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साधु संतों का सम्मान करना चाहिए– बाल व्यास हेमंत उपाध्याय

अम्बुज मोदनवाल

खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क

शिकारगंत ‚चंदौली। शिकारगंज क्षेत्र अखिल भारतीय राष्ट्रीय जन सेवा संघ लठीया कला में( सरस्वती नगर) हनुमान जी के मंदिर के प्रांगण त्रिदिवसीय श्री राम कथा का अंतिम निशा में बुधवार को कथावाचक बाल व्यास हेमंत उपाध्याय जी ने बताया कि साधु संतों का हमेशा सम्मान करना चाहिए साधु संतों के दर्शन करने से ही कष्टों का निवारण होता है। यह भी कहा कि साधु संतों का उपहास करना विपत्ति को निमंत्रण देने के बराबर होता है।उपाध्याय जी ने बताया कि घर का आंगन बेटियों के बिना अधूरा होता है बेटे घर में भाग्य से जन्म होते हैं तो बेटियां सौभाग्य से जन्म होती हैं।

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भरत जैसा भाई संसार में ना हुआ है ना होगा

माता जानकी सीता जी एवं प्रभु श्री राम का विवाह के स्वयंबर के तहत प्रभु श्री राम ने भगवान शिव का धनुष तोड़ कर माता सीता से प्रभु श्री राम ने गुरु का आदेश लेकर वरमाला प्रभु राम ने गुरु महर्षि वशिष्ठ का आदेश का पालन किया । राजा जनक सीता का विवाह होने से जनकपुर में उत्सव का माहौल बना रहा। उपाध्याय जी ने बताया कि भरत जैसा भाई संसार में ना हुआ है ना होगा । भरत संत भी थे उन्होने राजगद्दी त्याग कर भाई का फर्ज निभाया।

उपाध्याय जी ने कहा कि प्रभु राम का हनुमान जैसा सेवक आज तक कोई नहीं हुआ हनुमान जी को अमर होने का भी आशीर्वाद प्राप्त हुआ था। कथा के अंतिम दिन कथा के उपरांत यज्ञ हवन व प्रसाद वितरण किया गया। कथा अध्यक्ष संतोष मिश्रा नंदकिशोर सिंह अवधेश मिश्रा मुकेश श्रीवास्तव श्रीकांत सिंह कल्पनाथ सिंह राधिका पांडे अनीता मिश्रा पुष्पा मिश्रा सुनीता मिश्रा नागेंद्र सिंह गिरजा यादव राजेश पांडे एवं सैकड़ों की संख्या में लोगों ने कथा का श्रवण किया।

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