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  • मूसाखांड़ बांध का जल संग्रहण क्षमता 4200 मिलियन घन फूट औरवाटांड़ बांध का जल संग्रहण क्षमता 3600 मिलियन घन फूट व लतीफशाह बांध का जल संग्रहण क्षमता 400 मिलीयन घन फूट
  • विभूतीनारायण सिंह ने राज्य भैसौड़ा बांध व लतीफशाह बांध का कराया था निर्माण

खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क

नौगढ‚चंदौली। ।काशी नरेश शासन काल में महाराजा विभूतीनारायण सिंह ने राज्य भैसौड़ा बांध व लतीफशाह बांध का निर्माण कराया था।
       भैसौड़ा बांध का पानी लतीफशाह बांध मे छोड़कर राज्य की जनता को पानी का लाभ देकर खेतों की सिंचाई की जाती थी।
आजादी के बाद प्रथम पंचवर्षीय योजना में औरवाटांड़ व मूसाखांड़ बांध का निर्माण कराकर  कर्मनाशा नहर प्रणाली से उ.प्र.व बिहार राज्य के भू-भाग में सिंचाई किया जाता है।

सफाई नहीं कराए जाने से  जमी 10 प्रतिशत शिल्ट‚ आई जल संग्रहण क्षमता में कमी

बड़े बड़े जलाशयों व छोटी छोटी बंधियों का निर्माण होने के बाद से उसकी सफाई नहीं कराए जाने से  उसमें करीब 10 प्रतिशत तक  गाद जमा हो गया है।जिससे जल संग्रहण क्षमता में कमी आने से भू-गर्भ जल स्तर कम हुआ है।

काशी वन्य जीव प्रभाग रामनगर पर अतिक्रमण की कहानी हाईकोर्ट में इसके याचिकाकर्ता गोविन्द सिंह की जुबानी


      पर्यावरण विद व माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद मे उ.प्र.सरकार व अन्य मामले में याचिकाकर्ता बलिराम सिंह उर्फ गोबिंद सिंह ने बताया कि काशी वन्य जीव प्रभाग रामनगर मे 01 लाख एकड़ आरक्षित वनभूमि पर अतिक्रमण होने से लगभग 50 प्रतिशत वनो का विनाश हो गया है।जिससे हो रहे जलवायु परिवर्तन मे अलनीनो का असर होकर वर्षवार बरसात कम हो रही है।जिससे पानी के अभाव में खेती प्रभावित होने लगी है।भविष्य में पेयजल की भी घोर समस्या उत्पन्न हो जाएगी।
      बताया कि भैसौड़ा बांध का  जल संग्रहण क्षमता 600 मिलियन घन फूट मे 25 मिलियन घन फूट पानी क्षेत्र में पेयजल के आरक्षित कर शेष पानी को कर्मनाशा नहर प्रणाली में सिंचाई के लिए देय है।
वहीं मूसाखांड़ बांध का जल संग्रहण क्षमता 4200 मिलियन घन फूट औरवाटांड़ बांध का जल संग्रहण क्षमता 3600 मिलियन घन फूट व लतीफशाह बांध का जल संग्रहण क्षमता 400 मिलीयन घन फूट है।
जिसमें 10 प्रतिशत तक लीद जमा होने के कारण जल संग्रहण कम होने के साथ ही भू-गर्भ जल स्तर मे कमी आयी है।

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