भ्रमित किये जाने वाले नामों से उर्वरक की बिक्री करने वाले पर होगी सख्त कार्रवाई: जिला कृषि अधिकारी विनोद कुमार यादव

चंदौली।अधिसूचित प्राधिकारी (उर्वरक)/जिला कृषि अधिकारी विनोद कुमार यादव ने बताया कि जनपद में उर्वरक के नाम पर डुप्लीकेट खाद की बिक्री करने वाले समस्त थोक उर्वरक विक्रेता, समस्त फुटकर उर्वरक विक्रेता को पत्र के माध्यम से अवगत कराया है कि कृषि निदेशालय उत्तर प्रदेश (उर्वरक अनुभाग) कृषि भवन, लखनऊ के पत्रांक-1873 दिनाँक- 21 सितम्बर, 2016 एवं पत्रांक-1483 दिनाँक-15 दिसम्बर, 2021 के द्वारा निर्देश निर्गत किये गये थे कि फॉस्फेटिक उर्वरकों के नाम पर अन्य उत्पाद को विक्रय किये जाने एवं विक्रय केन्द्रों पर जैविक डी0ए0पी0, बायो डी0ए0पी0, आर्गेनिक डी0ए0पी0, डी0ए0पी0 का विकल्प आदि भ्रामक नामों से उत्पादो की अवैध रूप से बिकी किये जाने/प्रकरण इत्यादि प्रकाश में आने पर संबंधित दोषी व्यवसायियों के विरूद्ध उर्वरक (अकार्बनिक, कार्बनिक या मिश्रित) (नियंत्रण) आदेश, 1985 एवं आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के अर्न्तगत नियमानुसार कार्यवाही करना सुनिश्चित करें।

कृषि निदेशालय, उत्तर प्रदेश (उर्वरक अनुभाग), कृषि भवन, लखनऊ के पत्रांक-712 दिनाँक 31 जुलाई, 2024 के द्वारा इसी परिपेक्ष्य में पुनः निर्देश निर्गत किये गये हैं कि कुछ व्यवसायियों द्वारा फॉस्फेट रिच आर्गेनिक मैन्योर के बैगों पर भारत डी0ए0पी0, डी0ए0पी0 (ड्यूरेवल एग्रीकल्चर प्रोडक्ट), डी0ए0पी0 (डबल एक्शन पावर), डी0ओ0पी0 आदि नाम से किया जा रहा है।
अतः आपको निर्देशित किया जाता है कि निम्न‌लिखित निर्देशों का पालन सुनिश्चित करें-

1- समस्त उर्वरक विनिर्माता कम्पनी, थोक एवं फुटकर उर्वरक विक्रेताओं द्वारा उन्हीं उत्पादो का विनिर्माण/ विक्रय/ भण्डारण/ परिसंचलन किया जाये, जो कि उर्वरक (अकार्बनिक, कार्बनिक या मिश्रित) (नियंत्रण) आदेश, 1985 में वर्णित हो अथवा राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित हो। इसके अतिरिक्त ऐसे किसी भी उत्पाद का विक्रय न किया जाये, जिसके उर्वरक होने का भ्रम हो अथवा उर्वरकों के स्वरूप से मिलता-जुलता हो।

2- फॉस्फेट रिच आर्गेनिक मैन्योर के प्रकरणों में यह सुनिश्चित किया जाये कि उनके बैगों में जैविक डी0ए0पी0, बायो डी0ए0पी0, आर्गेनिक डी0ए0पी0, डी0ए0पी0 का विकल्प, भारत डी0ए0पी0, डी0ए0पी0 (ड्यूरेवल एग्रीकल्चर प्रोडक्ट), डी0ए0पी0 (डबल एक्शन पावर), डी0ए0पी० व पोटास ड्राइब्ड फॉम मोलेसिस के प्रकरणों में यह सुनिश्चित किया जाये कि उनके बैगों पर पोटास इत्यादि अंकित न हो।

उपरोक्त निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाये, यदि किसी खुदरा, थोक एवं उर्वरक विनिर्माता द्वारा उक्त निर्देशों का अनुपालन नहीं किया जाता है तथा निरीक्षण/शिकायत की स्थिति में विषम परिस्थिति पायी जाती है तो संबंधित के विरूद्ध उर्वरक (अकार्बनिक, कार्बनिक या मिश्रित) (नियंत्रण) आदेश, 1985, उर्वरक संचलन नियंत्रण आदेश, 1973 एवं आवश्यक वस्तु अधिनियम के अर्न्तगत बिना स्पष्टीकरण प्राप्त किये ही वैधानिक कार्यवाही की जायेगी, जिसके लिए संबंधित उर्वरक विनिर्माता/थोक उर्वरक विकेता/फुटक उर्वरक विक्रेता स्वंय जिम्मेदार होगें।