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- 15 फरवरी, 2024 से शुरू हो रही हैं CBSE बोर्ड की परीक्षाएं
- CBSE की परीक्षा के लिए जल्द जारी होंगे परीक्षा के लिए प्रवेश पत्र
- CBSE के पेपर में बेहतर अंक पाने के लिए हमारे इस लेख को ध्यान से पूरा पढें
खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली एजेंशी। CBSE दसवीं और बारहवीं के स्टूडेंट्स इस वक्त परीक्षाओं की तैयारी में जुटे हैं। आगामी 15 फरवरी, 2024 से वार्षिक परीक्षाएं शुरू हो रही हैं। ऐसे में स्टूडेंट्स के पास अब तैयारियों के लिए बेहद कम समय ही बचा है। इसी क्रम में आज हम छात्र-छात्राओं को कुछ ऐसी मिस्टेक्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जो अक्सर वे एग्जाम में कर देते हैं और इसकी वजह से उन्हें अच्छे अंक नहीं मिल पाते हैं। आइए जानते हैं कि ऐसे कौन – काैन से मिस्टेक है–
- साइंस के पेपर में अक्सर यह देखने को मिलता है कि CBSE स्टूडेंट्स डायग्राम स्पष्ट और क्लीयर नहीं बनाते हैं, अगर ऐसा करते भी हैं तो उनकी प्रॉपर तरीके से नाम नहीं लिखते हैं। इस वजह से कई बार, डायाग्रम वाले क्वैश्चन में अच्छे अंक नहीं मिल पाते हैं।
- इसी तरह अगर इंग्लिश सब्जेक्ट की बात करें तो यहां भी कई गलतियां कर बैठते हैं, जैसे सही जगह पर क्वामा, फुलस्टॉप या फिर स्पैलिंग एरर देखने को मिलती है। ये मिस्टेक करने के बाद आप कितनी भी सही आंसर क्यों न लिखें लेकिन इन बेसिक गलतियों की वजह से अच्छे अंक नहीं मिल पाते हैं।
- इसी तरहCBSE मैथ्स और हिंदी जैसे विषयों में भी छात्र-छात्राएं गड़बड़ी करते हैं। मैथ्स में ही प्लस या माइनस का साइन नहीं लगाते हैं या फिर हिंदी में भी मात्राओं पर ध्यान नहीं देते हैं। जल्दबाजी में बस आंसर लिख देते हैं और यह नहीं देखते कि कि वाक्य ठीक है या नहीं। इन वजहों से भी नंबर नहीं मिल पाते हैं।
- कई बार तो CBSE स्टूडेंट्स इतनी हड़बड़ी में होते हैं कि पेपर के निर्देशों को ढंग से नहीं पढ़ते हैं और किसी सेक्शन से कुछ निर्धारित क्वैश्नन सॉल्व करने होते हैं तो वे उनमे से कुछ कम कर देते हैं। इसक अंदाजा उन्हें बाद में लगता है, लेकिन तब तक वक्त निकल चुका होता है और इसलिए भी बेहतर परफॉर्म करने से चूक जाते हैं।
इस साल से CBSE स्टूडेंट्स को मिलेगा साल में दो बार बोर्ड एग्जाम देने का मौका
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) की ओर से 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं 15 फरवरी 2024 से शुरू हो रही हैं। परीक्षाओं के लिए जल्द ही प्रवेश पत्र रिलीज किए जाएंगे। हालांकि अभी तक बोर्ड की ओर से कोई सूचना नहीं जारी की गई है कि एडमिट कार्ड कब रिलीज किए जाएंगे। इसलिए परीक्षार्थियों को आगाह किया जा रहा है कि वे सी बी एस सी के पोर्टल पर विजिट करते रहें।
- बोर्ड परीक्षार्थियों के तनाव को घटाने के लिए लिया गया है यह फैसला
- दोनों बार बोर्ड एग्जाम में मिलने वाले बेहतर अंक को किया जाएगा रिजल्ट में शामिल
- पहली बार परीक्षार्थियों को नवंबर-दिसंबर में मिल सकता है मौका
CBSE बोर्ड के स्टूडेंट्स को इसी साल से दो बार परीक्षा में शामिल होने का मौका मिलेगा। यह इसलिए, क्योंकि इस संबंध में आई ताजा अपडेट के मुताबिक केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) इसी वर्ष से दो बार परीक्षाएं आयोजित करेगा। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, शिक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी है। इस बयान के अनुसार, पहली बार 10वीं और 12वीं के स्टूडेंट्स दो बार Board Exam देंगे।
CBSE Board Exam 2024: पहली बार नवंबर- दिसंबर में हो सकती है परीक्षा
ऐसा कहा जा रहा है कि पहली बार नवंबर-दिसंबर में परीक्षा का आयोजन हो सकता है। वहीं, छात्र-छात्राओं को दूसरा अवसर फरवरी- मार्च में मिल सकता है। हालांकि, इस संबंध में सीबीएसई बोर्ड की ओर से साल में दो बार बोर्ड परीक्षाएं आयोजित करने के संबंध में और पहली बार एग्जाम कब कंडक्ट होगा। इस संबंध में अभी तक कोई आधिकारिक सूचना जारी नहीं की गई इसलिए स्टूडेंट्स को सलाह दी जाती है कि वे इस संंबंध में लेटेस्ट अपडेट पाने के लिए केवल आधिकारिक वेबसाइट https://www.cbse.gov.in पर विजिट करें।
CBSE Board Exam: अभी तक साल में एक ही बार होते हैं एग्जाम
CBSE समेत कई अन्य राज्यों की बोर्ड परीक्षाएं अभी तक साल के अंत में फरवरी- मार्च में एक बार एग्जाम कंडक्ट कराई जाती हैं , लेकिन हाल ही में नई शिक्षा नीति के तहत शिक्षा मंत्रालय की ओर से यह फैसला लिया गया है कि अब साल में दो बार बोर्ड परीक्षाएं होंगी। हालांकि, छात्र-छात्राओं को दोनों बार एग्जाम में शामिल होने का दबाव नहीं होगा। इसके साथ ही बेस्ट स्कोर को रिजल्ट में शामिल किया जाएगा।
CBSE बोर्ड परीक्षा में विद्यार्थियों द्वारा की जाने वाली कुछ सामान्य गलतियाँ
- परीक्षा में मिलने वाले पहले 15 मिनट का सही इस्तेमाल न करना
- बोर्ड परीक्षा में विद्यार्थियों को परीक्षा लिखने से पहले प्रश्न पत्र पढ़ने के लिए 15 मिनट का समय दिया जाता हैl बोर्ड की ओर से यह एक्स्ट्रा टाइम इस लिए दिया जाता है ता कि विद्यार्थी इस दौरान अगले तीन घंटों के लिए एक रणनीति तैयार कर सकें और उन तीन घंटों को सिर्फ़ और सिर्फ़ परीक्षा लिखने के लिए ही इस्तेमाल करेंl परन्तु अधिक्तर विद्यार्थी 15 मिनट के इस समय में प्रश्नों को लिखने के लिए सही अनुक्रम और रणनीति तैय करने के बजाए महज उन्हें पढ़ने में ही सारा समय बिता देते हैं और बाद में परीक्षा लिखते समय उन्हें दिक्कत का सामना करना पड़ता है कि कहाँ से शुरू करें और क्या लिखेंl
- प्रश्न को सही से पढ़ने और समझने में चूक जाना
- परीक्षा के दबाव, डर और समय सीमा प्रभाव के चलते विद्यार्थियों की दिमागी सतर्कता काफी हद तक प्रभावित होती है, जिसकी वजह से वे प्रश्नों को सही से पढ़ने में चूक जाते हैं और उनमें पूछी गई असल समस्सया को बिना समझे उसका हल लिखना शुरू कर देते हैं और फिर सही कॉन्सेप्ट ना लिखने की वजह से महत्वपूर्ण अंक खो बैठते हैंl
- उदाहरण के तौर पर गणित के किसी प्रश्न में कौनसी थ्योरम का इस्तेमाल होना है, या साइंस का कोई numerical किस सिद्धांत के आधार पर हल होगा, विद्यार्थी इन ज़रूरी बातों को समझने में गलती कर बैठते हैंl
- वर्ड लिमिट का ध्यान ना रखना
- अधिक्तर विद्यार्थियों का यह सोचना है कि बोर्ड एग्जाम में जितने लम्बे उत्तर लिखेंगे उतने ही ज़्यादा अंक प्राप्त होंगेl जिसके चलते वह कुछ प्रश्नों के उत्तर लिखने में ही अधिक्तर समय ख़र्च कर देते हैं और बाकी बचे प्रश्नों को कम समय में जल्दी हल करने के चक्कर में कई गलतियाँ कर बैठते हैंl अधिक शब्द लिखने से अधिक अंक मिलने वाली बात बिलकुल सही नहीं हैl दरअसल एग्जामिनर आपके उत्तर में सिर्फ़ सही कॉन्सेप्ट और तर्क के लिए ही अंक देते हैं ना कि यहाँ-वहाँ की कहानियाँ लिखने के लिएl ऐसे उत्तरों के लिए एग्जामिनर आपके अंक काट सकते हैं जिनमे से उन्हें ढूंढ-ढूंढ कर key-points निकालने पड़ेंl
- परीक्षा लिखने के लिए सही टाइम मैनेजमेंट की कमी होना
- लगभग हर विद्यार्थी यह बात अच्छे से जानता है कि बोर्ड परीक्षा में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए टाइम मैनेजमेंट यानि समय का सही प्रबंधन बेहद ज़रूरी है लेकिन परीक्षा के दबाव और चिंता के चलते हर विद्यार्थी समय का सही प्रबंधन करने से चूक जाता हैl डर व घबराहट के चलते विद्यार्थी allotted time और word limit को ध्यान में नहीं रखते हैं और विभिन्न खण्डों और प्रश्नों को लिखने के लिए सही रणनीति नहीं बना पाते जिसका नतीजा ख़राब रिजल्ट के रूप में सामने आता हैl इसके लिए विद्यार्थियों को परीक्षा लिखने से पहले ही उचित प्लान तैयार कर लेना चाहिए जिसमें वे प्रत्येक प्रश्न के लिए उचित समय निर्धारित करें और उस समय सीमा को फॉलो करेंl
- प्रश्न में दिए डाटा को सही से कॉपी ना करना
- परीक्षा के कारण होने वाले दबाव और चिंता का यह एक और नतीजा है, जिसमें विद्यार्थी किसी प्रश्न या नुमेरिकल को हल करते समय प्रश्न पत्र से गलत टर्म्स या डाटा कॉपी कर लेते हैं जिसकी वजह से सही स्टेप और कैलकुलेशन के बावजूद गलत उत्तर आता है और महज़ एक गलत टर्म या डाटा लिखने की वजह से उस ख़ास प्रश्न में आपको कोई अंक नहीं मिल पाताl इसलिए विद्यार्थियों को थोड़ी सतर्कता बरतनी होगी जिससे वे अपने महत्वपूर्ण अंक बचा सकेंl
- यह थी कुछ सामान्य गलतियाँ जो विद्यार्थी ना चाहते हुए भी परीक्षा के कारण होने वाले दबाव और घबराहट के चलते कर बैठते हैं और कुछ महत्वपूर्ण अंक खो बैठते हैंl विद्यार्थिओं को चाहिए के वे बोर्ड परीक्षा को एक सामान्य परीक्षा की तरह लेते हुए अपने दिमाग को शांत व सतर्क रखें और एग्जामिनेशन हॉल में सही प्लान और रणनीति के साथ ही बैठेंl सकारात्मक सोच और आत्मविश्वास को कभी न खोएंl आपको ज़रूर बेहतरीन परिणाम प्राप्त होगाl