पूरा देश आज 74वां गणतंत्र दिवस (Republic Day) मना रहा है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने तिरंगा फहराया। इसके बाद कर्तव्य पथ पर परेड का भव्य आयोजन किया गया। इस साल मिस्र के राष्ट्रपति अब्लेद फतह अल-सीसी गणतंत्र दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल रहे।
74वें गणतंत्र दिवस पर भारतीय सेनाओं ने स्वदेशी की ताकत दिखाई। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कर्तव्य पथ पर जब तिरंगा फहराया, उसके बाद परेड की शुरुआत हुई। सेनाओं के स्वदेशी हथियारों का प्रदर्शन किया गया। इस दौरान नारी शक्ति की तस्वीर दिखी। डेयर डेविल्स ने वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया और 50 एयरक्राफ्ट के फ्लाई पास्ट में राफेल गरजे। इनके अलावा आर्म्ड फोर्सेस, राज्यों और विभागों की 23 झांकियां निकाली गईं।
74वें गणतंत्र दिवस परेड के मौके पर भारतीय वायुसेना के 45 विमान, भारतीय नौसेना का एक और भारतीय सेना के चार हेलीकॉप्टरों ने आसमान में हैरतअंगेज करतब दिखाए। इस दौरान दुनिया ने राफेल विमानों की भी ताकत देखी।
Republic Day 2023 की सुबह मोदी ने वार मेमोरियल पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। देशवासियों को शुभकामनाएं दीं और कहा कि आजादी के योद्धाओं का सपना हम सभी मिलकर पूरा करेंगे। इस बार इजिप्ट यानी मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतेह अल सीसी मुख्य अथिति थे। उनके देश की टुकड़ी ने भी परेड मेें हिस्सा लिया।
पहली बार परेड में शामिल हुए अग्निवीर
Republic Day 2023 गणतंत्र दिवस की परेड में पहली बार अग्निवीर शामिल हुए। लेफ्टिनेंट कमांडर दिशा अमृत के नेतृत्व में 144 युवा नाविकों की नौसेना टुकड़ी ने कर्तव्य पथ पर मार्च किया। इस दौरान टुकड़ी में 3 महिलाएं और 6 पुरुष अग्निवीर शामिल रहे।
Republic Day 2023 परेड की वो खास बाते जिस पर पूरे देश को गर्व है
- अब तक ब्रिटेन में बनी तोपों से सलामी दी जाती थी।पहली बार भारतीय तोपों ने सलामी दी।
- इस बार परेड की खास बात ये कि रही कि सभी स्वदेशी हथियार रहे ।अर्जुन टैंक, वज्र तोपों और आकाश मिसाइल सिस्टम के अलावा कर्तव्य पथ पर ब्रह्मोस मिसाइल नजर आई।
- एयर डिफेंस मिसाइल रेजिमेंट की ओर से आकाश वेपन सिस्टम को लेफ्टिनेंट चेतना शर्मा ने लीड किया। उनके साथी लीडर कैप्टन सुनील दशराथे थे।
- लेफ्टिनेंट कमांडर दिशा अमृत के नेतृत्नौव में सेना की टुकड़ी के 144 सेलर्स का नेतृत्व किया। 3 महिला और 6 पुरुष अग्निवीर पहली बार कर्तव्य पथ पर नजर आए।
- सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स की पूरी टुकड़ी में सिर्फ महिलाएं थीं। यह ऑल वुमन कॉन्टिजेंट था।
कॉर्प्स के हवलदार सुजीद मोंडल ने 18 फीट ऊंची सीढ़ी लगाकर मोटरसाइकिल चलाई। कॉर्प्स के मुताबिक, दुनिया में कभी भी मोटरसाइकिल पर इतनी ऊंचाई वाली सीढ़ी से सवारी नहीं की गई। सुजीद के अलावा लांस नायक अजय यादव ने मोटरसाइकिल पर 50 योग मुद्राएं दिखाईं और नायक स्वप्निल ए ने सूर्य नमस्कार किया।
PM मोदी इस बार तीन रंग वाली राजस्थानी पगड़ी में नजर आए, पिछली बार पहनी थी उत्तराखंड की टोपी जो रही चर्चा का विषय
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी परेड से पहले वॉर मेमोरियल गए। शहीदों को श्रद्धांजलि दी। मोदी भगवा-पीले-लाल रंग की राजस्थानी पगड़ी और सफेद मफलर में नजर आए। प्रधानमंत्री मोदी ने पिछली बार गणतंत्र दिवस पर कुर्ता-पायजामा पहना था। उनके गले में मणिपुर का पारंपरिक लेंग्यान गमछा था। उन्होंने उत्तराखंड की टोपी पहनी थी, जिस पर ब्रह्मकमल बना था। पूर्व चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत भी ऐसी ही टोपी पहनते थे।
Republic Day 2023 भारतीय गणतंत्र की 7 बातें ऐसी हैं, जो पहली बार हुईं…
1. अंग्रेजों की बनाई तोपों की जगह भारतीय तोपों से दी गई सलामी
Republic Day 2023 गणतंत्र दिवस में राष्ट्रगान के दौरान 21 तोपों की सलामी दिए जाने की परंपरा है। अब तक ये सलामी ब्रिटेन में बनी 25-पाउंडर तोपों से दी जाती थी, जो द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान भी इस्तेमाल की गई थीं। इस बार इनकी जगह भारत में बनी 105MM इंडियन फील्ड गन से सलामी दी गई। ये तोपें जबलपुर और कानपुर की गन फैक्ट्री में बनाई गई थीं।
इन्हें 1972 में डिजाइन किया गया था और ये 1984 से सर्विस दे रही हैं। दिल्ली एरिया के चीफ ऑफ स्टाफ मेजर जनरल भवनीश कुमार ने कहा कि 105MM देश में बनी तोपें हैं इसलिए हम इनसे सलामी देना चाहते हैं। यह हमारे लिए गर्व का विषय है।
2. BSF की ऊंट टुकड़ी में पहली बार महिला आफिसर
Republic Day 2023 गणतंत्र दिवस पर पहली बार बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) की ऊंटों की टुकड़ी में महिला अफसर को शामिल किया गया था। सरफेस टु एयर मिसाइल सिस्टम आकाश टुकड़ी का नेतृत्व लेफ्टिनेंट चेतना शर्मा ने किया। इनमें आर्मी के 3 और एयरफोर्स और नेवी की एक-एक मेंबर्स शामिल थे।
सपना हुआ पूरा -लेफ्टिनेंट चेतना
लेफ्टिनेंट चेतना ने कहा कि उनका सपना पूरा हो गया। चेतना आर्मी एयर डिफेंस यूनिट में पोस्टेड हैं। चेतना के अलावा लेफ्टिनेंट डिंपल भाटी आर्मी की डेयरडेविल्स मोटरसाइकिल टीम का हिस्सा होंगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए वो पिछले एक साल से ट्रेनिंग कर रही हैं।
3. इंडियन एयरफोर्स के गरुड़ कमांडो, एयर-फील्ड ऑपरेशन में एक्सपर्ट
Republic Day 2023 इंडियन एयरफोर्स (IAF) की स्पेशल गरुड़ कमांडो फोर्स भी परेड में नजर आई। 2004 में बनी इस स्पेशल फोर्स की ट्रेनिंग सबसे ज्यादा 72 हफ्तों तक चलती है। अभी इस फोर्स में 1780 कमांडो हैं। ये एंटी टेरर ऑपरेशन और एयर-फील्ड डिफेंस में एक्सपर्ट होते हैं।
ये सभी तरह के आधुनिक हथियार चलाने में माहिर होते हैं। 2 जनवरी 2016 में पठानकोट एयरबेस पर आतंकवादी हमले के दौरान मोर्चा गरुड़ कमांडोज ने ही संभाला था। इस हमले में 2 सैनिक शहीद हुए थे।
4. फ्लाई पास्ट में पहली और आखिरी बार दिखा विंग्ड स्टैलियन
फ्लाई पास्ट में 44 एयरक्राफ्ट ने हिस्सा लिया। इनमें 9 राफेल भी थे। इनके अलावा C-17, C-130, सुखोई-30 भी फ्लाई पास्ट में शामिल हुए। इन एयरक्राफ्ट्स ने नेत्र, बजरंग, वर्टिकल चार्ली, ध्वज, रुद्र, बाज, प्रचंड, तिरंगा, तंगैल, गरुड़, अमृत और त्रिशूल फॉरमेशन में उड़ान भरी।
Republic Day 2023 खास बात ये है कि नेवी का इल्यूसिन IL-38 पहली और आखिरी बार परेड में शामिल हुआ। निगरानी और एंटी सबमरीन एयरक्राफ्ट 1977 में नेवी में शामिल किया गया था। 42 साल की सेवा के बाद इस साल के आखिर में इसे हटा दिया जाएगा। इसे विंग्ड स्टैलियन भी कहा जाता है।
5. सिर्फ स्वदेशी हथियारों का डिस्प्ले, अग्निवीर भी परेड में शामिल
परेड में सिर्फ मेड इन इंडिया यानी स्वदेशी हथियारों का डिस्प्ले किया गया। यहां तक कि एम्युनिशन भी स्वदेशी हैं। दिल्ली एरिया के चीफ ऑफ स्टाफ मेजर जनरल भवनीश कुमार ने बताया कि आत्मनिर्भर भारत के तहत सेना कई स्वदेशी इक्विपमेंट्स का प्रदर्शन किया।
इस परेड में K-9 वज्र हॉविट्जर्स, MBT अर्जुन, नाग एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल, ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल, आकाश एयर डिफेंस मिसाइल और क्विक रिएक्शन फाइटिंग व्हीकल्स नजर आए। मेजर जनरल भवनीश कुमार ने कहा कि हम स्वदेशी की तरफ मुड़ रहे हैं। वो वक्त दूर नहीं जब हमारे सभी उपकरण स्वदेशी होंगे।
6. पहली बार नारकोटिक्स ब्यूरो की झांकी, दिखेंगे कैनाइन मेंबर्स लिंबू और जैली
Republic Day 2023 नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) की झांकी पहली बार परेड में दिखाई दी। नो ड्रग्स इसका मैसेज था। इस झांकी में NCB मेंबर्स के अलावा उनके डॉग स्क्वॉड के भी 2 मेंबर्स मौजूद रहेंगे। कैनाइन स्क्वॉड के इन डॉग्स का नाम लिंबू और जैली है। ये कई ऑपरेशन में नशे की खेप पकड़वाने में रोल निभा चुके हैं।
झांकी पर नशा मुक्त भारत का संदेश लिखा होगा। साथ ही इसके मेंबर्स भारत के विविध परिधानों के साथ दिखाई दिए। इसके जरिए यह संदेश दिया कि साथ मिलकर हम नशा मुक्त भारत का सपना पूरा कर सकते हैं।
7. देश का सबसे बड़ा ड्रोन शो बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी में
300 साल से चली आ रही बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी 29 जनवरी को होनी है। इस बार इस सेरेमनी में देश का सबसे बड़ा ड्रोन शो होगा। इसमें 3200 ड्रोन शामिल होंगे और शाम के वक्त रायसीना हिल्स पर उड़ान भरेंगे। ये देश की अहम घटनाओं को पेश करेंगे। ड्रोन शो 10 मिनट तक चलेगा।
2022 में 1 हजार ड्रोन ने बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी में हिस्सा लिया था। बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी 17वीं सदी में ब्रिटेन से शुरू हुई थी। भारत में यह 1952 में आई थी।
कर्तव्य पथ पर गरजा वज्र गन सिस्टम
कर्तव्य दिवस की परेड में K9-वज्र-टी (स्व-चालित) गन सिस्टम ने भी अपनी ताकत दिखाई।
गणतंत्र दिवस के परेड में 3-लद्दाख स्काउट्स रेजीमेंट के कैप्टन नवीन धाटरवाल के नेतृत्व में क्विक रिएक्शन फाइटिंग व्हीकल की टुकड़ी ने कर्तव्य पथ पर मार्च किया। वाहन आदर्श रूप से लद्दाख, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में सक्रिय सैनिकों के लिए बनाया गया है।
परेड में दिखे वीरता पुरस्कार जीतने वाले रोहन रामचंद्र बहीर
देश के 11 बच्चों को इस साल प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार दिया गया है। ये सभी गणतंत्र दिवस परेड का हिस्सा बने। इनमें महाराष्ट्र के रोहन रामचंद्र बहीर भी हैं, जिन्होंने अपनी जान की परवाह न करते हुए एक महिला को डूबने से बचाया था।
उनके अलावा आर्ट एंड कल्चर में केरल के आदित्य, तेलंगाना की गौरवी, ओडिशा के संभव मिश्रा और असम की श्रेया भट्टाचार्जी, इनोवेशन में कर्नाटक के ऋषि शिव प्रसन्ना और छत्तीसगढ़ के आदित्य प्रताप, सोशल सर्विस में दिल्ली की अनुष्का जॉली, खेल में जम्मू-कश्मीर की हनाया, गुजरात के शौर्यजीत रजितकुमार और आंध्र की कोलागाटला मीनाक्षी ने भी अवॉर्ड जीते हैं। ये भी परेड में शामिल हुए।
24 जनवरी को 3 बातों से पूर्ण हुई आजादी…मिला पहला राष्ट्रपति, राष्ट्रगान और संविधान
26 जनवरी की तारीख तो हम सभी के दिमाग में बसी है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि 24 जनवरी को क्या हुआ था?
1-जी हां, 24 जनवरी…। कैलेंडर की किसी आम तारीख की तरह बीत जाने वाले इस दिन 73 साल पहले भारतीय गणतंत्र की नींव का आखिरी पत्थर रखा गया था।
2-24 जनवरी, 1950 वो दिन था जब संविधान को बनाने वाली कॉन्स्टिट्युएंट असेंबली आखिरी बार इकट्ठा हुई थी। उस दिन तीन बड़े काम हुए थे…
3-पहला, कॉन्स्टिट्युएंट असेंबली के सभी सदस्यों ने संविधान पर हस्ताक्षर किए थे। ये हस्ताक्षर ही हमारे संविधान पर फाइनल मुहर थी।
भारत के पहले राष्ट्रपति के तौर पर डॉ. राजेंद्र प्रसाद का निर्वाचन हुआ था…वो भी सर्वसम्मति से
राष्ट्रगान और राष्ट्रीय गीत पर सहमति बनी थी।
उस दिन की घटनाएं भी कम रोचक नहीं थीं। संविधान की जिस कॉपी पर हस्ताक्षर किए गए वो पूरी तरह हाथ से लिखी गई थी। इसे लिखने वाले ने इसके एवज में कोई फीस भी नहीं ली थी।
जानिए, कैसे इस एक दिन ने 26 जनवरी के विराट उत्सव की तैयारियों का रास्ता तैयार किया? उस दिन जो हुआ उससे जुड़े कुछ रोचक तथ्यों और कहानियों पर एक नजर …
24 जनवरी, 1950…2 साल, 11 महीने और 18 दिन की संविधान-निर्माण यात्रा का आखिरी दिन
संविधान बनाने के लिए गठित की गई कॉन्स्टिट्युएंट असेंबली का पहला सत्र 9 दिसंबर, 1946 को शुरू हुआ था। संविधान का ड्राफ्ट तैयार होकर 26 नवंबर, 1949 को पारित किया गया था।
पूरे 2 साल, 11 महीने और 18 दिन की इस प्रक्रिया के बावजूद संविधान को सत्यापित करने के लिए Constituent Assembly के सभी सदस्यों के हस्ताक्षर होना जरूरी था।
इसके लिए 24 जनवरी, 1950 का दिन तय किया गया था। इस बैठक में तीन बड़े काम होने थे।
पहला काम…राष्ट्रगान तय करना
आधिकारिक Resolution नहीं, डॉ. राजेंद्र प्रसाद के स्टेटमेंट से राष्ट्रगान बना था ‘जन-गण-मन’…‘वंदे मातरम’ को दिया गया था बराबर का दर्जा
24 जनवरी, 1950 को जब Constituent Assembly की बैठक शुरू हुई तो सबसे पहला काम था भारत का राष्ट्रगान तय करना।
कॉन्स्टिट्युएंट असेंबली के चेयरमैन डॉ. राजेंद्र प्रसाद के उस दिन दिए गए बयान के मुताबिक पहले इस पर विचार किया जा रहा था कि राष्ट्रगान के मुद्दे पर आधिकारिक रूप से एक प्रस्ताव लाया जाए, लेकिन अंतत: ये तय किया गया कि राष्ट्रगान पर रिजोल्यूशन लाने के बजाय डॉ. राजेंद्र प्रसाद असेंबली में एक स्टेटमेंट देंगे।
डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने जो स्टेटमेंट असेंबली में पढ़ा उसके मुताबिक ‘जन गण मन’ को राष्ट्रगान बनाया गया और साथ ही कहा गया कि ‘वंदे मातरम’ को बराबर का दर्जा और सम्मान दिया जाएगा।
डॉ. राजेंद्र प्रसाद के इस स्टेटमेंट को असेंबली के सभी सदस्यों ने स्वीकार कर लिया। इसी के साथ ‘जन गण मन’ भारत का राष्ट्रगान और ‘वंदे मातरम’ राष्ट्रीय गीत बन गया।
गणतंत्र का अर्थ होता है जनता का जनता के द्वारा शासन
हमारा देश 200 वर्षों के बाद अंग्रेजी हुकूमत से आजाद होने के बाद 26 जनवरी 1950 को हमारा संविधान लागू किया गया ताकि देश के सभी नागरिकों को अधिकार प्राप्त हो सके। और संविधान में सभी नियम,कानून बनाये गए। जिससे की सुचारु रूप से लागू भी कर दिया गया। जिससे आज ही के दिन हमारा भारत डेमोक्रेटिव रिपब्लिक बना था। गणतंत्र का अर्थ होता है जनता का जनता के द्वारा शासन। यानी की जनता खुद ही अपने नेता का चयन कर सकती है। जनता के कहने पर ही चयनित नेता कार्य करेगा। जिन सेनानियों ने हमें अपना स्वराज्य वापस दिलाया है आज उन्ही की बदौलत से हम आजाद है हम पर कोई भी जबरन काम करने के लिए दबाव नहीं डाल सकते।