी पुलिस द्वारा धीना थाने पर भेजी गई सूचना से यह मालूम हुआ कि जय प्रकाश जम्मू जेल में ए के 47 के 34जिन्दा कारतूस के साथ पकड़ा गया था। जिसे जेल भेज दिया गया था।

ग्रामप्रधान सुदामा जायसवाल बने कृष्ण व उनके सारथी बने वकीलुर्रहमान, रितेश पाण्डेय

जैसे ही जानकारी मिली ग्राम प्रधान व व्यापार मण्डल अध्यक्ष सुदामा जायसवाल जम्मू पहुंच गए। कानूनी प्रक्रिया के कारण प्रथम बार में छुड़ाने में सफलता नहीं मिली। एक बार फिर अपने सारथियों वकीलुर्रहमान, रितेश पाण्डेय के साथ जम्मू पहुंचे। जहां जमानत पर जय प्रकाश जायसवाल को रिहा करा कर घर ले आये। बता दे कि यह भी एक संयोग है कि उसके घर पहुचते ही उसके मृत भाई के लड़की की शादी 24 नवम्बर को है। परिजनों के लिए यह दोहरी खुशी है। वही बता दे कि एक ऐसे भाई के बेटी की शादी है जिसका अपने भाई की याद में ही परलोक सिधार गया था। उसकी बेटी के शादी में जय प्रकाश के आ जाने से परिवार वालों को दूसरा पिता मिल गया।

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