यूपी पुलिस को 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी विजय कुमार के रूप में अपना नया मुखिया मिल गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डीजी सीबीसीआईडी विजय कुमार को कार्यवाहक डीजीपी नियुक्त किया है।
- उत्तर प्रदेश के नए डीजीपी बने आईपीएस अधिकारी विजय कुमार, डीजी विजिलेंस का भी मिला प्रभार
खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क
लखनऊ। यूपी पुलिस को 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी विजय कुमार के रूप में अपना नया मुखिया मिल गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डीजी सीबीसीआईडी विजय कुमार को कार्यवाहक डीजीपी नियुक्त किया है। उनके पास डीजी विजिलेंस का भी प्रभार है। अब वह डीजीपी का भी अतिरिक्त कार्यभार संभालेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की हरी झंडी के बाद प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है।
कार्यवाहक डीजीपी आरके विश्वकर्मा 31 मई को सेवानिवृत्त हो गए। विश्वकर्मा के बाद इस पद के लिए डीजी सीबीसीआईडी विजय कुमार व डीजी (सहकारिता प्रकोष्ठ) आनंद कुमार मुख्य दावेदार माने जा रहे थे। मुख्यमंत्री योगी ने आईपीएस विजय कुमार के नाम पर मुहर लगाई। विजय वरिष्ठता सूची में तीसरे नंबर पर हैं। इनसे ऊपर मुकल गोयल और आनंद कुमार हैं। इसके पहले बीते सोमवार को शासन स्तर पर मंथन के बावजूद पुलिस विभाग के नए पूर्णकालिक मुखिया के चयन का प्रस्ताव संघ लोक सेवा आयोग नहीं भेजा जा सका।
फील्ड के अनुभवी हैं विजय कुमार
प्रदेश में यह लगातार तीसरे कार्यवाहक डीजीपी की नियुक्ति है। विजय कुमार एसएसपी पीलीभीत, बांदा, मुजफ्फरनगर, गोरखपुर व लखनऊ के अलावा डीआईजी रेंज इलाहाबाद, मेरठ व आजमगढ़ के पद पर भी तैनात रहे हैं। आईजी जोन आगरा, कानपुर व गोरखपुर के तौर पर भी उन्हें फील्ड का अच्छा अनुभव है। वह एडीजी सुरक्षा, यातायात व पुलिस भर्ती व प्रोन्नति बोर्ड के रूप में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं।
एक साल से पूर्णकालिक डीजीपी नहीं
देश के बड़े राज्य उत्तर प्रदेश को बीते एक साल से कार्यवाहक डीजीपी के सहारे ही काम चलाना पड़ रहा है। लगातार तीसरी बार ऐसा हुआ जब कार्यवाहक डीजीपी की तैनाती की गई है। 11 मई 2022 को पूर्णकालिक डीजीपी मुकुल गोयल को अचानक हटा दिया गया था। इसके बाद डीजी इंटेलीजेंस डीएस चौहान को कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक बनाया गया। 31 मार्च 2023 को डीएस चौहान के सेवानिवृत्त होने के बाद डीजी पुलिस भर्ती बोर्ड आरके विश्वकर्मा को कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक बनाया गया। आरके विश्वकर्मा के रिटायर होने के बाद आईपीएस विजय कुमार की भी कार्यवाहक डीजीपी के रूप में नियुक्ति हुई है।
सम्भव है बिना नियुक्ति के लोकसभा चुनाव से पहले फिर नए डीजीपी
जानकार बताते हैं कि नियमित डीजीपी का चयन नहीं हुआ तो आगामी लोकसभा चुनाव तक सरकार को फिर नया डीजीपी तलाशना होगा। वरिष्ठता में नंबर तीन और नए कार्यवाहक डीजीपी विजय कुमार की सेवानिवृत्ति जनवरी-2024 है। वरिष्ठता में नंबर एक और पूर्व डीजीपी मुकुल गोयल की सेवानिवृत्ति फरवरी 2024 है। वरिष्ठता में नंबर दो व डीजी सहकारिता प्रकोष्ठ आनंद कुमार अप्रैल 2024 में सेवानिवृत्त होंगे, जिनकी वरिष्ठता को नजरंदाज कर विजय कुमार को मौका दिया गया है। यदि राज्य सरकार नियमित डीजीपी के रूप में विजय कुमार की तैनाती कर पाती है तो जनवरी के बाद उनका सेवाकाल बढ़वाने का विकल्प जरूर बना रहेगा। यदि उनकी नियमित डीजीपी के तौर पर तैनाती नहीं हो सकी तो कार्यवाहक को सेवाविस्तार देने की व्यवस्था नहीं है।
संगठित गिरोह और डकैतों के खिलाफ बेहद सख्त रहे विजय
गोरखपुर में संगठित गिरोहों के खिलाफ अभियान चलाने तथा बांदा में डकैतों के सफाये को लेकर अहम भूमिका निभाने के बाद विजय कुमार सुर्खियों में आ गए थे। मूल रूप से जालौन की कोंच तहसील के ग्राम सतोह के रहने वाले विजय के पिता राम प्रसाद भी उप्र पुलिस में इंस्पेक्टर रहे हैं। बाद में उनका परिवार झांसी में बस गया।
सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक करने के बाद विजय कुमार पुलिस की नौकरी में
सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक करने के बाद विजय कुमार पुलिस की नौकरी में आए। आईपीएस बनने के बाद पहली पोस्टिंग वर्ष 1989 में बतौर एसपी शाहजहांपुर में मिली। गोरखपुर, नैनीताल और बरेली में इसी पोस्ट पर तैनात रहे। इसके बाद पीलीभीत, बांदा, महाराजगंज, मुजफ्फरनगर, गोरखपुर ,लखनऊ में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक तैनात रहे। इलाहाबाद ,मेरठ ,आजमगढ़, गोरखपुर रेंज के डीआईजी तथा आगरा ,कानपुर, गोरखपुर जोन के भी बतौर आईजी भी तैनात रहे। सिक्योरिटी, ट्रैफिक और भर्ती बोर्ड के एडीजी रह चुके विजय कुमार होमगार्ड, सीबीसीआईडी और विजिलेंस के डीजी रह चुके हैं।