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खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क

चकिया‚चंदौली। आयुर्वेद का हम सभी एलोपैथ डॉक्टर सम्मान करते हैं इसका यह मतलब नहीं कि जो मन हो सो कह दिया जाए। आज भी बहुत कुछ आयुर्वेद में है जो एलोपैथ में नहीं है यही नहीं आज भी प्लास्टिक सर्जरी आयुर्वेदा की ही देन है । एलोपैथ ने आयुर्वेद से बहुत कुछ प्राप्त किया है । यह हमारे देश की उपज है‚ जो ऋषि मुनियों की देन है हम सभी एलेपैथ डाक्टर इसका सम्मान करते हैं।

एलोपैथ मेडिकल का एडवांश रूप

उक्त उद्गार बाबा रामदेव के एलोपैथ पर तिखा बयान देने कि हम एलोपैथ को धरती में गाढ देंगे के बाद उपजे विवाद पर IMA चंदोली के एक जूम मिटिंग के दौरान डाक्टरों ने कही। उन्होने कहा कि एलोपैथिक मेडिकल का एडवांस रूप है। एसोसिएशन के लोगों ने कहा कि बाबा रामदेव का यह बयान की एलोपैथ को एक न एक दिन धरती में गाढ देंगे जो कही से भी समीचिन नही है । एसोसिएशन के सदस्यों ने कहा कि लगता है रामदेव पर पागलपन का दौरा आ रहा है जिसके चलते वे अनायास ही बयान जारी करते रहते है।

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आचार्य बालकृष्ण बीमार थे तो एम्स में क्यों गये‚क्यो कराया एलौपैथ ट्रिटमेंट -डा०वी०पी०सिंह

वही IMA यूपी के पूर्व उपध्यक्ष डा वी पी सिंह ने कहा कि अगर ऐसी बात थी तो आचार्य बालकृष्ण जब बीमार थे तो एम्स में क्यों गए क्यों उन्होंने इंग्लिश मेडिसिन ली ǃउनको तो आयुर्वेद के सहारे ही रहना चाहिए था। वही IMA एएसोसिएशन चकिया के सचिव डॉ विवेक प्रताप सिंह ने कहा कि बाबा हमेशा विवादित बयान देते रहते हैं अगर ऐसा ही है तो एसोसिएशन उनके ऊपर निश्चित मानहानि का मुकदमा करेगी । बाबा रामदेव के बयान से सभी एलोपैथिक डॉक्टर बेहद नाराज हैं।उन्होने रामदेव के ऊपर केशदर्ज करने की मांग की है। कहा कि न तो बाबा रामदेव के पास कोई डिग्री है और ना ही किसी प्रकार से मेडिकल करने के लिए एथराइज्ड ही है। ऐसे में उनका इस तरह बा बचकाना बयान उनके दिमागी हालत की दास्ता बयां करता है।
जूम मीटिंग के दौरान उपाध्यक्ष यू पी के पूर्व IMA के उपाध्यक्ष डा० वी० पी०सिंह‚ डीडीयू नगर के सचिव डॉ राजेंद्र पाठक‚अध्यक्ष डॉ डी०पी० सिंह ‚डा० सुमन सिंह‚डा० अशोक सिंह‚ डा० मनीष दयाल‚डा० रोहित जौहरी‚डा०शौम्या सिंह‚डा० आशुतोश सिंह ‚IMA चकिया सचिव डा० विवेक प्रताप सिंह‚ डा०विनोद केशरी इत्यादि शामिल रहें।

एलोपैथी को जमीन में गाड़ने के बयान पर देश भर में तिखी प्रतिक्रिया

बाबा रामदेव ने बीते रविवार को उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय और दीनदयाल कामधेनु गौशाला समिति द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय आयुर्वेद कॉन्क्लेव-2023 के समापन सत्र में हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज और आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति सुनील जोशी भी मौजूद थे। के दौरान उनके आछै बयान पर कि एक न एक दिन एलोपैथ को जमीन में गाढ देंगं पर देश भर में तिखि प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। उनका यह कहना था कि

एलोपैथी में न तो सर्दी-जुकाम की दवा है और न बुखार की बाबा

रामदेव ने कहा, उनके संस्थान में गोमूत्र और आयुर्वेदिक दवाओं के मिश्रण से कैंसर जैसी बीमारी ठीक हो गई है। बाबा रामदेव ने कहा, बाकी एलोपैथी में सर्दी जुकाम से लेकर कफ- कोल्ड आदि कई तरह के नए-नए नाम रख देते हैं। इनके पास में कोई दवाई नहीं है। ना सर्दी की, ना बुखार की, ना जुकाम की । उन्होंने कहा कि कोरोना बीत गया, अब तक दवाई नहीं बना पाए हैं। उसकी भी पहली दवाई हमने ही बनाई थी ।

बाबा रामदेव का यह बयान, कि एलोपैथी को जमीन में गाड़ देंगे, मिट्टी में मिला देंगे का बयान उनके मानसिक दिवालिएपन का द्योतक-IMA प्रवक्ता डा०वीरेन्द्र यादव

 इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, लखनऊ के प्रवक्‍ता डॉ वीरेन्‍द्र यादव ने कहा है कि बाबा रामदेव का यह बयान, कि एलोपैथी को जमीन में गाड़ देंगे, मिट्टी में मिला देंगे, ओछा बयान है। आयुर्वेद को आप सोना बना दीजिये लेकिन ऐलोपैथी या किसी भी दूसरी पैथी को मिट्टी में मिला देंगे, यह कहना कहां तक जायज ठहराया जा सकता है। उन्‍होंने कहा कि पता नहीं क्‍यों वे ऐसे बयान देते हैं, उनकी एलोपैथी के बारे में कितनी समझ है जो वह इस तरह के बयान देते हैं।

नब्ज बताकर ईलाज करने वाले अपनी जानकारी क्यों नही बताते किसी को‚ जिसे पता ही नही कि किस दवा की कितनी मात्रा और कब देनी है

उन्‍होंने कहा कि कहा जाता है कि आयुर्वेद वाले नब्‍ज पकड़कर रोग के बारे में बता देते थे, तो क्‍या इन्‍होंने इसे किसी को यह सिखाया कि नब्‍ज पकड़कर रोग कैसे पहचाना जा सकता है। उन्‍होंने कहा कि कितने आयुर्वेदाचार्य हैं जो नब्‍ज पकड़ कर बता सकते हैं कि क्‍या रोग है। उन्‍होंने कहा कि बाबा कहते हैं कि एलोपैथी लोगों को और बीमार बना रही है। इस विषय में मेरा कहना है कि कोरोना के समय में काढ़ा बनाकर पीने की बात कही गयी थी, उसके बात पता चला कि काढ़ा का सेवन करके लोगों को गैस्‍ट्राइटिस, वूमिटिंग और  होने लगी। जब इस बारे में आयुर्वेदाचार्य से पूछा गया तो उन्‍होंने कहा कि लोगों ने काढ़ा ज्‍यादा पी लिया होगा, ऐसे में मेरा प्रश्‍न है कि क्‍या कहीं इसकी मात्रा के बारे में कहा गया है, कि कितनी मात्रा में लेना है, कहीं आपने इस पर कोई रिसर्च की है, कोई डाटा है।

एलोपैथी को भला-बुरा कहने से पहले, ये आयुर्वेद पर रिसर्च करें, उसके साइड इफेक्‍ट क्‍या हैं, इसका नोटिफि‍केशन करें, उसकी मात्रा निर्धारित करें

उन्‍होंने कहा कि मेरी सलाह है कि बजाए एलोपैथी को भला-बुरा कहने के, ये आयुर्वेद पर रिसर्च करें, उसके साइड इफेक्‍ट क्‍या हैं, इसका नोटिफि‍केशन करें, उसकी मात्रा निर्धारित करें कि यह कितना लेना चाहिये।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बाबा रामदेव ने यह विवादित बयान हरिद्वार में ऋषिकुल आयुर्वेदिक कॉलेज परिसर में आयोजित अंतरराष्‍ट्रीय पशु चिकित्‍सा एवं आयुर्वेद संगोष्‍ठी के समापन अवसर पर वहां मौजूद लोगों को सम्‍बोधित करते हुए दिया है।

बाबा रामदेव पर बरसे बीजेपी सांसद बृज भूषण सिंह, योग गुरू को बताया नकली खाद्य बेचने वालों का सम्राट

‘कैसरगंज से बीजेपी सांसद बृज भूषण सिंह एक बार फिर योग गुरु बाबा रामदेव पर जमकर बरसे हैं। इस बार उन्होंने उनके खाद्य पदार्थ पर सवाल उठाया है। अपने बयान में उन्होंने कहा कि ‘रामदेव नकली खाद्य बेचने वालों के सम्राट हैं’। लोगों से अपील की है कि मिलावटी चीजों से दूर रहें । 

बाबा रामदेव को IMA ने भेजा एक हजार करोड़ का मानहानि नोटिस

योगगुरू बाबा रामदेव को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) उत्तराखंड ने एक हजार करोड़ का मानहानि नोटिस भेजा है. बाबा रामदेव से अपने विवादित बयान पर सफाई देने का वीडियो जारी करने और आईएमए से 15 दिन के अंदर लिखित माफी मांगने को कहा गया है। नहीं करने पर एक हजार करोड़ का मानहानि केस करने की धमकी दी गई है. अपने नोटिस में आईएमए ने कहा कि बाबा रामदेव एलोपैथी का ‘ए’ तक नहीं जानते, हम उनके सवालों के जवाब देने को तैयार हैं, लेकिन पहले वे अपनी योग्यता तो बताएं। आईएमए उत्तराखंड ने कहा, ‘रामदेव अपनी दवाएं बेचने के लिए लगातार झूठ फैला रहे हैं, रामदेव ने कहा कि उन्होंने हमारे अस्पतालों में अपनी दवाओं का ट्रायल किया ही नहीं, डॉक्टरों के खिलाफ इस तरह की टिप्पणी से लोगों में भी बाबा के प्रति जबरजस्त रोस ब्याप्त है।