वन विभाग ने 200 बीघा जंगल की जमीन से अतिक्रमण कराया मुक्त
आशु पंडित की रिपोर्ट
खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क
चकिया‚चंदौली।
शासन के निर्देशों के क्रम में बीते रविवार को काशी वन्यजीव प्रभाग के चकिया रेंज के भभौरा बीट के मुसाखांड़ कंपार्टमेंट नंबर 13 – 14 के केवलाखांड़ कोठी जंगल के पास वन विभाग ने भारी फोर्स बल के साथ 50 हेक्टेयर जमीन से बुल्डोजर की मदद से अतिक्रमण खाली करा दिया। क्षेत्रीय लोगों द्वारा वर्षों से आरक्षित वन क्षेत्र की भूमि पर झोपड़ी लगाकर और खेती करके जमीन कब्जा की गई थी। वन विभाग की कार्रवाई से जहां अतिक्रमणकारियों में हड़कंप मचा हुआ है वहीं लंबे अरसे से जंगल की जमीन पर खेती किसानी कर रहे किसानों में आक्रोश व्याप्त है।
अतिक्रमणकारियों के विरोध स्वर निकलने के पहले ही पुलिस फोर्स ने उन्हें मौके से खदेड़ा
केवलाखांड़ कोठी के जंगल में स्थित आरक्षित वन क्षेत्र में में भभौरा, रामपुर, मुसाहिबपुर और गरला गांव के दर्जनों लोगों ने जंगल की भूमि पर कब्जा कर के वहां झोपड़ी लगाने के साथ ही दलहनी और तिलहनी फसलों की खेती करते आ रहे हैं। चकिया रेंज का चार्ज लेने के बाद वन क्षेत्राधिकारी योगेश कुमार सिंह ने चिन्हित जमीन से अतिक्रमण खाली कराने के लिए विभागीय पत्राचार करने के साथ ही जिला प्रशासन और शासन को पत्र अवगत कराया था। जिला प्रशासन से अनुमति मिलने के बाद रविवार को नायब तहसीलदार राजेंद्र यादव, उपप्रभागीय वनाधिकारी सत्यपाल प्रसाद और प्रभारी निरीक्षक जय सिंह के नेतृत्व में पुलिस और पीएसी बल की टीम के साथ वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंच गए।
गोलबंदी किए हुए अतिक्रमणकारियों के विरोध स्वर निकलने के पहले ही पुलिस फोर्स ने उन्हें मौके से खदेड़ दिया। वन विभाग ने जेसीबी की मदद से अतिक्रमण की गई जमीन को कब्जे में लेने के साथ ही खाली कराई जमीन के चारों तरफ सुरक्षा खाई का निर्माण करा दिया। इसके अलावा पास ही के ठड़घटवा पहाड़ी और उसकी तलहटी में बनाई गई दो दर्जन से अधिक झोपड़ियों को जमींदोज कर दिया गया। 5 घंटे तक चले अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान चप्पे-चप्पे पर पुलिस और पीएसी बल के जवान तैनात रहे।
आक्रोशित किसानों ने लगाया आरोप किया प्रदर्शन
केवलाखांड़ कोठी के जंगल में अतिक्रमण की गई आरक्षित वन क्षेत्र की भूमि पर किसानों द्वारा अरहर सरसों चना और आलू की फसल की खेती की गई थी। पुलिस बल लेकर अतिक्रमण हटाने पहुंचे वन विभाग की टीम ने जेसीबी की मदद से अतिक्रमण की गई जमीन पर लगी फसल को नष्ट करा दिया। फसलों को नष्ट होता देख वहां खेती करने वाले किसान आक्रोशित हो गए और नष्ट की गई फसल लगे खेत में बैठ कर प्रदर्शन किया। आरोप लगाया कि अतिक्रमण हटाने के पहले उन्हें न तो नोटिस दी गई ना ही फसल के पकने के बाद उसे काटने का अवसर दिया गया। प्रदर्शन करने वाले किसानों में अमरनाथ, लालचंद, सरोज, पक्खु लक्ष्मण यादव, राहुल, फूलचंद बनवासी, बचाउ पाल ,धीरज यादव, संजय, सुरेंद्र सहित तमाम किसान मौजूद रहे।
स्टे की जमीन पर चल रहे बुल्डोजर को रोका
केवलाखांड़ कोठी के पास भभौरा गांव निवासी किसान लालचंद और पक्खु द्वारा लगभग 15 बीघा जमीन पर दलहनी और तिलहनी फसल की खेती की गई थी। बुल्डोजर जैसे ही उनके सरसों के खेत में पहुंचा वैसे ही दोनों किसानों ने मामले में सिविल जज जूनियर डिविजन के स्टे (स्थगन आदेश) का हवाला देते हुए वन विभाग के अधिकारियों से बुल्डोजर को रोकने की बात कही। जब तक दोनों किसान स्टे की कॉपी दिखा पाते तब तक बुल्डोजर ने उनकी लगभग दस बिस्वा सरसो की खड़ी फसल को नष्ट कर दिया। बाद में किसानों और उनके परिजनों द्वारा विरोध करने पर रेंजर ने उच्चाधिकारियों से वार्ता कर चल रहे बुल्डोजर को रोकवा दिया। रेंजर ने दोनों किसानों को अभिलेखों के साथ प्रभागीय वन अधिकारी कार्यालय में प्रस्तुत होने की बात कही। रेंजर द्वारा दोनों किसानों की चिन्हित जमीन के चारों तरफ फिलहाल सुरक्षा खाई का निर्माण कराया गया है।
खाली कराई गई जमीन पर लगाया जाएगा प्लांटेशन-वन क्षेत्राधिकारी चकिया
वन क्षेत्राधिकारी चकिया रेंज योगेश कुमार सिंह ने बताया कि केवलाखांड़ कोठी जंगल से खाली कराए गए अतिक्रमण की जमीन पर आगामी दिनों में व्यापक स्तर पर प्लांटेशन कराया जाएगा। उन्होंने बताया जल्द ही चिन्हित जमीन पर टेंच खोदने का कार्य कराया जाएगा।
भारी पुलिस बल रहा मौजूद
जिला प्रशासन के निर्देश पर केवलाखांड़ कोठी के जंगल में अतिक्रमण हटाने के लिए नायब तहसीलदार राजेंद्र यादव, उप प्रभागीय वन अधिकारी सत्यपाल प्रसाद, प्रभारी निरीक्षक जय सिंह, चकिया रेंजर योगेश कुमार सिंह, राजपथ रेंजर पीआर रावत, डिप्टी रेंजर आनंद दुबे, अखिलेश चौबे ,फिरोज गांधी , इसरार, रामचरित्र, के अलावा एसआई हरेंद्र यादव गिरीश चंद्र राय, वीरेंद्र यादव सहित महिला पुलिस , तीन सेक्शन पीएससी, और दर्जनों पुलिस के जवान तैनात रहे।