WhatsApp Image 2023-08-12 at 12.29.27 PM
Iqra model school
WhatsApp-Image-2024-01-25-at-14.35.12-1
jpeg-optimizer_WhatsApp-Image-2024-04-07-at-13.55.52-1
srvs_11zon
Screenshot_7_11zon
WhatsApp Image 2024-06-29 at 12.
IMG-20231229-WA0088
WhatsApp Image 2024-07-26 at 15.20.47 (1)
previous arrow
next arrow

खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क

चकिया‚चंदौली। 14 मार्च 2023 (मंगलवार) को डालिम्स सनबीम चकिया में सभी वरिष्ठ अभिभावकों के लिए गेरियाट्रिक मेडिकल कैम्प का आयोजन प्रात: 10 बजे से सायं 3 बजे तक किया गया है जिसमें बुजुर्गो के सारे जांच निःशुल्क किये जायेंगे। गर्भवती महिलाओं के लिए भी जांच जिसमें ब्लड प्रेशर, हीमोग्लोबिन, ई.सी.जी. , बोन मैरो डेन्सिटी, शुगर, ई.एन.टी. आदि का जाँच नि:शुल्क किया जाएगा। जिसमें आवश्यकता होगी उन्हे नि:शुल्क दवाई का वितरण भी किया जाएगा। बता दे कि यह फ्री मेडिकल कैम्प डा० वी ०पी०सिंह हास्पीटल के 60  वर्ष पूर्ण होने पर लगाया जा रहा हैं ।

करवा ले रजिस्ट्रेशन कही मौका हाथ से निकल न जाय

मेडिक्ल कैम्प में फ्री रजिस्ट्रेशन के लिए आप मोबाइल नंबर 9519910260, 6394131200, 9044964230, 8299134074 पर काल कर अपना स्थान सुरक्षित करवा सकते है।जिससे कोई असुविधा न हो।

हास्पीटल के 60 वां वर्ष पूर्ण होने पर आदर्श जन चेतना समिति व उसकी मीडिया पार्टनर खबरी पोस्ट डाट काम व खबरी पोस्ट न्यूज के संयुक्त तत्वावधान में होली मिलन समारोह का भी आयोजन

वही वीरेन्द्र प्रताप हास्पीटल के 60 वां वर्ष पूरा होने पर आदर्श जन चेतना समति व उसकी मीडिया पार्टनर खबरी पोस्ट डाट काम व खबरी पोस्ट न्यूज व डालिम्स सनबीम चकिया के संयुक्त तत्वावधान में होली मिलन समारोह का भी आयोजन किया गया है। जिसमें ख्यातिलब्ध कवि व कवियत्री शिरकत करेंगी।कवि सम्मेलन व मुशायरे का आयोजन भी डालिम्स सनबीम चकिया के कैम्पस में ही अपरान्ह बारह बजे से होगा।

khabaripost.com
sardar-ji-misthan-bhandaar-266×300-2
bhola 2
add
WhatsApp-Image-2024-03-20-at-07.35.55
jpeg-optimizer_bhargavi
1002375393
Screenshot_24
previous arrow
next arrow

डा.वीरेन्द्र प्रताप हास्पीटल की स्थापना सन् 1963 में की गई‚ डाक्टर सिंह को रास आई चकिया की माटी

वही हम डा० वीरेन्द्र प्रताप सिंह के बारे में आप को बता दे कि इन्होने पहली बार में आगरा युनिवर्सिटी से मेडिकल का कम्पटीशन क्वालिफाई किया और एम बी बी एस की डिग्री प्राप्त की। यही नही ये आगरा युनिवर्सिटी में मेडिकल के दो वर्ष तक प्रोफेसर भी रहे। लेकिन अपने चाचा डा हरिश्चन्द्र सिंह के कहने पर जनता की सेवा करने के लिए वापस अपनी माटी के गॉव आ गये।और जब वापस आये तो इन्हे चकिया की माटी रास आ गई।

डा० सिंह ने चकिया को बनाया अपनी कर्मभूमि

डा० सिंह ने इसे अपनी कर्मभूमि बनाया। और इन्होने चकिया में सन् 1963 में अपनी प्रैक्टीश प्रारम्भ की इसके साथ ही इन्हे 1965 में ENGLAND से F.R.C.S की डिग्री प्राप्त हुई। चकिया में आने के साथ ही इन्होने मोटरसाइकिल से गाँव – गाँव में जाकर लोगो का ईलाज करना प्रारम्भ किया । इमरजेंशी के बाद इन्हे इन्दिरा गॉधी व कमलापति त्रिपाठी ने चंदौली से सांसद का टिकट दिया लेकिन इनके चाचा डा० हरिश्चन्द्र के कहने पर इन्होने मेडिकल को ही अपना कैरियर बनाया।और सांसदी का टिकट वापस कर दिया।

शिक्षा की अलख जगाने के लिए सन् 1967 में की बापू बाल विद्‍यामंदिर की स्थापना

लगातार अपने मेहनत के बल पर नये – नये मुकाम हासिल करते रहें डा. सिंह। चकिया में तत्काल में शिक्षा की स्थिति को देखते हुए इन्होने सन् 1967 ई० में बापू बाल विद्‍यामंदिर की कक्षा नर्सरी से 5 तक की स्थापना की जो आगे चलकर हाईस्कूल तक सरकार द्वारा एडेड हो गया।

परिवार में बनाए 20 डाक्टर‚ आज भी पौत्र और पौत्री व नाती कर हे डाक्टरी की पढाई

लगातार दौडधूप और अथक मेहनत करने के कारण इन्हे 1984 में हार्ट अटैक आया लेकिन जनता की दुवाओं के असर से बच गये। तब से लेकर आज तक लगातार जनता की सेवा करने में लीन है। इन्होने अपने परिवार में 20 डाक्टर बनाये। आज भी इनके पौत्र और पौत्री व नाती भी डाक्टरी की पढाई कर रहे है। डा सिंह का जन्म स्थान मूल रूप से चंदौली जनपद का माँटी गाव हैं। जहा पर ये रेवसा के जमींदार परिवार में पैदा हुए थे । पैदा होने के साथ ही इनके सर से पिता का साया हट गया। ये बचपन से ही पढाई में काफी अव्वल रहे। ये फुटबाल के भी काफी अच्छे प्लेयर रहे। ये उत्तर प्रदेश फुटबाल टीम में भी चुन लिये गये लेकिन डाक्टरी की पढाई के लिए इन्हे खिलाडी के प्रोफेसन को बदलना पडा। ये बचपन से ही हाथी की सवारी और घुडसवारी में पारंगत रहे।

जनपद में सबसे अधिक उम्र के प्रेक्टीस करने वाले मेडिकल प्रेक्टिसनर

वर्तमान समय में अगर देखा जाय तो जिस उम्र के पडाव पर डा० सिंह है इनकी उम्र का कोई भी डाक्टर रनिंग प्रेक्टिस में नही है। एक मात्र जनपद में ये ऐसे डाक्टर है जो आज भी पूरी तरह से डाक्टरी में समय देते है।