विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर वृहद स्वास्थ्य शिविर का आयोजन
खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क
चंदौली । विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर मंगलवार को पं०कमला पति त्रिपाठी जिला चिकित्सालय चैंदौली के प्रांगण में वृहद स्वास्थ्य शिविर का उद्घाटन किया l कार्यक्रम का उद्घाटन अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आर बी शरण एवं CMS उर्मिला सिंह ने किया l मानसिक रोगों की जांच एवं उपचार किया जाएगा।
1992 में मानसिक स्वास्थ्य दिवस की शुरूआत व 10 अक्टूबर को राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति की घोषणा
सभी प्रकार की स्वास्थ्य जांच एवं दवाएं निःशुल्क मिलेंगीl मानसिक एवं शारिरिक दिव्यांग हेतु दिव्यांग मेडिकल बोर्ड द्वारा दिव्यांग प्रमाण पत्र बनाये जाएंगे। इस अवसर पर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आरबी शरण ने कहा कि वर्ष 1992 में मानसिक स्वास्थ्य दिवस की शुरुआत हुई। 10 अक्टूबर 2014 को राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य नीति की घोषणा हुई।
सेवाओं को मजबूत बनाने के लिए मानसिक स्वास्थ्य देखभाल अधिनियम 2017
भारत में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए मानसिक स्वास्थ्य देखभाल अधिनियम 2017 लाया गया। इसके तहत राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम की ओर से समाज में मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता का कार्यक्रम कराया जा रहा है।
उद्देश्य दुनिया भर में मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाना
इसका उद्देश्य दुनिया भर में मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाना और समाज में व्याप्त अंधविश्वास के मिथ्या को तोड़ना एवं मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। जिले में 10 अक्टूबर से पूरे माह मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम मनाया जायेगा l
युवा‚किशोरावस्था और व्यस्क के प्रारंभिक वर्ष जीवन का एक ऐसा समय होता है,जब कई परिवर्तन
जिला मानसिक स्वास्थ्य अधिकारी डॉ हेमंत कुमार ने कहा कि इस बदलती दुनिया में मानसिक स्वास्थ्य युवा किशोरावस्था और व्यस्क के प्रारंभिक वर्ष जीवन का एक ऐसा समय होता है,जब कई परिवर्तन होते हैं | उदाहरण स्वरूप स्कूल बदलना,घर छोड़ना,नई नौकरी शुरू करना कई लोगों के लिए रोमांचक समय होता है | हालांकि यह तनाव एवं आशंका के समय भी हो सकते हैं | कुछ मामलों में यह भावनाएं मानसिक बीमारी का कारण बन सकती है |
किशोरों में मानसिक बीमारी का एक प्रमुख कारण अवसाद (डिप्रेशन)
मानसिक बीमारियों का आधा हिस्सा 14 साल की उम्र से शुरू होता है | लेकिन ज्यादातर मामलों का पता नहीं चल पाता और इलाज नहीं होता है | किशोरों में मानसिक बीमारी का एक प्रमुख कारण अवसाद (डिप्रेशन) है| जिसमें 15 से 29 साल के बच्चों में मौत का दूसरा प्रमुख कारण सुसाइड आत्महत्या है | अन्य कई जोखिम भरे व्यवहार हैं,कोविड-19 जिसमें व्यक्ति अपनों को खोया और जिसका हमारे सामाजिक मानसिक आर्थिक हानि का सामना करना पड़ा | जिसका असर मानसिक स्तर पर पड़ा और डर चिंता अवसाद के कारण आज भी लोग मानसिक स्तर इससे लड़ रहे हैं |
तनाव चिंता और डिप्रेशन की वजह से दुनिया में बहुत सारे लोग सोशलस्टिमा डिमेंशिया हिस्टीरिया आत्महीनता जैसी दिक्कतों के हो रहे शिकार
जिला मनोचिकित्सक डॉ नितेश सिंह ने कहा कि मानसिक बीमारी के लक्षण एवं पहचान एवं जानकारी ना होने के कारण एवं सामाजिक अंधविश्वास ओझा बाबा से झाड़-फूंक करने के चक्कर में मानसिक बीमारियां अपना प्रभाव डालती है | जिसके कारण व्यक्ति समाज एवं परिवार से बहिष्कृत होने से उसका इलाज नहीं हो पाता है | मानसिक तनाव चिंता और डिप्रेशन की वजह से दुनिया में बहुत सारे लोग सोशलस्टिमा डिमेंशिया हिस्टीरिया आत्महीनता जैसी कई तरह की दिक्कत और मानसिक बीमारियों से जूझ रहे हैं |
35 मरीजों को प्रमाण-पत्र एवं 235 मरीजों को दी गई जांच व इलाज की सुविधा
समस्या की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित करने और लोगो के बीच जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से मानसिक दिवस मनाया जाता है| जिससे लोग बीमारियों के प्रति जागरूक हो और समय रहते अपना इलाज करवा सके |
क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट अजय कुमार ने बताया कि आज के कार्यक्रम में मानसिक रोग से पीड़ित 35 मरीजों को प्रमाण-पत्र एवं 235 मरीजों को जांच व इलाज की सुविधा दी गई l
जिला चिकित्सालय के कमरा न० 40 में मानसिक रोगियों का इलाज सोम‚बुध‚शुक्र को
राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत प्रत्येक जिले मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है| जिसमें जिला चिकित्सालय के कमरा नंबर 40 मन कक्ष में मानसिक रोगियों का इलाज 3 दिन सोमवार बुधवार शुक्रवार को मानसिक ओपीडी चलाई जाती है | जिसमें प्रत्येक ओपीडी में करीब आईएसओ मानसिक रोगियों का उपचार निशुल्क दवा एवं काउंसलिंग के माध्यम से किया जा रहा है | जिसमें दूर दराज से लोग इलाज करा रहे हैं |
हेल्पलाइन नंबर 75 6580 20 28 के द्वारा की जाती है लोगों की काउंसलिंग एवं दिया जाता है परामर्श
एक वर्ष पूर्व लगभग 10000 लोगों का इलाज किया गया | जिसमें 70 से 80% लोग गंभीर मानसिक बीमारियों से ग्रसित थे | जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत हेल्पलाइन नंबर 75 6580 20 28 के द्वारा लगभग लोगों की काउंसलिंग एवं परामर्श दिया गया | ऐसे व्यक्ति जो आने में असमर्थ उनको भी हेल्पलाइन नंबर पर उचित सलाह काउंसलिंग के माध्यम से सारी जानकारियां उपलब्ध कराई जा रही है | ताकि वे रोगी के बारे में जाने और समस्याओं को खुल कर बात कर सके | जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम में डॉक्टर नीतिश कुमार सिंह मनोचिकित्सक अजय कुमार क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ अवधेश कुमार साइकाइट्रिक सोशल वर्कर शामिल रहे l