खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क
नौगढ़‚चंदौली। ग्राम पंचायत सेमरा कुसही के प्रधान गुरूप्रसाद यादव के पुत्र योगेंद्र कुमार ने बिहार राज्य लोक सेवा आयोग की परीक्षा मे प्रथम स्थान हासिल कर क्षेत्र का ही नही जिले का नाम भी रोशन किया है।
जिसकी जानकारी होते ही परिजनों रिस्तेदारों व शुभचिंतकों मे काफी खुशी ब्याप्त हो गई।
नौगढ क्षेत्र में मूलभूत सुविधाओं के अभाव को धता बतलाते हुए की उपलब्धि हासिल
लोकसेवाआयोग की परीक्षा में प्रथम स्थान पाने के बाद सोमवार को दिन भर बधाइयां देने वालों का तांता लगा रहा।पूरे मनोयोग से दृढ ईच्छा शक्ति हो तो ऊंचाइयां निश्चित हासिल होती हैं। कहा जाता है कि जनपद का नौगढ क्षेत्र में मूलभूत सुविधाओं का आज भी काफी अभाव है।
जिसे धता बतलाते हुए गांव में ही प्राथमिक से लेकर हाईस्कूल की शिक्षा ग्रहण करने वाले योगेंद्र कुमार ने राजकीय क्वींस कालेज वाराणसी से इण्टरमीडिएट की परीक्षा में अब्वल स्थान हासिल कर बी टेक की पढाई आई आई एम टी कालेज मेरठ व एम टेक की शिक्षा आई आई टी धनबाद मे ग्रहण करके अपने पहले ही प्रयास मे बिहार राज्य की लोक सेवा आयोग की परीक्षा में प्रदेश में प्रथम स्थान हासिल किया है।
योगेन्द्र ने लोकसेवाआयोग में सफलाता श्रेय अपनी दादी मॉ‚ माँ व पिता को दिया
जनपद के सबसे पिछड़े हुए क्षेत्र का रहनुमा योगेंद्र की प्रतिभा का अनुसरण कर युवाओं का मनोबल बढ़ेगा। अपनी लोकसेवाआयोग में सफलता का श्रेय योगेंद्र कुमार ने दादी माँ उमराजी देबी (पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस) को देते हुए कहा कि माता सुशीला देवी व पिता गुरूप्रसाद यादव की प्रेरणा से यह मुकाम पा सका हूं।
जिन्होंने शिक्षा पर होने वाले ब्यय का समुचित निर्वहन अपनी आवश्यक आवश्यकताओं मे कटौती कर सदैव मेरा उत्साह वर्धन किया।
कड़ी मेहनत के प्रतिफल से ही होती है सफलता हासिल – योगेन्द्र
कहा कि यहां के स्कूलों में समुचित शिक्षा की सुविधा मुहैया नहीं होने के बावजूद भी कड़ी मेहनत के ही प्रतिफल से सफलता हासिल हुयी है।जिसके लिए गुरूजनों के प्रति आभार ब्यक्त करते हुए बताया कि वास्तविक रूप में प्रथम शिक्षिका मां होती है।जो कि भले ही काफी कम पढी लिखी हो फिर भी अपने पाल्यों को सदैव ऊंचा बनाना चाहती है।
गुरूजनों का ज्ञान बड़े बुजुर्गों अभिभावकों की नसीहत मे स्वयं की दृढनिश्चयता ही सफलता की कुंजी है
वहीं बड़े भाई धर्मेंद्र कुमार शिक्षक उच्च प्राथमिक विद्यालय व जितेंद्र कुमार व अविनाश कुमार (स्वास्थ्य विभाग कर्मचारी) का भी योगदान भी बहुत काफी है। जिससे हमें यह मुकाम हासिल हुआ।