मिर्जापुर से सलिल पांडेय की रिर्पोट
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शपथ ग्रहण समारोह ज्योतिष की नजर में
मिर्जापुर। नगरपालिका परिषद के अध्यक्ष के लिए शपथ ग्रहण समारोह 27 मई ’23 को होगा। इस दिन का जो संयोग बन रहा है, वह अद्भुत है।
★27 मई को प्रातः 5:23 बजे के बाद सप्तमी तिथि समाप्त होकर अष्टमी तिथि लग रही है।
★इसके पूर्व 26 मई को भी पूरे दिन सप्तमी तिथि है। इस तरह सप्तमी तिथि दो दिन है।
★अध्यक्ष का नाम श्याम सुंदर है जो कंस के कारागार में जन्में श्यामसुंदर के नाम पर आधारित है।
★यशोदा की पुत्री योगमाया ने देवकी और वसुदेव की सातवीं सन्तान बलराम को रोहिणी के गर्भ में रख दिया था।
★देवकी की 8वीं सन्तान श्याम सुंदर को यशोदा के पास रखा गया था और उनके बदले खुद योगमाया वसुदेव की आठवीं सन्तान बन गईं थीं।
★सातवीं और आठवीं का भ्रम कंस के जेलकर्मियों को हो गया था।
★आशय यह है कि कंस को भरमाने के लिए सातवीं और आठवीं का योग देवमण्डल ने बनाया था।
★यह भी संयोग है कि अध्यक्ष के रूप में श्री श्याम सुंदर केसरी नारी शक्ति की प्रतीक DM श्रीमती दिव्या मित्तल द्वारा लोकहित का शपथ लेंगे।
★इस दिन चन्द्रमा सिंह राशि में पूर्व दिशा में है जो शुभता का प्रतीक है।
★यह दिन ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष के शनिवार का है।
★शपथ ग्रहण की 27 तारीख का संयोग यह भी है कि कुल 27 नक्षत्र ही होते हैं।
★अंक ज्योतिष के अनुसार 27 का योग 2+7=9 है।
★मां विंध्यवासिनी के धाम में 9 दिवसीय नवरात्र की अत्यंत महिमा है।
★27 मई शनिवार का दिन मर्यादापुरुषोत्तम श्रीराम के दूत श्रीहनुमान का है।
★भाजपा से होने के नाते निर्वाचित अध्यक्ष का भी हर अभियान ‘जय श्री राम’ से होता है। ऐसी स्थिति में हनुमान जी का दिन भी शुभता का सूचक प्रतीत हो रहा है।
★महाभारत के युद्धभूमि में श्यामसुंदर यानी श्रीकृष्ण के रथ पर कपिध्वज ही लगा था, जो विजय का प्रतीक है।
इन संयोगों का लाभ नागरिकों को मिलना ही चाहिए
★सबसे पहले श्रीकृष्ण जन्म लेते जन्म और मृत्यु की यातना के बीच प्रकट हुए थे।
★कंस ने देवकी-वसुदेव की 6 सन्तानों को मौत दे दी थी जबकि योगमाया उसके हाथ से छूट कर आकाशमार्ग गई तथा कंस को चेतावनी देते हुए इसी विन्ध्य पर्वत पर आईं थीं।
★यह भी संयोग है कि श्री केसरी प्रत्यक्ष चुनाव के 6ठवें अध्य्क्ष हैं जबकि त्रिस्तरीय पंचायत एक्ट के लागू होने के बाद के 7वें अध्यक्ष हैं।
★वर्ष 1989 में सभासदों के द्वारा अध्यक्ष का चुनाव हुआ था। इस दृष्टि से 7वें अध्यक्ष होंगे। वर्ष ’89 के चुनाव के बाद अविश्वास प्रस्ताव के बीच उस वक्त के उपाध्यक्ष को भी अध्यक्ष के रूप में लिया जाए तो श्री केसरी 8वें अध्यक्ष होते हैं।
★इसे भी संयोग मानकर नए अध्यक्ष श्याम सुंदर केसरी ‘जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र’ में गत वर्षों के दौरान नागरिकों को दी गई पीड़ा को खत्म करने का कदम अवश्य उठाएंगे, ऐसी उम्मीद लोगों को है।
★कूड़ेदान में डालकर भारी संख्या में जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र का निस्तारण 15 दिनों में DM/ADM को करना पड़ा जो कम्प्यूटरीकरण के दौर में रिकार्ड में है। जबकि कई वर्षों के दरम्यान इतना नहीं हुआ। यह तो पोर्टल से देखकर जाना जा सकता है।
★मथुरा में बैठकर कंस गोकुल तक उपद्रव कराता रहा, इस पर नए अध्यक्ष को ध्यान देना होगा। पर्दे के पीछे से कोई कंस चाल न चलने पाए।
★श्याम सुंदर कृष्ण गायों की सेवा करते थे लिहाजा मुख्यमंत्री द्वारा स्थापित गो-आश्रय स्थल को सुचारू बनाया जाए तथा गोवंश का चारा कोई दूसरा न चरने पाए। 30/- प्रति पशु प्रतिदिन का उपयोग सही ढंग से होना चाहिए।
★हस्तिनापुर की सम्पत्ति तथा भूमि दुर्योधन-टीम द्वारा हड़प ली गई थी और दुर्योधन ने कहा-‘सूई की नोक के बराबर भी भूमि वापस नहीं करूंगा’ तो कृष्ण ने युद्ध की घोषणा कर दी थी, इसे भी नए अध्यक्ष को देखना होगा।
★जिन लोगों ने पालिका के भूमि-भवन को निजी सम्पत्ति बना लिया है, उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई करनी होगी।
★ओलियरघाट में अधिशासी अधिकारी के आवास के सामने भवन को मुक्त कराकर वहां जिला प्रशासन द्वारा बनवाए गए ट्रांजिट हॉस्टल के पैटर्न पर बहुमंजिला ट्रांजिट हॉस्टल बनाया जाए।
★इससे शासन द्वारा नियुक्त गैर जिले से आने वाले राज्य सरकार द्वारा नियुक्त अधिकारियों को किराए के मकान में नहीं रहना पड़ेगा।
★दुर्व्यवस्था के शिकार सुदामा जैसे नागरिकों को उत्तम पालिका सुविधाएं यथा पानी, सफाई आदि की व्यवस्था को तरजीह देनी होगी।
★इससे किराए पर रहने के कारण पालिका को HRA (किराया-भत्ता) देना पड़ेगा। हर माह लाखों की बचत होगी।
★पालिका में PWD के एक AE एवं तीन JE, जलकल विभाग में एक AE एवं 3 JE, स्वास्थ्य में एक मुख्य निरीक्षक तथा चार निरीक्षक, एक मुख्य कर निर्धारण अधिकारी, एक कर अधीक्षक तथा चार राजस्व निरीक्षक एवं एक लेखाकर का पद है। कुल 20 की पोस्टिंग सरकार द्वारा है। सभी को आवास दिया जा सकता है। किराया भत्ता की बचत होगी।
★इस बचत से नगरपालिका लोकहित का अन्य कार्य कर सकती है।
★उदाहरण के लिए इस पैसे से नगरनिगमों के पैटर्न पर होम्योपैथिक/आयुर्वेदिक चिकित्सा केंद्र स्थापित हो सकता है।
★इसमें CSR प्राप्त कर निर्धन इलाज योजना चलाई जा सकती है।
★पालिका की रेवड़ी की तरह ग़ैरविधिक पद्धति से आवंटित स्थलों को खाली कराकर चिकित्सा केंद्र खोला जाना जनहितकारी कार्य होगा।
★सिटी कोतवाली एवं सँगमोहाल में चलने वाले पालिका के PWD कार्यालय का एलाटमेंट निरस्त कर यहां फील्ड-हॉस्टल बनाया जा सकता है ताकि किसी विशेष कार्य से अधिकारियों को यहां ठहराया जा सके।
★विंध्याचल की महत्ता को देखते हुए यहां नगरपालिका का मिनी कार्यालय खोला जाना चाहिए।