UP के वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में परियोजना के लिए 940 करोड़ रूपये की व्यवस्था करायी गयी है। परियोजना के फलस्वरूप प्रतिवर्ष लगभग 30,000 छात्र प्रशिक्षित होंगे। – कौशल विकास मिशन के अन्तर्गत प्रशिक्षण कार्यक्रम हेतु 150 करोड रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित
खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क
वाराणसी। रोजगार के मोर्चे पर योगी सरकार कई बड़ी योजनाओं पर काम कर रही है. रोजगार के साथ ही स्वरोजगार व उद्यमशीलता (Entrepreneurship) को बढ़ावा देने के लिए कौशल विकास (Skill India) को बढ़ावा दिया जा रहा है. इसी कड़ी में युवाओं का कौशल निखारने के लिए योगी सरकार फिर बड़ी पहल करने जा रही है. प्रदेश में जल्द ही पहली कौशल विकास यूनिवर्सिटी की स्थापना की जाएगी. इसके लिए कार्ययोजना तैयार कर ली गई है. यूनिवर्सिटी का निर्माण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी क में किया जाना है, वहां जल्द ही जमीन का अधिग्रहण होगा
पीएम कौशल विकास योजना 4.0 का ऐलान, अलग-अलग राज्यों में खुलेंगे 30 स्किल इंडिया इंटरनेशनल सेंटर
देश के 2023-24 के बजट में कई बड़े ऐलान किए। जहाँ पर वित्त मंत्री ने प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 4.0 का ऐलान किया, जिसके तहत देश के युवाओं को नए जमाने की टॉप टेक्नोलॉजी के बारे में पढ़ाया जाएगा और ट्रेनिंग दी जाएगी।
जिसके तहत देश के युवाओं को नए जमाने की टॉप टेक्नोलॉजी के बारे में पढ़ाया जाएगा और ट्रेनिंग दी जाएगी. इसके लिए देशभर में 30 स्किल इंडिया इंटरनेशनल सेंटर बनाए जाएंगे. इतना ही नहीं, वित्त मंत्री ने स्किल इंडिया डिजिटल प्लेटफॉर्म भी शुरू करने की घोषणा की है.
3 साल में लाखों युवाओं को मिलेगी ट्रेनिंग‚ऑन-जॉब ट्रेनिंग, इंडस्ट्री पार्टनरशिप और इंडस्ट्री की जरूरतों के साथ पाठ्यक्रमों के एलाइनमेंट पर जोर दिया जाएगा
वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण के दौरान प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 4.0 का भी ऐलान किया था। वित्त मंत्री ने अपने भाषण में कहा कि अगले 3 सालों में लाखों युवाओं को कौशल प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 4.0 की शुरुआत की जाएगी. ऑन-जॉब ट्रेनिंग, इंडस्ट्री पार्टनरशिप और इंडस्ट्री की जरूरतों के साथ पाठ्यक्रमों के एलाइनमेंट पर जोर दिया जाएगा।
यूपी में फिलहाल 19 राज्य विश्वविद्यालय, 1 मुक्त विश्वविद्यालय, 1 डीम्ड विश्वविद्यालय, 30 निजी विश्वविद्यालय, 172 राजकीय महाविद्यालय, 331 सहायता प्राप्त अशासकीय महाविद्यालय और 7 हजार 372 स्ववित्त पोषित महाविद्यालय संचालित
वित्त मंत्री ने कहा था कि ये योजना इंडस्ट्री 4.0 जैसे कोडिंग, एआई (artificial intelligence), रोबोटिक्स, मेकाट्रॉनिक्स, आईओटी, 3डी प्रिंटिंग, ड्रोनों और सॉफ्ट स्किल जैसे नये दौर के पाठ्यक्रमों को शामिल करेगी. युवाओं को अंतरराष्ट्रीय अवसरों के लिए कौशल प्रदान करने के लिए अलग-अलग राज्यों में 30 स्किल इंडिया इंटरनेशनल सेंटर की स्थापना की जाएगी।
कौशल विकास की ओर यूपी का बढ़ता कदम
देश में उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन की स्थापना करने वाला पहला राज्य है. दरअसल, योगी सरकार प्रदेश के 10 लाख युवाओं को उनकी पसंद की स्किल देने की स्कीम पर काम कर रही है. भारतीय जनता पार्टी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में भी युवाओं के रोजगार और कौशल विकास को अहमियत दी थी. सरकार हर परिवार से एक व्यक्ति को नौकरी देने के अपने संकल्प में जुटी हुई है. इसी के तहत पांच वर्षों में दस लाख युवाओं को स्किल डेवलपमेंट मिशन से जोड़ने का लक्ष्य तय किया गया है. माना जा रहा है कि स्किल ट्रेनिंग प्रोग्राम से इन युवाओं की दक्षता बढ़ेगी और प्रदेश में बेहतर वर्कफोर्स खड़ा होगा. कौशल विकास मिशन के जरिए प्रदेश सरकार इकोनॉमी को एक बिलियन डॉलर के स्तर पर ले जाने के लिए वर्कफोर्स की डिमांड और सप्लाई के अंतर को कम करना चाहती है।
योगी सरकार औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाओं के साथ मिलकर कर रही कार्य
इसके लिए एक ओर जहां योगी सरकार औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाओं के साथ मिलकर कार्य कर रही है. वहीं प्रदेश के हर जनपद में कौशल विकास केंद्रों की स्थापना की गई है. हजारों युवा अनेक स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम का हिस्सा बन रहे हैं. कौशल विकास के जरिए मनोरंजन, सिविल एविएशन, वेस्ट टू एनर्जी जैसे रोजगार की संभावनाओं वाले क्षेत्रों में कौशल प्रशिक्षण योजनाएं संचालित की जा रही हैं. प्रदेश सरकार द्वारा इन क्षेत्रों में उभरते हुए रोजगार के अवसरों के अनुरूप ट्रेनिंग मुहैया कराई जा रही है।
प्राविधिक शिक्षा पर भी सरकार का जोर
प्रदेश में डिप्लोमा स्तरीय 201 राजकीय संस्थायें एवं 19 अनुदानित संस्थायें अर्थात 220 संस्थायें स्वीकृत हैं, जिनमें से 168 संस्थाओं में प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। 52 राजकीय पालीटेक्निक निर्माणाधीन / अवस्थापना की प्रक्रिया में हैं, जिन्हें निकट भविष्य में PPP मोड पर संचालित किया जाना है।
वर्तमान में 1 हजार 372 निजी क्षेत्र की डिप्लोमा स्तरीय संस्थाओं में स्टूडेंट्स को दिया जा रहा प्रवेश
वर्तमानतः राजकीय अनुदानित एवं निजी क्षेत्र की समस्त संस्थाओं को सम्मिलित करते हुये कुल प्रवेश क्षमता 2 लाख 23 हजार 779 है। स्टूडेंट्स को अधिक रोजगार तथा इमर्जिंग टेक्नोलाजी आधारित उद्योग हेतु मैनपावर उपलब्ध कराने के दृष्टिगत सत्र 2022-23 से New Age Course के तहत 4 पाठ्यक्रम – डाटा साइंस एवं मशीन लर्निंग, इण्टरनेट ऑफ थिंग्स, साइबर सेक्यूरिटी एवं ड्रोन टेक्नोलाजी में शिक्षण प्रशिक्षण 21 राजकीय पालीटेक्निकों में प्रारम्भ किया गया है, जिसमें प्रवेश क्षमता 1 हजार 575 है।
प्रदेश में 305 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान संचालित
वित्त मंत्री ने बताया कि प्रदेश में 305 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान संचालित हो रहे हैं, जिनमें विभिन्न व्यवसायों की 1 लाख 72 हजार 872 सीटें हैं। प्रदेश के विभिन्न राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में से 47 में महिलाओं के प्रशिक्षण हेतु महिला शाखा संचालित कराई जा रही है। सम्पूर्ण प्रदेश में महिलाओं के लिए 12 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान स्वतंत्र रूप से संचालित हो रहे हैं। प्रदेश में 2 हजार 963 से अधिक निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान संचालित हो रहे हैं, जिनमें 4.58 लाख से अधिक सीटें युवाओं के प्रशिक्षण हेतु उपलब्ध हैं।
तकनीकी उन्नयन की योजना में 88% अंश टाटा टेक्नोलाजी लि० द्वारा और 12% अंश राज्य सरकार द्वारा
वित्त मंत्री ने बताया कि टाटा टेक्नोलॉजीज लि० की सहभागिता से प्रदेश के राजकीय क्षेत्र के 150 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के तकनीकी उन्नयन की योजना के अन्तर्गत आधुनिक कार्यशालाओं एवं कक्षों का निर्माण कराया जा रहा है। परियोजना की लागत 5000 करोड़ रुपये से अधिक है, जिसमें 88% अंश टाटा टेक्नोलाजी लि० द्वारा और 12% अंश राज्य सरकार द्वारा लगाया जायेगा। इसके अतिरिक्त राज्य सरकार द्वारा परियोजना हेतु 10 हजार वर्ग फीट क्षेत्रफल में कार्यशाला, प्रशिक्षण कक्ष इत्यादि के निर्माण के लिये 477 करोड़ रुपये का व्यय वहन किया जायेगा। वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में परियोजना के लिए 940 करोड़ रुपये की व्यवस्था करायी गयी है। इससे लगभग 30 हजार छात्र सालाना प्रशिक्षित होंगे। वहीं कौशल विकास मिशन के अन्तर्गत प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए 150 करोड़ रुपये प्रस्तावित हैं। मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रशिक्षण योजना के लिए 70 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गई है। केन्द्र प्रायोजित स्ट्राइव योजना के अन्तर्गत 29 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों का उच्चीकरण कराया जायेगा। इसके लिए 35 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था की गई हैं।
केंद्र सरकार चला रही अलग-अलग योजनाएं
केंद्र के स्तर पर कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय द्वारा महानिदेशक प्रशिक्षण (डीजीटी), राष्ट्रीय कौशल विकास परिषद (एनएसडीए), नेशनल काउंसिल फॉर वोकेशनल एजुकेशन एंड ट्रेनिंग ( एनसीवीईटी), नेशनल स्कील डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (एनएसडीसी), नेशनल स्कील डेवलपमेंट फंड (एनएसडीएफ) की स्थापना की गई है. कौशल विकास कार्यक्रमों को गति देने के लिए 38 अलग-अलग सेक्टर में स्कील काउंसिल भी सक्रिय हैं. इसी तरह देश भर में स्थित 33 स्कील ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट युवाओं को नए क्षेत्रों में कौशल विकास कार्यक्रमों से जोड़ रहे हैं. डीजीटी के अंतर्गत अभी 15 हजार औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान काम रहे हैं।